जयपुर. बसपा विधायकों के दल-बदल के मामले में विधायक मदन दिलावर और बसपा पार्टी की ओर से हाईकोर्ट में दायर याचिकाओं पर बुधवार को बहस अधूरी रही. न्यायाधीश महेंद्र गोयल ने मामले की सुनवाई गुरुवार को दोपहर 2 बजे तय की है.
मदन दिलावर की ओर से जहां दल-बदल की शिकायत को विधानसभा स्पीकर की ओर से खारिज करने को चुनौती दी गई है, तो वहीं बसपा पार्टी की ओर से विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के 18 सितंबर, 2019 के आदेश को चुनौती दी गई है. बुधवार को सुनवाई के दौरान अदालत में बसपा से पूछा कि उन्होंने 6 महीने की देरी से याचिका क्यों पेश की है.
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वहीं, अदालत ने मदन दिलावर के वकीलों से पूछा कि याचिका में ऐसे कौन से आधार हैं, जिससे याचिका की कोर्ट में सुनवाई चलाई जा सके. यानी कि अदालत ने दिलावर पक्ष से याचिका की मेरिट पर सवाल-जवाब किए. सुनवाई के दौरान मदन दिलावर की ओर से पेश एक अन्य याचिका को वापस ले लिया गया. यह याचिका मदन दिलावर ने स्पीकर की ओर से याचिका खारिज करने की सूचना को आधार बनाकर पेश की गई थी.
गौरतलब है कि बसपा विधायकों के कांग्रेस में शामिल होने के खिलाफ बसपा के राष्ट्रीय महामंत्री सतीश मिश्रा ने एक याचिका मदन दिलावर की याचिका के साथ सूचीबद्ध किया था. याचिका में कहा गया कि बसपा राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी है. उसका कांग्रेस के साथ विलय नहीं हुआ है. ऐसे में केवल बसपा के विधायक कांग्रेस में चले जाते हैं तो उसे दल-बदल नहीं माना जा सकता. इसलिए कांग्रेस में शामिल होने विधायकों पर दल-बदल कानून के तहत कार्रवाई की जानी चाहिए. साथ ही याचिका में कहा गया कि राष्ट्रीय स्तर की राजनीतिक पार्टी का दूसरी पार्टी में विलय के लिए राष्ट्रीय स्तर पर ही मर्जर होना चाहिए, लेकिन इस मामले में स्पीकर ने 6 बसपा विधायकों को कांग्रेस में शामिल करते हुए पूरी पार्टी का ही विलय मान लिया.