जयपुर. बहुजन समाज पार्टी से कांग्रेस में शामिल हुए 6 विधायकों के दल-बदल के मामले में सुप्रीम कोर्ट में बसपा पार्टी व अन्य की एसएलपी पर सुनवाई हुई. जस्टिस अब्दुल नजीर और जस्टिस केएम जोसेफ की खंडपीठ ने बसपा के अधिवक्ता से पूछा कि उन्होंने हाईकोर्ट की एकलपीठ के आदेश के विरुद्ध सीधे ही सुप्रीम कोर्ट में एसएलपी पेश की है, क्या हाईकोर्ट में एकलपीठ के आदेश के विरुद्ध खंडपीठ में अपील करने का कोई प्रावधान नहीं है. वहीं सुनवाई के दौरान इंटरनेट की बाधा के चलते खंडपीठ ने मामले की सुनवाई 7 जनवरी को तय की है.
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एसएलपी में राजस्थान हाईकोर्ट के गत सप्ताह 24 अगस्त के उस आदेश को चुनौती दी गई है, जिसमें हाईकोर्ट ने बसपा की याचिका को खारिज करते हुए दल-बदल का मामला स्पीकर के समक्ष उठाने की छूट दी थी.
एसएलपी में कहा गया कि बसपा विधायकों को सत्ता का लालच देकर कांग्रेस में शामिल किया गया है. इसके विरुद्ध अपील पहले स्पीकर के समक्ष की गई. जहां सुनवाई नहीं होने पर हाईकोर्ट की एकलपीठ में याचिका पेश की गई, लेकिन हाईकोर्ट ने याचिका खारिज करते हुए दल-बदल के मामले को विधानसभा स्पीकर के सामने उठाने को कहा. वहीं अब विधानसभा अध्यक्ष उनके मामले की सुनवाई नहीं कर रहे हैं. ऐसे में एकलपीठ के आदेश को रद्द कर मामले में दिशा-निर्देश दिए जाए.
सितंबर 2019 में बसपा के छह विधायक कांग्रेस में शामिल हो गए थे. विधानसभा अध्यक्ष डॉ. सीपी जोशी ने बसपा विधायक दल के कांग्रेस में विलय को मंजूरी दे दी थी.