जयपुर. यूक्रेन में फंसे भारतीय लोगों को सुरक्षित भारत लाने को लेकर (Rajasthani Students Trapped in Ukraine) गुरुवार को राजस्थान हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार के एएसजी आरडी रस्तोगी ने कहा कि यूक्रेन से छात्रों सहित अन्य नागरिकों को सुरक्षित देश वापसी के लिए सभी प्रयास किए जा रहे हैं. केन्द्र सरकार द्वारा ऑपरेशन गंगा के तहत यूक्रेन सहित उसके अन्य पड़ोसी देशों राेमानिया व पोलैंड के जरिए 6400 छात्रों व नागरिकों को वापस भारत लाया जा चुका है.
केन्द्र सरकार इस मुद्दे को लेकर बेहद गंभीर है और यूक्रेन में फंसे छात्रों व अन्य नागरिकों की सकुशल वापसी के लिए पूरे प्रयास कर रही है. वहीं, यूक्रेन में भारतीय दूतावास भी समय-समय इस संबंध में एडवायजरी जारी कर रहा है. इसके अलावा यदि कोई सुझाव होगा तो उस पर भी कार्रवाई की जाएगी. इस दौरान राज्य सरकार के एजी एमएस सिंघवी भी अदालत में वीसी के जरिए मौजूद रहे.
एजी ने कहा कि वे भी इस मुद्दे पर एसीएस होम से चर्चा करेंगे और यूक्रेन में फंसे राजस्थान प्रदेश के छात्रों की जानकारी लेंगे. यह जानकारी एएसजी रस्तोगी को मुहैया करा दी जाएगी. वहीं, प्रार्थियों के अधिवक्ता सुदर्शन लड्ढा ने यूक्रेन के सूमी शहर में भारी गोलाबारी में फंसे एक हजार से अधिक भूखे-प्यासे राजस्थान व अन्य प्रदेशों के सभी भारतीय छात्रों की जानकारी अदालत को दी. जिस पर जस्टिस अशोक गौड़ ने सभी पक्षों की बहस सुनकर यूक्रेन में पढ़ रहे प्रदेश के छात्रों की जानकारी देने के लिए कहा है. वहीं, मामले की सुनवाई 5 मार्च को तय की.
दरअसल, भागीरथ राठौर व दिनेश भार्गव ने यूक्रेन में पढ़ रहे अपने बच्चो दीपक राठौर व स्वर्णा भार्गव सहित राजस्थान व सम्पूर्ण देश के हजारों बच्चों के जीवन की सुरक्षा के साथ सकुशल भारत वापसी के लिए (Rajasthan High Court on Russia Ukraine Crisis) हाईकोर्ट में याचिका दायर की है.
यह कहा है याचिका में : याचिका में कहा कि फरवरी के शुरुआत में ही यूक्रेन में हालात बहुत ज्यादा बिगड़ गये थे और नॉर्वे, जापान, इजरायल, यूके सहित कई देशों ने अपने नागरिकों को निकालना शुरू कर दिया था. यूक्रेन में अपने बच्चों की चिंता में उन्होंने बूंदी के सामाजिक कार्यकर्ता चर्मेश शर्मा से मदद मांगी. जिसके बाद शर्मा ने 13 फरवरी को विदेश मंत्रालय में अधिकृत शिकायत दर्ज करवाते हुए यूक्रेन में हजारों भारतीय छात्रों का जीवन संकट में बताते हुए सरकार से सभी को तत्काल भारत लाने की मांग की थी.
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लेकिन भारत सरकार के विदेश मंत्रालय ने उस समय छात्रों को भारत लाने के लिए कोई कार्रवाई शुरू नहीं की. जिन छात्रों ने अपने स्तर पर लौटने की कोशिश की, उन्हें समय पर फ्लाइट ही नहीं मिली. वहीं, एयर टिकिट के रेट भी कई गुना बढ़ गए थे. इसलिए यूक्रेन में फंसे प्रदेश के छात्रों व अन्य नागरिकों को सकुशल भारत लाया जाए.