जयपुर. राज्य सरकार की ओर से जयपुर में दो नगर निगम बनाए जाने और तय समय पर नगर निगम के चुनाव नहीं कराए जाने को चुनौती देने के मामले में बुधवार को भी मुख्य न्यायाधीश इन्द्रजीत माहंति और न्यायाधीश महेन्द्र गोयल की खंडपीठ में सुनवाई जारी रही. अदालत याचिकाकर्ता सतीश शर्मा की याचिका पर गुरुवार को सुनवाई करेगी.
वहीं सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता की ओर से कहा गया कि जयपुर नगर निगम के चुनाव गलत तरीके से स्थगित किए गए हैं. राज्य चुनाव आयोग की जिम्मेदारी है कि वह समय पर जयपुर नगर निगम के चुनाव करवाता. राज्य सरकार के दवाब के कारण चुनाव आयोग ने जयपुर नगर निगम के चुनाव तय समय पर नहीं करवाए हैं. इसके अलावा पुरानी जनसंख्या गणना के आधार पर ही वार्डों की संख्या बढ़ाकर 250 कर दी गई है.
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राज्य चुनाव आयोग की ओर से कहा गया कि नगर निगम का अस्तित्व ही नहीं है तो चुनाव कैसे कराए. आयोग की ओर से कहा गया कि वह तय समय पर पूरी तरह से चुनाव कराने के लिए तैयार था, लेकिन राज्य सरकार ने ऐन वक्त पर नगर निगम चुनाव स्थगित कर दिए.
गौरतलब है कि मंगलवार को राज्य सरकार ने अदालत में कहा था कि उन्होंने जनहित में जयपुर नगर निगम को दो हिस्सों में बांटने का फैसला लिया था. इसमें किसी भी तरह की खामी नहीं रखी है. इसके अलावा राज्य सरकार को दो नगर निगम बनाने और चुनाव को स्थगित करने का अधिकार है.