जयपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य मंत्री डॉ. रघु शर्मा ने गुरुवार को कहा है कि प्रदेश में वैक्सीन की सप्लाई नहीं होने से वैक्सीनेशन प्रभावित हो रहा है. उन्होंने कहा है राज्य सरकार की ओर से निरंतर केन्द्र और वैक्सीन सप्लाई कंपनी से संपर्क करने का प्रयास किया जा रहा है, लेकिन कोई सकारात्क जवाब नहीं मिल रहा है. इस कारण प्रदेश में वैक्सीनेशन का ढांचा मजबूत होने के बाद भी वैक्सीन के अभाव में वैक्सीनेशन को लेकर चुनौती का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में निरंतर वैक्सीनेशन के लिए तत्काल 20 लाख डोजेज की जरूरत है.
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि वैक्सीनेशन केवल 18 से 44 आयुवर्ग के लोगों का ही प्रभावित नहीं हो रहा है, बल्कि 45 वर्ष से अधिक लोगों को भी वैक्सीन को लेकर परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है. उन्होंने कहा कि प्रदेश में 45 वर्ष से अधिक आयु के लोगों की संख्या करीब 2 करोड़ 9 लाख है. इस हिसाब से 4 करोड़ से अधिक डोज की आवश्यकता है. अगर 10 प्रतिशत वेस्ट को भी मिला लिया जाए तो इस आयु वर्ग के लिए करीब 4.5 करोड़ डोज की जरुरत है, जबकि वैक्सीन की सप्लाई निरंतर नहीं होने के कारण पूरे प्रदेश में करीब 1 करोड़ 45 लाख लोगों का ही वैक्सीनेशन हो सका है. इस संख्या में सभी आयु वर्ग के लिए पहली और दूसरी डोज की संख्या भी शामिल है.
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वैक्सीनेशन को लेकर तैयारी पूरी
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि राजस्थान ने प्रतिदिन 7 लाख डोज लगाने तक की क्षमता विकसित कर ली है. इसी का नतीजा है कि हम 60 साल से अधिक उम्र के 80 फीसदी लोगों को पहली और करीब 33 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लगा चुके है, जबकि 45 से 60 वर्ष की कैटेगरी में आने वाले 64.4 फीसदी लोगों को पहली और 27.4 फीसदी लोगों को दूसरी डोज लगाई जा चुकी है. उन्होंने कहा कि 45 साल से अधिक लोगों के वैक्सीनेशन की जिम्मेदारी तो पूर्ण रूप से केन्द्र सरकार की है, क्योंकि उन्हें ही वैक्सीन उपलब्ध करानी है. लेकिन, इस आयुवर्ग के लिए भी वैक्सीन की सप्लाई तेजी से नहीं हो पा रही है, जिससे वैक्सीनेशन को लेकर परेशानियां हो रही है.
प्राप्त हुई केवल 6.5 लाख डोज
डॉ. रघु शर्मा ने कहा कि प्रदेश में 18 से 44 आयु वर्ग के लोगों की संख्या 3 करोड़ से अधिक है. इसलिए विभाग की ओर से करीब 3.75 करोड़ डोज का आर्डर सीरम इंस्टीट्यूट को दिया गया है. मई के शुरुआती 12 दिनों में सीरम इंस्टीट्यूट से केवल 6.5 लाख डोज ही मिल सकी है. इस कारण प्रदेश में अधिकतर वैक्सीनेशन साइट पर वैक्सीन की गति धीमी है, क्योंकि डोज कम मात्रा में मिल रही है. उन्होंने कहा कि विभाग की ओर से 8 लाख से अधिक डोज के लिए फिर से कंपनी अधिकारियों से बात की गई है, लेकिन अभी तक इन्हें लेकर भी स्थिति स्पष्ट नहीं है. उन्होंने कहा कि सरकार की ओर से भारत बायोटेक को भी वैक्सीन के लिए एप्रोच किया गया, लेकिन वहां से भी वैक्सीन नहीं मिल पा रही है.
ग्रामीण क्षेत्रों में वैक्सीनेशन से ही रुक सकता है संक्रमण
चिकित्सा मंत्री ने कहा कि देश भर के ग्रामीण क्षेत्रों में संक्रमण तेजी से फैल रहा है. उन्होंने कहा कि इसे रोकने में वैक्सीन की भूमिका अहम है. इसलिए वैक्सीनेशन की उपलब्धता अधिक हो जिससे कि ग्रामीण क्षेत्रों में तेजी से वैक्सीनेशन किया जा सके. उन्होंने कहा कि संक्रमण के फैलाव को रोकने के लिए जरुरी है कि लोग मास्क लगाएं, कोरोना गाइडलाइन का सख्ती से पालन करें. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की ओर से लॉकडाउन लगाया गया है. संक्रमण के प्रभाव को कम करने के लिए लगाया गया है, इसलिए इसकी पालना अवश्यक करें.