जोधपुर. चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग की ओर से समय-समय पर अवैध रूप से मेडिकल प्रैक्टिशनर और झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ अभियान चलाया जाता है. मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. बलवंत मंडा ने बताया कि स्वास्थ्य विभाग का उद्देश्य है आमजन को बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं मिलें. इसको लेकर विभाग की ओर से झोलाछाप डॉक्टरों के खिलाफ कार्रवाई की जा रही है.
गुरुवार को डिप्टी सीएमएचओ (स्वास्थ्य) डॉ. प्रीतमसिंह सांखला, औषधि निरीक्षक आशीष गज्जा, डीएसटी प्रभारी दिनेश डांगी व डिगाड़ी अस्पताल के डॉ. हीरालाल खिलेरी आदि की टीम ने बनाड़ क्षेत्र के अधीन आने वाले उचियारड़ा रोड स्थित नैनो की ढाणी में मिली सूचना के आधार पर अवैध रूप से मेडिकल प्रैक्टिस कर रहे राकेश कुमार प्रजापत की क्लीनिक पर छापेमारी की. जब टीम पहुंची तो झोलाछाप डॉक्टर एक मरीज का उपचार करता पाया गया.
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इस पर डिप्टी सीएमएचओ डॉ. प्रीतम सिंह सांखला ने उससे पूछा कि क्या आपके पास डिग्री है तो उसने बताया कि वह 3 साल से नर्सिंग कर रहा है. इस पर क्लिनिक संचालक राकेश से मेडिकल प्रेक्टिस सम्बंधित डिग्री आदि दस्तावेज दिखाने का कहा गया, लेकिन वह किसी प्रकार के दस्तावेज उपलब्ध नहीं करवाया पाया. इसके पश्चयात स्वास्थ्य विभाग की टीम की ओर से औषधि निरीक्षक ने औषधि नियंत्रण एक्ट के तहत कार्रवाई करते हुए मौके से दवाएं और मेडिकल उपकरण जब्त कर लिए. इसके साथ ही स्वास्थ्य विभाग की ओर से कथित 'झोलाछाप' के खिलाफ बनाड़ थाने में प्राथमिकी भी दर्ज करवाई.