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गृह सचिव और एसपी बताएं अदालती आदेश के बावजूद क्यों नहीं लौटाई राशि : HC

राजस्थान हाईकोर्ट ने दूसरी सेवा में गए पुलिस कांस्टेबल से रिकवर की गई राशि को अदालती आदेश के बावजूद भी नहीं लौटाने पर गृह सचिव और डूंगरपुर एसपी को अवमानना नोटिस जारी किए हैं.

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गृह सचिव और एसपी बताए अदालती आदेश के बावजूद भी क्यों नहीं लौटाई राशि
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Published : Dec 8, 2020, 9:21 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दूसरी सेवा में गए पुलिस कांस्टेबल से रिकवर की गई राशि को अदालती आदेश के बावजूद भी नहीं लौटाने पर गृह सचिव और डूंगरपुर एसपी को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सुरेन्द्र सिंह की अवमानना याचिका पर दिए हैं.

गृह सचिव और एसपी बताए अदालती आदेश के बावजूद भी क्यों नहीं लौटाई राशि

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का चयन शिक्षक पद पर हो गया था. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कांस्टेबल पद को छोड़कर शिक्षक पद ग्रहण करने के लिए पुलिस विभाग से रिलीव लेने की अनुमति मांगी थी. इस पर पुलिस प्रशासन ने याचिकाकर्ता को दिए वेतन का हवाला देकर करीब दो लाख रुपए की रिकवरी निकाल दी.

यह भी पढ़ें- कॉलेज प्रबंधन को सुप्रीम कोर्ट की लताड़, कहा- छात्रा को दें 10 लाख रुपये मुआवजा

याचिकाकर्ता ने रिलीव होने के लिए यह राशि जमा भी करा दी है. वहीं हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को रिकवर की गई राशि लौटाने के आदेश दिए हैं. याचिका में कहा गया कि करीब तीन साल बीतने के बाद भी याचिकाकर्ता को यह राशि नहीं लौटाई गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने दूसरी सेवा में गए पुलिस कांस्टेबल से रिकवर की गई राशि को अदालती आदेश के बावजूद भी नहीं लौटाने पर गृह सचिव और डूंगरपुर एसपी को अवमानना नोटिस जारी किए हैं. न्यायाधीश अशोक गौड़ ने यह आदेश सुरेन्द्र सिंह की अवमानना याचिका पर दिए हैं.

गृह सचिव और एसपी बताए अदालती आदेश के बावजूद भी क्यों नहीं लौटाई राशि

याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता का चयन शिक्षक पद पर हो गया था. ऐसे में याचिकाकर्ता ने कांस्टेबल पद को छोड़कर शिक्षक पद ग्रहण करने के लिए पुलिस विभाग से रिलीव लेने की अनुमति मांगी थी. इस पर पुलिस प्रशासन ने याचिकाकर्ता को दिए वेतन का हवाला देकर करीब दो लाख रुपए की रिकवरी निकाल दी.

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याचिकाकर्ता ने रिलीव होने के लिए यह राशि जमा भी करा दी है. वहीं हाईकोर्ट ने आदेश जारी कर याचिकाकर्ता को रिकवर की गई राशि लौटाने के आदेश दिए हैं. याचिका में कहा गया कि करीब तीन साल बीतने के बाद भी याचिकाकर्ता को यह राशि नहीं लौटाई गई है, जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को अवमानना नोटिस जारी कर जवाब मांगा है.

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