जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और निशक्तजन निदेशक सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को नोटिस जारी कर पूछा है कि किडनी खराब होने के बावजूद अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया गया.
न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश कैलाश कुमावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की एक किडनी खराब है. ऐसे में वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गया था, लेकिन उसका प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया.
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याचिका में कहा गया कि राजस्थान दिव्यांग अधिकार नियम, 2017 के तहत मस्कूलर डिस्ट्रोफी को दिव्यांग श्रेणी में शामिल किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.