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अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनाने पर हाईकोर्ट ने SMS मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल सहित अन्य को नोटिस जारी

जयपुर में अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र नहीं बनाने के मामले में राजस्थान हाईकोर्ट ने एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल सहित अन्य को नोटिस जारी किया है. इस नोटिस में कोर्ट ने पूछा है कि किडनी खराब होने के बावजूद अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया गया.

Rajasthan High Court, दिव्यांग प्रमाण पत्र
हाईकोर्ट ने एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों को जारी किया नोटिस
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Published : Feb 8, 2020, 10:40 PM IST

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और निशक्तजन निदेशक सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को नोटिस जारी कर पूछा है कि किडनी खराब होने के बावजूद अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया गया.

हाईकोर्ट ने एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों को जारी किया नोटिस

न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश कैलाश कुमावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की एक किडनी खराब है. ऐसे में वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गया था, लेकिन उसका प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया.

पढ़ें- राजस्थान पुलिस विभाग में बड़ा फेरबदल, 49 पुलिस इंस्पेक्टरों के हुए तबादले

याचिका में कहा गया कि राजस्थान दिव्यांग अधिकार नियम, 2017 के तहत मस्कूलर डिस्ट्रोफी को दिव्यांग श्रेणी में शामिल किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

जयपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और निशक्तजन निदेशक सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को नोटिस जारी कर पूछा है कि किडनी खराब होने के बावजूद अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया गया.

हाईकोर्ट ने एसएमएस अस्पताल के डॉक्टरों को जारी किया नोटिस

न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश कैलाश कुमावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए. याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की एक किडनी खराब है. ऐसे में वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गया था, लेकिन उसका प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया.

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याचिका में कहा गया कि राजस्थान दिव्यांग अधिकार नियम, 2017 के तहत मस्कूलर डिस्ट्रोफी को दिव्यांग श्रेणी में शामिल किया गया है. जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है.

Intro:बाईट- याचिकाकर्ता के अधिवक्ता रामप्रताप सैनी


जयपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रमुख सामाजिक न्याय सचिव, प्रमुख कार्मिक सचिव और निशक्तजन निदेशक सहित एसएमएस मेडिकल कॉलेज के प्रिंसीपल को नोटिस जारी कर पूछा है कि किडनी खराब होने के बावजूद अभ्यर्थी का दिव्यांग प्रमाण पत्र क्यों नहीं बनाया गया। न्यायाधीश इन्द्रजीत सिंह ने यह आदेश कैलाश कुमावत की याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।Body:याचिका में अधिवक्ता रामप्रताप सैनी ने अदालत को बताया कि याचिकाकर्ता की एक किडऩी खराब है। ऐसे में वह एसएमएस मेडिकल कॉलेज में दिव्यांग प्रमाण पत्र बनवाने गया था, लेकिन उसका प्रमाण पत्र नहीं बनाया गया। याचिका में कहा गया कि राजस्थान दिव्यांग अधिकार नियम, 2017 के तहत मस्कूलर डेस्ट्रोफी को दिव्यांग श्रेणी में शामिल किया गया है। जिस पर सुनवाई करते हुए एकलपीठ ने संबंधित अधिकारियों को नोटिस जारी कर जवाब तलब किया है।Conclusion:
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