जयपुर. पिछले विधानसभा चुनाव में प्रदेश में 3 सीटें और लोकसभा चुनाव में एक सीट पर अपना विजय पताका लहराने वाली राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी ( RLP ) की स्थिति हाल ही में हुए 6 नगर निगम चुनाव में बेहद खराब रही. आलम ये रहा कि हनुमान बेनीवाल की पार्टी का एक भी प्रत्याशी चुनाव नहीं जीत पाया. यह स्थिति तब है जब राष्ट्रीय स्तर पर आरएलपी और बीजेपी का गठबंधन है.
6 में से तीन नगर निगमों में उतारे थे प्रत्याशी
हाल ही में संपन्न हुए जयपुर, जोधपुर और कोटा में नगर निगमों के चुनावों में आरएलपी ने जोधपुर कि दोनों नगर निगम और जयपुर के ग्रेटर नगर निगम में अपने प्रत्याशी उतारे थे. आरएलपी ने सबसे अधिक 21 प्रत्याशी जोधपुर में उतारे. इसमें जोधपुर दक्षिण में 15 और जोधपुर उत्तर में 6 प्रत्याशियों का उतारा गया. इसी तरह जयपुर में 11 प्रत्याशियों को अलग-अलग वार्डों से शहरी सरकार के चुनाव में खड़ा किया.
जोधपुर और जयपुर में कहीं भी आरएलपी का खाता नहीं खुला. हालांकि जोधपुर में 4 वार्ड ऐसे रहे जहां आरएलपी प्रत्याशी दूसरे नंबर पर रहे लेकिन दूसरे वार्डों में आरएलपी के प्रत्याशियों की हालत बहुत खराब रही. जयपुर के तो कुछ वार्डों में आरएलपी प्रत्याशियों को निर्दलीय से भी कम वोट मिले.
हनुमान बेनीवाल का प्रचार नहीं आया काम
जयपुर ग्रेटर नगर निगम में आरएलपी संयोजक और सांसद हनुमान बेनीवाल ने खुद पार्टी प्रत्याशियों के पक्ष में चुनाव प्रचार किया था. बेनीवाल ने वार्ड 71 और वार्ड 63 के प्रत्याशियों के लिए तो छोटी-छोटी जनसभाओं को भी संबोधित किया. लेकिन ना तो आरएलपी और ना ही हनुमान बेनीवाल का जादू मतदाताओं पर देखने को मिला.
अब पंचायत राज चुनाव में ताल ठोंक रही है आरएलपी
नगर निगम चुनावों में खराब प्रदर्शन के बाद अब आरएलपी पंचायत राज चुनाव में भी अपने प्रत्याशियों को उतार रही है. हनुमान बेनीवाल और उनकी पार्टी के पदाधिकारियों का मानना है कि ग्रामीण क्षेत्र में आरएलपी का अच्छा जनाधार है और उनकी पार्टी के कई प्रत्याशियों को जीत मिल सकती है. लेकिन ये तो आने वाला वक्त ही बता पाएगा क्या आरएलपी ग्रामीण क्षेत्रों में अपनी पकड़ बना पाती है या नहीं.