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रेलवे ट्रैक पर तीसरे दिन भी गुर्जरों का कब्जा बरकरार, सरकार का संदेश लेकर पहुंचे नीरज के. पवन

गुर्जर आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर धधक रही गुर्जर आंदोलन की आग तीसरे दिन भी शांत नहीं हो पाई. मंगलवार को भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला के नेतृत्व में धरने पर बैठे गुर्जर समाज और सरकार के बीच कोई समझौता नहीं हो पाया. जानिए पूरे दिन का घटनाक्रम...

Third day of Gujjar reservation movement,  Gujjar reservation movement latest news
गुर्जर आरक्षण
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Published : Nov 3, 2020, 10:44 PM IST

जयपुर. आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ चुका गुर्जर समाज का तीसरे दिन भी दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर कब्जा रहा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने एक बार फिर साफ कह दिया है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन को देखते हुए मंगलवार शाम को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर आईएएस नीरज के पवन पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और कर्नल बैंसला से वार्ता की. साथ ही आश्वासन दिया है कि कर्नल की जो भी असहमति है, उसे जल्द दूर किया जाएगा.

नीरज के. पवन, आईएएस अधिकारी

आंदोलन के तीसरे दिन भी गुर्जर समाज के लोग रेलवे ट्रैक पर ही कब्जा जमाए रहे. दिनभर आंदोलन को लेकर रणनीति बनती रही. शाम को आंदोलनकारियों के बीच कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पहुंचे. उन्होंने समाज के लोगों से बातचीत करते हुए एक बार फिर साफ कह दिया कि मांग पूरी होने से पहले आंदोलन खत्म नहीं होगा. दो दिन के इंतजार के बाद तीसरे दिन शाम को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे नीरज के पवन ने कर्नल बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला से वार्ता की.

पढ़ें- तीसरे दिन आंदोलन को शांत करने पहुंचे नीरज के. पवन, नौकरी के नियुक्ति पत्र लाने समेत दिए कई आश्वासन

इस दौरान नीरज के पवन ने सरकार की ओर से मानीगई मांगों के बारे में जानकारी दी. साथ ही यह भी कहा कि समाज की इसके अलावा अन्य जो भी मांगें हैं, उन्हें भी जल्द पूरा किया जाएगा. सी कोई मांग या समस्या नहीं जिसका समाधान नहीं हो सके.

आंदोलन खत्म करने की अपील

दूसरे गुट ने आंदोलन समाप्त करने की अपील की

गुर्जर आंदोलन शुरू होने से पहले सरकार से वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर सहमति जता चुके समाज के दूसरे गुट ने कर्नल बैंसला से आंदोलन को समाप्त करने की अपील की. पीलूपुरा से 11 सदस्यीय दल कर्नल से वार्ता करने के लिए हिंडौन गया. लेकिन, उनके पहुंचने से पहले ही कर्नल बैंसला पीलूपुरा के लिए रवाना हो गए. इसलिए वार्ता नहीं हो पाई.

कमेटी के सदस्यों ने कहा कि कर्नल बैंसला ने समाज को बहुत दिया और समाज ने भी उनका पूरा सम्मान किया, लेकिन अब आंदोलन करना ठीक नहीं है. अब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को समिति और सरकार की बात मानते हुए आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए. साथ ही सरकार से वार्ता का रास्ता खुला है, उससे बात करनी चाहिए.

वहीं, पूर्व सरपंच विजय राम ने कहा कि ईश्वर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को सद्बुद्धि दें और वे 80 गांव के 11 सदस्य कमेटी का सम्मान करते हुए उनकी बात मानें और आंदोलन को समाप्त कर दें. इसी में हमारी और पूरे समाज की भलाई निहित है.

अन्य स्थानों पर भी आंदोलन की सुगबुगाहट

भरतपुर के पीलूपुरा के बाद गुर्जर आंदोलन की सहबुगाहट राज्य के दूसरे जिलों में भी सुनाई देने लगी है. झालावाड़ में गुर्जर समाज के लोगों ने जहां प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. वहीं, भीलवाड़ा में समाज के लोगों ने बैंसला को समर्थन देते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. इसी प्रकार अजमेर जिले के केकड़ी में भी समाज के लोगों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया.

यातायात प्रभावित होने से लोग परेशान

रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों का कब्जा होने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है. रेलवे प्रशासन के द्वारा पंजाब क्षेत्र में चल रहे किसान आंदोलन के कारण दिल्ली-भटिंडा-दिल्ली त्योहार स्पेशल रेल सेवा का संचालन रद्द कर दिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील बेनीवाल के अनुसार गाड़ी संख्या 04519/04520 दिल्ली-बठिंडा-दिल्ली त्योहार स्पेशल रेल सेवा 5 नवंबर से लेकर 7 नवंबर तक रद्द कर दी गई है.

जयपुर. आरक्षण समेत कई मांगों को लेकर आंदोलन की राह पकड़ चुका गुर्जर समाज का तीसरे दिन भी दिल्ली-मुंबई रेलवे ट्रैक पर कब्जा रहा. कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने एक बार फिर साफ कह दिया है कि मांगें पूरी होने तक आंदोलन जारी रहेगा. आंदोलन को देखते हुए मंगलवार शाम को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर आईएएस नीरज के पवन पीलूपुरा स्थित रेलवे ट्रैक पर पहुंचे और कर्नल बैंसला से वार्ता की. साथ ही आश्वासन दिया है कि कर्नल की जो भी असहमति है, उसे जल्द दूर किया जाएगा.

नीरज के. पवन, आईएएस अधिकारी

आंदोलन के तीसरे दिन भी गुर्जर समाज के लोग रेलवे ट्रैक पर ही कब्जा जमाए रहे. दिनभर आंदोलन को लेकर रणनीति बनती रही. शाम को आंदोलनकारियों के बीच कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला पहुंचे. उन्होंने समाज के लोगों से बातचीत करते हुए एक बार फिर साफ कह दिया कि मांग पूरी होने से पहले आंदोलन खत्म नहीं होगा. दो दिन के इंतजार के बाद तीसरे दिन शाम को सरकार के प्रतिनिधि के तौर पर पहुंचे नीरज के पवन ने कर्नल बैंसला और उनके बेटे विजय बैंसला से वार्ता की.

पढ़ें- तीसरे दिन आंदोलन को शांत करने पहुंचे नीरज के. पवन, नौकरी के नियुक्ति पत्र लाने समेत दिए कई आश्वासन

इस दौरान नीरज के पवन ने सरकार की ओर से मानीगई मांगों के बारे में जानकारी दी. साथ ही यह भी कहा कि समाज की इसके अलावा अन्य जो भी मांगें हैं, उन्हें भी जल्द पूरा किया जाएगा. सी कोई मांग या समस्या नहीं जिसका समाधान नहीं हो सके.

आंदोलन खत्म करने की अपील

दूसरे गुट ने आंदोलन समाप्त करने की अपील की

गुर्जर आंदोलन शुरू होने से पहले सरकार से वार्ता करते हुए 14 बिंदुओं पर सहमति जता चुके समाज के दूसरे गुट ने कर्नल बैंसला से आंदोलन को समाप्त करने की अपील की. पीलूपुरा से 11 सदस्यीय दल कर्नल से वार्ता करने के लिए हिंडौन गया. लेकिन, उनके पहुंचने से पहले ही कर्नल बैंसला पीलूपुरा के लिए रवाना हो गए. इसलिए वार्ता नहीं हो पाई.

कमेटी के सदस्यों ने कहा कि कर्नल बैंसला ने समाज को बहुत दिया और समाज ने भी उनका पूरा सम्मान किया, लेकिन अब आंदोलन करना ठीक नहीं है. अब कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को समिति और सरकार की बात मानते हुए आंदोलन समाप्त कर देना चाहिए. साथ ही सरकार से वार्ता का रास्ता खुला है, उससे बात करनी चाहिए.

वहीं, पूर्व सरपंच विजय राम ने कहा कि ईश्वर कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला को सद्बुद्धि दें और वे 80 गांव के 11 सदस्य कमेटी का सम्मान करते हुए उनकी बात मानें और आंदोलन को समाप्त कर दें. इसी में हमारी और पूरे समाज की भलाई निहित है.

अन्य स्थानों पर भी आंदोलन की सुगबुगाहट

भरतपुर के पीलूपुरा के बाद गुर्जर आंदोलन की सहबुगाहट राज्य के दूसरे जिलों में भी सुनाई देने लगी है. झालावाड़ में गुर्जर समाज के लोगों ने जहां प्रशासनिक अधिकारियों को ज्ञापन देते हुए आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है. वहीं, भीलवाड़ा में समाज के लोगों ने बैंसला को समर्थन देते हुए सरकार को तीन दिन का अल्टीमेटम दिया है. इसी प्रकार अजमेर जिले के केकड़ी में भी समाज के लोगों ने जाम लगाकर प्रदर्शन किया.

यातायात प्रभावित होने से लोग परेशान

रेलवे ट्रैक पर आंदोलनकारियों का कब्जा होने के कारण यातायात प्रभावित हो रहा है. रेलवे प्रशासन के द्वारा पंजाब क्षेत्र में चल रहे किसान आंदोलन के कारण दिल्ली-भटिंडा-दिल्ली त्योहार स्पेशल रेल सेवा का संचालन रद्द कर दिया गया है. उत्तर पश्चिम रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी सुनील बेनीवाल के अनुसार गाड़ी संख्या 04519/04520 दिल्ली-बठिंडा-दिल्ली त्योहार स्पेशल रेल सेवा 5 नवंबर से लेकर 7 नवंबर तक रद्द कर दी गई है.

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