जयपुर. राजधानी में फागोत्सव की धूम रही. कार्यक्रम में प्रसिद्ध लोक नृत्यांगना गुलाबो सपेरा भी रंगी नजर आई. जयपुर के प्राचीन नहर के गणेश जी मंदिर में बुधवार को फागोत्सव का आयोजन हुआ. इस दौरान गुलाबो सपेरा ने अपनी टीम के साथ प्रस्तुति दी. वहीं, लोक नृत्य कलाकारों का दुख व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि कोरोना काल उनके लिए काल बन कर आया है.
राजधानी के प्राचीन नहर के गणेश मंदिर में बुधवार को फागोत्सव के मौके पर भगवान गणेश की नयनाभिराम फागणिया झांकी सजाई गई. इस दौरान भगवान को रंग-बिरंगे परिधान बनाए गए और ढप-चंग, पिचकारी, पचरंगी गुलाल से झांकी सजाई गई. इस दौरान कोरोना के कारण सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन नहीं किया गया. वहीं, फागणिया झांकी के दौरान कोरोना गाइडलाइन को भी फॉलो किया गया. हालांकि, फागोत्सव के दौरान प्रसिद्ध लोक नृत्य कलाकार गुलाबो सपेरा अपनी टीम के साथ भगवान गणेश को रिझाने जरूर पहुंची. इस दौरान उन्होंने भगवान की आराधना में कालबेलिया नृत्य की प्रस्तुति दी.
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ईटीवी भारत से खास बातचीत में उन्होंने बताया कि इस बार कोरोना गाइडलाइन के चलते मंदिर प्रांगण में सांस्कृतिक कार्यक्रम की अनुमति नहीं मिली. लेकिन, उन्होंने भगवान गणेश के सामने प्रस्तुति देने की मंदिर प्रशासन से अपील की, तो उन्हें अपने अंदाज में भगवान की आराधना करने का कुछ समय दिया गया. उन्होंने भगवान से प्रार्थना की जल्द इस महामारी से उबार कर सभी का कल्याण करें. इस दौरान उन्होंने लोक नृत्य कलाकारों पर पड़ी कोरोना की मार की दास्तां भी बयां की. उन्होंने बताया कि कोरोना लोक नृत्य कलाकारों के लिए काल बनकर आया है. उनकी प्रशासन और सरकार ने सुनवाई नहीं की. कोरोना से कलाकार नहीं मरे, लेकिन कोरोना से पैदा हुए आर्थिक संकट उन्हें भूख से मार रहा है.
एक कलाकार आत्महत्या कर चुका है ,और यदि कलाकार मर रहा है तो कला स्वत्: खत्म हो जाएगी. आलम ये है कि उनके खुद के घर का बिजली कनेक्शन काट दिया गया है और वो शहर के बाहर अपने फार्महाउस पर रहने को मजबूर है. उन्होंने कहा कि गुलाबो तो एक जाना माना चेहरा है, जब उनकी ये स्थिति है तो अन्य लोक नृत्य कलाकारों की स्थिति का आंकलन किया जा सकता है. इस दौरान बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी भगवान के दर्शन करने पहुंचे. हालांकि, मंदिर महंत जय शर्मा ने बताया कि कोरोना संक्रमण को देखते हुए व्यवस्थाओं को चाक-चौबंद रखा है, ताकि महामारी विकराल रूप ना ले. इस दौरान मंदिर परिसर में बैरिकेडिंग की व्यवस्था की गई, ताकि श्रद्धालुओं का जमावड़ा ना लगे और लोग आसानी से भगवान की फागणिया झांकी के दर्शन कर सकें.