जयपुर. राजस्थान विधानसभा में मंगलवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया और संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल के बीच हुई नोकझोंक के बाद भले ही भाजपा ने अपना सदन के अंदर धरना स्थगित कर दिया हो, लेकिन यह मामला अभी समाप्त नहीं हुआ है.
दरअसल, मंगलवार को 25 मार्च 2015 की उस प्रोसिडिंग को लेकर मंत्री शांति धारीवाल सामने आए. जिसमें एक स्थगन प्रस्ताव पर कटारिया ने कहा था कि कोई अगर पेड़ पर लटक कर मर जाता है तो उसको भी अगर कोई हमारे खाते में दर्ज करना चाहेगा यह तो उचित नहीं है. इस वक्तव्य को लाकर धारीवाल ने कहा की अच्छा तो यह हो कि कल नेता प्रतिपक्ष अपना इस्तीफा साथ लेकर विधानसभा में आएं.
पढ़ें- मैं भी पीड़ित हूं...अलग से एजेंसी बनाने पर दिक्कत आ सकती है- शांति धारीवाल
इस मामले पर बोलते हुए बुधवार को नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने कहा कि उनके वक्तव्य को धारीवाल और पूरे सदन के साथ स्पीकर पढ़ लें और पढ़ने के बाद मैं स्पीकर सीपी जोशी को यह अधिकार देता हूं कि वह इस पर फैसला करें.
कटारिया ने कहा कि आपदा राहत विभाग के अंतर्गत अगर कोई पेड़ पर लटक कर आत्महत्या कर ले तो वह इसमें कवर नहीं होता है. नियमों के तहत जो हो सकता है वही मैं कर सकता हूं. इस्तीफे की मांग पर उन्होंने कहा की प्रोसिडिंग को स्पीकर देख लें और स्पीकर को मैं पूरे अधिकार देता हूं, वह पढ़ कर निर्णय ले लें. मैं इसके लिए तैयार हूं.