जयपुर. प्रदेश में पुराने हिंदी माध्यम स्कूल के भवन में ही अंग्रेजी माध्यम स्कूलों संचालन और हिंदी माध्यम (Hindi Vs English Medium) में पढ़ने वाले बच्चों को आसपास के अन्य स्कूलों में भेजने के निर्णय पर सियासत तेज हो गई है (English Medium Schools In Rajasthan). अब नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने मुख्यमंत्री से आग्रह किया है कि विद्यार्थियों को हो रही परेशानी को देखते हुए सरकार अपने निर्णय पर पुनर्विचार करे वरना अभिभावकों का गुस्सा जन आंदोलन में तब्दील हो जाएगा.
गुलाबचंद कटारिया ने एक बयान जारी कर कहा (Kataria On English Medium) कि मुख्यमंत्री ने बजट घोषणा 2022-23 में गांव में अंग्रेजी माध्यम स्कूल खोलने की घोषणा कर स्वीकृति जारी की थी. इसे लेकर मई में एक स्पष्टीकरण भी दिया था. जिसमें यह साफ तौर पर उल्लेख था कि जहां स्कूल भवन उपलब्ध है उसमें हिंदी और अंग्रेजी माध्यम के स्कूल संचालित किए जा सकते हैं. दोनों स्कूल अलग-अलग चल सकते हैं लेकिन जहां जगह काम है वहां अंग्रेजी माध्यम का स्कूल सुबह चले और दोपहर में हिंदी माध्यम का स्कूल चले.
अब इसी स्पष्टीकरण को आधार बनाकर भाजपा नेता ने कहा है कि ऐसा हो नहीं रहा है. ऐसा सरकार के हालिया आदेश से जाहिर होता है. कटारिया ने कहा है- हाल ही में सरकार ने एक आदेश निकाल कर यह तय कर दिया कि अंग्रेजी माध्यम के स्कूल तो वहीं संचालित किए जाएंगे जहां के लिए घोषणा की गई थी और जो बच्चे इन हिंदी माध्यम स्कूलों में पढ़ रहे हैं उन्हें आसपास के अन्य स्कूलों में समायोजित किया जाएगा.
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कटारिया ने कहा कि इन स्थानों पर बच्चों और अभिभावकों को 3 से 4 किलोमीटर की दूरी तक कोई सरकारी हिंदी माध्यम स्कूल नहीं मिल रहा. जिससे यह विद्यार्थी और अभिभावक परेशान हैं और जगह-जगह जन आंदोलन भी किया जा रहा है. कटारिया ने कहा ऐसे में मुख्यमंत्री अपने आदेश पर पुनर्विचार करें और जो आदेश मई में निकाले गए थे उसी को यथावत लागू करवाएं.