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Exclusive: उपचुनाव में वसुंधरा के दूरी बनाने से नहीं पड़ा फर्क, सबकुछ उनके अनुसार हो ऐसा भाजपा में नहीं होता: कटारिया

नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बातचीत में कहा कि भले ही भाजपा हाल के उपचुनाव हार गई हो, लेकिन इसका मतलब ये नहीं कि मेवाड़ में पार्टी कमजोर है. उन्होंने कहा कि वसुंधरा राजे के इन चुनावों से दूरी बनाने के चलते कोई फर्क नहीं पड़ा.

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Published : Nov 11, 2021, 1:48 PM IST

Updated : Nov 11, 2021, 2:25 PM IST

जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा भले ही बुरी तरह हारी हो, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया मेवाड़ में भाजपा को कमजोर मानने से इनकार करते हैं. कटारिया के अनुसार दोनों जगह भाजपा प्रत्याशियों को जनता ने स्वीकार नहीं किया, लेकिन प्रदेश में तीसरी शक्ति या तीसरे विकल्प का दावा करने वाले कोई सपना ना देखें. उपचुनाव से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की दूरी और प्रत्याशी के चयन को लेकर उठे विवाद तक के मामलों में कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बात की.

उपचुनाव से वसुंधरा की दूरी का नहीं पड़ा फर्क

कटारिया ने उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी से जुड़े सवाल पर कहा कि इसका उपचुनाव के परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ा. क्योंकि उपचुनाव में पार्टी और कैंडिडेट ही महत्वपूर्ण होता है. कटारिया ने कहा बीजेपी में सामूहिक निर्णय होता है. एक व्यक्ति के निर्णय पर भाजपा नहीं चलती. सामूहिक निर्णय में वसुंधरा जी का भी एक पार्ट हो सकता है, लेकिन सबकुछ उनके अनुसार हो, ऐसा भाजपा में नहीं होता. उपचुनाव परिणाम के बाद वसुंधरा राजे समर्थक भवानी सिंह राजावत और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बयानों पर कटारिया ने कहा की समर्थकों को किसी ना किसी के साथ रहकर बयान देना होता है. किसी के साथ रहेंगे तो ही कोई ना कोई फायदा होगा, लेकिन दिन बुरे हों या अच्छे, पार्टी के साथ रहेंगे तो पार्टी संगठन को ही फायदा होगा. मेरा यही कहना है.

पढ़ें: Sonia Gandhi से मुलाकात के बाद कैबिनेट विस्तार पर बोले गहलोत- आलाकमान जो कहेगा वो हमें मंजूर होगा

बीटीपी का थोड़ा बहुत असर लेकिन आरएलपी मेवाड़ में बेअसर

कटारिया ने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र में पिछले 5 सालों में बीटीपी पार्टी ने उचित स्थानों पर अपना काम दिखाने में सफलता हासिल की है लेकिन यह चिंता का विषय नहीं, क्योंकि पंचायत राज चुनाव में भाजपा ने यहां बीटीपी के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि कटारिया आरएलपी का मेवाड़ क्षेत्र में कोई असर होने की बात स्वीकार नहीं करते. उनके अनुसार वल्लभनगर में आरएलपी ने भाजपा कार्यकर्ता को ही अपना प्रत्याशी बना लिया और जो कुछ वोट मिले वो आरएलपी को नहीं बल्कि भाजपा के उस प्रत्याशी के कामकाज और क्षेत्र में सक्रियता के कारण मिले. कटारिया ने यह भी कहा कि पूर्व में किरोड़ी लाल मीणा ने भी अपना दल बनाकर क्षेत्र में खूब हेलीकॉप्टर से दौरे किए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. क्योंकि राजस्थान में दो दलीय व्यवस्था है और तीसरे दल के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.

पढ़ें: Exclusive : मेयर निलंबन, वादों की फेहरिस्त और विरोधी स्वरों के बीच विकास कार्य करने की कोशिश में बीता एक साल

जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को स्वीकार नहीं किया

कटारिया कहते हैं इस क्षेत्र में भाजपा कमजोर नहीं है बल्कि उपचुनाव में जो प्रत्याशी उतारे गए उन्हें जनता ने नहीं स्वीकार किया. जिसके चलते भाजपा उपचुनाव हार गई. कटारिया यह भी कहते हैं कि धरियावद में अंतिम समय में प्रत्याशी चयन के मामले में बदलाव हुआ. इसके चलते कन्हैयालाल की जगह खेतसिंह मीणा को प्रत्याशी बनाया गया. प्रदेश भाजपा इकाई को उसके अनुरूप क्षेत्र में तैयारी करने का समय नहीं मिला.

उपचुनाव में वसुंधरा के दूरी बनाने से नहीं पड़ा फर्क

पढ़ें: Rajasthan: Pilot के उठाये मुद्दों को सुलझाने वाली कमेटी की फिर Gehlot से चर्चा, इन मुद्दों पर फंसा है पेंच

हार से लिया सबक 2023 भाजपा का खिलाएंगे कमल

उन्होंने कहा कि उपचुनाव में मिली हार से पार्टी और हम सबक लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. मेवाड़ के नाते मैं प्रयास करूंगा कि साल 2023 तक पार्टी को और अधिक मजबूत बना सकूं. ताकि यहां भाजपा का कमाल खिला सकूं. कटारिया ने कहा कांग्रेस भी गलतफहमी ना पाले क्योंकि मेवाड़ में भले ही दो उपचुनाव कांग्रेस ने जीते लेकिन जनता ने कांग्रेस के विरोध में काफी अधिक वोट डाले हैं. बस त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबले के चलते कांग्रेस का प्रत्याशी जीता है.

जयपुर. धरियावद और वल्लभनगर उपचुनाव में भाजपा भले ही बुरी तरह हारी हो, लेकिन नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया मेवाड़ में भाजपा को कमजोर मानने से इनकार करते हैं. कटारिया के अनुसार दोनों जगह भाजपा प्रत्याशियों को जनता ने स्वीकार नहीं किया, लेकिन प्रदेश में तीसरी शक्ति या तीसरे विकल्प का दावा करने वाले कोई सपना ना देखें. उपचुनाव से पूर्व सीएम वसुंधरा राजे की दूरी और प्रत्याशी के चयन को लेकर उठे विवाद तक के मामलों में कटारिया ने ईटीवी भारत से खास बात की.

उपचुनाव से वसुंधरा की दूरी का नहीं पड़ा फर्क

कटारिया ने उपचुनाव में पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे की दूरी से जुड़े सवाल पर कहा कि इसका उपचुनाव के परिणाम पर कोई फर्क नहीं पड़ा. क्योंकि उपचुनाव में पार्टी और कैंडिडेट ही महत्वपूर्ण होता है. कटारिया ने कहा बीजेपी में सामूहिक निर्णय होता है. एक व्यक्ति के निर्णय पर भाजपा नहीं चलती. सामूहिक निर्णय में वसुंधरा जी का भी एक पार्ट हो सकता है, लेकिन सबकुछ उनके अनुसार हो, ऐसा भाजपा में नहीं होता. उपचुनाव परिणाम के बाद वसुंधरा राजे समर्थक भवानी सिंह राजावत और पूर्व विधायक प्रहलाद गुंजल के बयानों पर कटारिया ने कहा की समर्थकों को किसी ना किसी के साथ रहकर बयान देना होता है. किसी के साथ रहेंगे तो ही कोई ना कोई फायदा होगा, लेकिन दिन बुरे हों या अच्छे, पार्टी के साथ रहेंगे तो पार्टी संगठन को ही फायदा होगा. मेरा यही कहना है.

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बीटीपी का थोड़ा बहुत असर लेकिन आरएलपी मेवाड़ में बेअसर

कटारिया ने कहा कि मेवाड़ क्षेत्र में पिछले 5 सालों में बीटीपी पार्टी ने उचित स्थानों पर अपना काम दिखाने में सफलता हासिल की है लेकिन यह चिंता का विषय नहीं, क्योंकि पंचायत राज चुनाव में भाजपा ने यहां बीटीपी के मुकाबले काफी बेहतर प्रदर्शन किया. हालांकि कटारिया आरएलपी का मेवाड़ क्षेत्र में कोई असर होने की बात स्वीकार नहीं करते. उनके अनुसार वल्लभनगर में आरएलपी ने भाजपा कार्यकर्ता को ही अपना प्रत्याशी बना लिया और जो कुछ वोट मिले वो आरएलपी को नहीं बल्कि भाजपा के उस प्रत्याशी के कामकाज और क्षेत्र में सक्रियता के कारण मिले. कटारिया ने यह भी कहा कि पूर्व में किरोड़ी लाल मीणा ने भी अपना दल बनाकर क्षेत्र में खूब हेलीकॉप्टर से दौरे किए, लेकिन सफलता नहीं मिल पाई. क्योंकि राजस्थान में दो दलीय व्यवस्था है और तीसरे दल के लिए कोई गुंजाइश नहीं है.

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जनता ने भाजपा प्रत्याशियों को स्वीकार नहीं किया

कटारिया कहते हैं इस क्षेत्र में भाजपा कमजोर नहीं है बल्कि उपचुनाव में जो प्रत्याशी उतारे गए उन्हें जनता ने नहीं स्वीकार किया. जिसके चलते भाजपा उपचुनाव हार गई. कटारिया यह भी कहते हैं कि धरियावद में अंतिम समय में प्रत्याशी चयन के मामले में बदलाव हुआ. इसके चलते कन्हैयालाल की जगह खेतसिंह मीणा को प्रत्याशी बनाया गया. प्रदेश भाजपा इकाई को उसके अनुरूप क्षेत्र में तैयारी करने का समय नहीं मिला.

उपचुनाव में वसुंधरा के दूरी बनाने से नहीं पड़ा फर्क

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हार से लिया सबक 2023 भाजपा का खिलाएंगे कमल

उन्होंने कहा कि उपचुनाव में मिली हार से पार्टी और हम सबक लेकर आगे बढ़ने की कोशिश करेंगे. मेवाड़ के नाते मैं प्रयास करूंगा कि साल 2023 तक पार्टी को और अधिक मजबूत बना सकूं. ताकि यहां भाजपा का कमाल खिला सकूं. कटारिया ने कहा कांग्रेस भी गलतफहमी ना पाले क्योंकि मेवाड़ में भले ही दो उपचुनाव कांग्रेस ने जीते लेकिन जनता ने कांग्रेस के विरोध में काफी अधिक वोट डाले हैं. बस त्रिकोणीय और चतुष्कोणीय मुकाबले के चलते कांग्रेस का प्रत्याशी जीता है.

Last Updated : Nov 11, 2021, 2:25 PM IST
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