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राजस्थान में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले: नेता प्रतिपक्ष बोले-50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल में फैसले 129 ही क्यों?

विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया ने राज्य में नाबालिगों से दुष्कर्म के मामलों में सजा, चालान पेश करने की अवधि और दुष्कर्म रोकने के लिए सरकार के प्रयासों के बारे में सरकार से सवाल किया. उन्होंने ​कहा कि 50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल में 129 मामलों में ही फैसले क्यों दिए जा (POCSO court decisions in minor rape cases in Rajasthan) सके?. अधिकतर मामलों में सजा में देरी के चलते दुष्कर्मियों के हौसले बढ़ रहे हैं. इसके जवाब में मंत्री शांति धारीवाल ने दुष्कर्म मामलों के आंकड़े, सजा और पेडिंग मामलों का ब्यौरा दिया.

Gulab Chand Kataria
राजस्थान में नाबालिग से दुष्कर्म के मामले
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Published : Mar 8, 2022, 4:22 PM IST

Updated : Mar 8, 2022, 11:55 PM IST

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने राज्य में 2019 से 2022 तक नाबालिग और छोटी बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म का सवाल (Gulab Chand Kataria asked question on minor rapes in Rajasthan) लगाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि 50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल के दौरान केवल 129 में ही फैसले आए. इसकी क्या वजह रही. कटारिया के सवालों का जवाब मंत्री शांति धारीवाल ने दिया.

इसका जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2022 तक नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में 6628 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. कुल 129 प्रकरणों में 398 आरोपियों को न्यायालय से सजा हुई. 4631 प्रकरण में न्यायालय में चालान पेश किया गया. 283 प्रकरण में चालान पेश किया जाना शेष है. इस पर कटारिया ने पूछा कि पॉक्सो एक्ट के तहत कितने दिन में चालान पेश करना अनिवार्य कर रखा है. उसकी पालना कितने दिन में होती है. तो धारीवाल ने जवाब में कहा कि वैसे तो कानून के हिसाब से 60 दिन में चालान पेश करना होता है, लेकिन हमारी कोशिश रहती है कि 15 दिन में पॉक्सो में मोटे तौर पर चालान पेश कर दिया जाता है. प्रदेश में कुल मिलाकर 5793 प्रकरण दर्ज हुए थे.

पढ़ें: Minor rape case in Jodhpur: नाबालिग से दुष्कर्म के अभियुक्त को 20 साल की सजा, 1 लाख 10 हजार का जुर्माना

पोक्सो कोर्ट साल में एक केस भी नहीं सुलझा रहा?: कटारिया ने पूछा कि आपकी पॉक्सो कोर्ट कितनी है और 3 साल में 129 केस में सजा हुई है. इसका मतलब है कि चालान के 7 से 8 प्रतिशत में ही सजा हो रही है. यही कारण है कि नाबालिग के साथ रेप की घटना बार-बार हो रही है. 50 से अधिक कोर्ट हैं. प्रत्येक कोर्ट का साल में एक फैसला हो तो भी 150 में फैसला होता, लेकिन हुए 129 में. इसका मतलब है कि एक पॉक्सो कोर्ट से साल में एक केस भी फैसला नहीं हो रहा है.

पढ़ें: Rape Accused Commits Suicide in Sirohi : नाबालिग से दुष्कर्म, पीड़िता पहुंची थाने और आरोपी ने कर ली खुदकुशी...

इस पर धारीवाल ने कहा कि जिन मामलों में सजा नहीं हो पाती और लंबित हैं, इसके कई कारण हैं. जिनमें हाई कोर्ट का स्टे, एफएसएल की रिपोर्ट नहीं आना, गिरफ्तारी पेंडिंग रह जाना, जैसे कई कारण हैं. लेकिन कोटखावदा में 9 दिन में चालान पेश हुआ, पिलानी में 26 दिन में सजा हुई, कांकरोली में 30 दिन में आजीवन कारावास की सजा हुई ,पादु कला नागौर में 30 दिन में फांसी, सवाई माधोपुर में 2 महीने में दुष्कर्मी को सजा, पुष्कर अजमेर में 4 महीने में, नवलगढ़ में साढ़े 4 महीने में सजा हुई. ऐसे में केस ऑफिसर नियुक्त किया जाता है, जिससे जल्द मामला सुलझाया जाए.

पढ़ें: Jaipur POCSO Court : नाबालिग का अपहरण कर दुष्कर्म करने वाले अभियुक्त को 20 साल की सजा

राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल 2022 पास हुआ तो मामले घटेंगे: धारीवाल ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट की संख्या 54 ही है, जो कम है. युवकों में अपराधी प्रवृत्ति घर करती जा रही है. इसका मुख्य कारण सोशल मीडिया पर बेरोकटोक परोसी जा रही अश्लील सामग्री है. धारीवाल ने कहा कि राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल 2022 पेश हो चुका है, अगर ये पास हुआ तो नोटिफाइड एरिया में सीसीटीवी लगाना मैंडेटरी होगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पैनिक बटन लगेगा ताकि ऐसी घटना होते ही बटन दबाकर सहायता मिल सके. इमरजेंसी रिस्पांस सिक्योरिटी की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की है. उसमें भी ये बटन लगेगा.

महिला दिवस की बात को स्पीकर ने प्रश्नकाल का हवाला देकर रोका: प्रश्नकाल में आज मंत्री ममता भूपेश ने महिला दिवस को लेकर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने प्रश्नकाल का हवाला देकर उन्हें रोक दिया.

जयपुर. राजस्थान विधानसभा में आज नेता प्रतिपक्ष गुलाब चंद कटारिया ने राज्य में 2019 से 2022 तक नाबालिग और छोटी बच्चियों के साथ हुए दुष्कर्म का सवाल (Gulab Chand Kataria asked question on minor rapes in Rajasthan) लगाया. उन्होंने सरकार से पूछा कि 50 पॉक्सो कोर्ट में 3 साल के दौरान केवल 129 में ही फैसले आए. इसकी क्या वजह रही. कटारिया के सवालों का जवाब मंत्री शांति धारीवाल ने दिया.

इसका जवाब देते हुए मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि जनवरी, 2019 से 31 जनवरी, 2022 तक नाबालिग बच्चियों से दुष्कर्म के मामलों में 6628 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया. कुल 129 प्रकरणों में 398 आरोपियों को न्यायालय से सजा हुई. 4631 प्रकरण में न्यायालय में चालान पेश किया गया. 283 प्रकरण में चालान पेश किया जाना शेष है. इस पर कटारिया ने पूछा कि पॉक्सो एक्ट के तहत कितने दिन में चालान पेश करना अनिवार्य कर रखा है. उसकी पालना कितने दिन में होती है. तो धारीवाल ने जवाब में कहा कि वैसे तो कानून के हिसाब से 60 दिन में चालान पेश करना होता है, लेकिन हमारी कोशिश रहती है कि 15 दिन में पॉक्सो में मोटे तौर पर चालान पेश कर दिया जाता है. प्रदेश में कुल मिलाकर 5793 प्रकरण दर्ज हुए थे.

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पोक्सो कोर्ट साल में एक केस भी नहीं सुलझा रहा?: कटारिया ने पूछा कि आपकी पॉक्सो कोर्ट कितनी है और 3 साल में 129 केस में सजा हुई है. इसका मतलब है कि चालान के 7 से 8 प्रतिशत में ही सजा हो रही है. यही कारण है कि नाबालिग के साथ रेप की घटना बार-बार हो रही है. 50 से अधिक कोर्ट हैं. प्रत्येक कोर्ट का साल में एक फैसला हो तो भी 150 में फैसला होता, लेकिन हुए 129 में. इसका मतलब है कि एक पॉक्सो कोर्ट से साल में एक केस भी फैसला नहीं हो रहा है.

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इस पर धारीवाल ने कहा कि जिन मामलों में सजा नहीं हो पाती और लंबित हैं, इसके कई कारण हैं. जिनमें हाई कोर्ट का स्टे, एफएसएल की रिपोर्ट नहीं आना, गिरफ्तारी पेंडिंग रह जाना, जैसे कई कारण हैं. लेकिन कोटखावदा में 9 दिन में चालान पेश हुआ, पिलानी में 26 दिन में सजा हुई, कांकरोली में 30 दिन में आजीवन कारावास की सजा हुई ,पादु कला नागौर में 30 दिन में फांसी, सवाई माधोपुर में 2 महीने में दुष्कर्मी को सजा, पुष्कर अजमेर में 4 महीने में, नवलगढ़ में साढ़े 4 महीने में सजा हुई. ऐसे में केस ऑफिसर नियुक्त किया जाता है, जिससे जल्द मामला सुलझाया जाए.

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राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल 2022 पास हुआ तो मामले घटेंगे: धारीवाल ने कहा कि पॉक्सो कोर्ट की संख्या 54 ही है, जो कम है. युवकों में अपराधी प्रवृत्ति घर करती जा रही है. इसका मुख्य कारण सोशल मीडिया पर बेरोकटोक परोसी जा रही अश्लील सामग्री है. धारीवाल ने कहा कि राजस्थान पब्लिक सेफ्टी बिल 2022 पेश हो चुका है, अगर ये पास हुआ तो नोटिफाइड एरिया में सीसीटीवी लगाना मैंडेटरी होगा. पब्लिक ट्रांसपोर्ट में पैनिक बटन लगेगा ताकि ऐसी घटना होते ही बटन दबाकर सहायता मिल सके. इमरजेंसी रिस्पांस सिक्योरिटी की घोषणा भी मुख्यमंत्री ने की है. उसमें भी ये बटन लगेगा.

महिला दिवस की बात को स्पीकर ने प्रश्नकाल का हवाला देकर रोका: प्रश्नकाल में आज मंत्री ममता भूपेश ने महिला दिवस को लेकर अपनी बात रखनी चाही, लेकिन स्पीकर सीपी जोशी ने प्रश्नकाल का हवाला देकर उन्हें रोक दिया.

Last Updated : Mar 8, 2022, 11:55 PM IST
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