जयपुर. आखिर लक्षित को ग्रेटर नगर निगम ने बर्थ सर्टिफिकेट जारी कर दिया है. अब लक्षित के माता-पिता को सरकारी दफ्तरों के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे. 17 मार्च को इंडिगो की फ्लाइट में जन्मे लक्षित के लिए एयरपोर्ट प्रशासन ने ग्रेटर नगर निगम को पत्र लिखा था. जिसके बाद जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया.
27 दिन पहले फ्लाइट में जन्म लेने वाले मासूम के जन्म प्रमाण पत्र की राह में आ रही बाधाएं दूर हो गई हैं. दरअसल, बच्चे के जन्म के बाद उसके जन्म प्रमाण पत्र बनाने में कई दिक्कतें आई. ललिता और उसके पति भैरो सिंह ने अजमेर जिले में स्थित अपने गांव पहुंच कर बच्चे का बर्थ सर्टिफिकेट बनवाने की इच्छा जताई. लेकिन सरकारी दफ्तर में उसके जन्म की जगह पूछी गई. दंपत्ति ने जन्म की जगह आसमान और प्लेन को बताया तो सरकारी दफ्तर ने सर्टिफिकेट देने से मना कर दिया.
जिसके बाद मासूम के पिता 10 दिन तक सरकारी कार्यालयों में भटकते रहे. इंडिगो ने भी साफ तौर पर मामले में पल्ला झाड़ लिया. हालांकि जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन ने जरूरत पड़ने की स्थिति में घटनाक्रम को लिखकर देने की बात कही. जयपुर एयरपोर्ट प्रशासन ने ग्रेटर नगर निगम को पत्र लिखा. जिसके बाद सोमवार को ग्रेटर नगर निगम के जन्म-मृत्यु प्रमाण पत्र रजिस्ट्रार प्रदीप पारीक ने बर्थ सर्टिफिकेट जारी किया.
आपको बताते हैं कि 17 मार्च को ललिता नाम की महिला बेंगलुरु से जयपुर आने के लिए फ्लाइट में बैठी थी. महिला अजमेर के ब्यावर की रहने वाली है. सफर के दौरान जैसे ही जयपुर नजदीक आने लगा, तो ललिता को अचानक प्रसव पीड़ा शुरू हो गई. फ्लाइट इंडिगो एयरलाइंस की थी. आनन-फानन में इंडिगो के स्टाफ ने उड़ते प्लेन में ही एक महिला चिकित्सक और क्रू मेंबर के सहयोग से सफल प्रसव करवाया. उसके बाद जच्चा और बच्चा से कुशल जयपुर लैंड कर गये.