जयपुर. मंत्री पद छोड़ने के बाद राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा (Govind Singh Dotasara) अब पूरी तरीके से प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष के तौर पर सक्रिय हो गए हैं. इसका असर भी अब साफ तौर पर प्रदेश कांग्रेस में दिखाई देने लगा है, जहां प्रदेश कांग्रेस मुख्यालय में रौनक भी दिखाई देने लगी है.
वहीं टिकट वितरण के काम प्रभारी मंत्री और विधायकों की रायशुमारी से हो रहे थे. अब टिकट वितरण (ticket distribution for Rajasthan Panchyat chunav) में अब कांग्रेस संगठन की रायशुमारी ज्यादा महत्वपूर्ण होगी. राजस्थान प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने गुरुवार को चार जिलों श्रीगंगानगर, कोटा, बारां और करौली में होने वाले पंचायत राज चुनाव के लिए प्रभारी मंत्रियों के साथ ही संगठन के संभाग प्रभारियों और जिला प्रभारियों की बैठक (Dotasara took meeting) ली.
इस बैठक में यह तय किया गया कि प्रदेश कांग्रेस कमेटी के उपाध्यक्ष, जनरल सेक्रेटरी और सेक्रेटरी और जिलों के इंचार्ज के साथ हर पंचायत समिति में 1-1 कोऑर्डिनेटर लगाया जाएगा. ये अगले 3 दिन में अपने जिले और पंचायत समिति में विधानसभा वार जाकर फीडबैक लेंगे. यह फीडबैक विधायक, लोकल लीडर्स, एक्स एमएलए, प्रधान, जिला प्रमुख और संगठन के नेताओं से लिया जाएगा.
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संगठन के फीडबैक के आधार पर टिकट वितरण कांग्रेस कमेटी (Rajasthan Congress Committee) की ओर से किया जाएगा. गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा की प्रभारी मंत्री भी जिन जिलों के प्रभारी हैं. वह अपना फीडबैक संगठन को दे देंगे. जिससे कि बेहतर तरीके से टिकट वितरण हो सके. लेकिन जिलों में जाना, फीडबैक लेना और टिकट वितरण का काम करना अब पूरी तरीके से प्रदेश कांग्रेस पदाधिकारी और प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से ही किया जाएगा. डोटासरा ने उम्मीद जताई कि जिस तरीके से पिछले पंचायती राज चुनाव में कांग्रेस को जीत मिली थी, उसी तरीके से इन चुनावों में भी सरकार के बेहतर काम पर जनता मुहर लगाएगी और चारों जिलों में कांग्रेस पंचायती राज चुनाव जीतेगी.
4 में से 2 प्रभारी मंत्री नही पहुंचे
चारों जिलों के प्रभारियों के तौर पर मंत्री अशोक चांदना (Ashok Chandna), टीकाराम जूली, बीडी कल्ला और लालचंद कटारिया को इस बैठक में शामिल होना था. लेकिन इस बैठक में करौली के प्रभारी मंत्री अशोक चांदना और बारां के प्रभारी मंत्री टीकाराम जूली शामिल हुए. गंगानगर के प्रभारी मंत्री बीडी कल्ला के बैठक में नहीं आने पर गोविंद डोटासरा ने कहा कि उनका फोन स्विच ऑफ था. हालांकि लालचंद कटारिया को लेकर गोविंद डोटासरा ने कहा कि उनके परिवार में शादी होने के चलते वह इस बैठक में शामिल नहीं हो सके.