जयपुर. राजस्थान में भले ही पूर्व मुख्यमंत्री वसुंधरा राजे को भाजपा ने उपचुनाव में प्रचार के लिए मैदान में नहीं उतारा हो, लेकिन अब यह कहा जा रहा है कि राजस्थान में हो रहे उपचुनाव में राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया भाजपा के पक्ष में सहाड़ा विधानसभा में प्रचार करते हुए दिखाई देंगे.
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इसको लेकर प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने कहा कि जिस हांडी में हमारा शिर (हिस्सा) नहीं, वह भले ही चढ़ते ही फूटे, हमें उससे क्या मतलब. डोटासरा ने कहा कि ज्योतिरादित्य सिंधिया कहां जाए और कहां नहीं जाए, अब हमारा उनसे कोई लेना देना नहीं है. उन्होंने कहा कि जहां उनकी बुआ (वसुंधरा राजे) को भाजपा में कोई पूछने वाला नहीं है और उनको जो कांग्रेस पार्टी पूछ रही थी, इसके बावजूद भी भाग गए. इसमें हम क्या कर सकते हैं.
डोटासरा ने कहा कि वे जब वह यहां प्रचार करने आएंगे तो जो कांग्रेस के लोग उनके मित्र हैं और उनके पुराने परिचित हैं वह उनसे जरूर पूछेंगे कि आप भाजपा में मंत्री बनने गए थे, आपका क्या हुआ. ऐसे में मुझे उम्मीद नहीं कि वह यह जवाब लेकर यहां प्रचार करने आ पाएंगे.
भाजपा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया के मित्रों के सवाल पर डोटासरा ने कहा कि कांग्रेस पार्टी में उनके बहुत मित्र हैं. मित्रता होना अलग बात है और पार्टी में होना अलग बात है. उनसे तो हमारे भी अच्छे रिश्ते रहे हैं कोई खराब रिश्ते नहीं है, लेकिन पार्टी अपनी जगह है और अब वह पार्टी के नहीं रहे तो केवल मित्र रह गए हैं.
सिंधिया क्यों आ रहे सहाड़ा विधानसभा क्षेत्र...
राज्यसभा सांसद ज्योतिरादित्य सिंधिया का सहाड़ा से खास कनेक्शन है. बताया जाता है कि उदयपुर, महाराणा और देवगढ़ के उमराव के बीच अनबन हो गई थी. इस दौरान गंगाबाई समझौता करवाने उदयपुर आई थीं. वहां से लौटते वक्त गंगापुर के निकट लालपुरा गांव में उनका निधन हो गया था. उनके नाम पर ही गंगापुर कस्बा बना. वहां पर गंगाबाई छतरी और मंदिर भी है. उस समय राजवंशों की परंपरा के अनुसार जिस जगह अंतिम संस्कार हो वह जगह रियासत की होनी जरूरी है. उस परंपरा के तहत मेवाड़ रियासत ने दर्जन भर गांव ग्वालियर रियासत को दिए थे.
वसुंधरा राजे भी गंगापुर से इस रिश्ते को निभाती आई हैं. गंगापुर क्षेत्र के लोगों पर सिंधिया घराने का प्रभाव बताया जाता है. ज्योतिरादित्य सिंधिया कांग्रेस में रहते हुए गंगापुर आए थे, तब उनका भारी स्वागत हुआ था. बता दें, गंगाबाई सिंधिया राजघराने की बहू ओर मेवाड़ की बेटी थी.