जयपुर. राजस्थान कांग्रेस अध्यक्ष बनने के बाद प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा लगातार इस प्रयास में हैं कि राजस्थान में कांग्रेस के नेताओं में जो भी नाराजगी है, उसे दूर किया जाए. साथ ही आम जनता को भी राहत मिले. यही कारण है कि संगठन के फीडबैक के आधार पर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राजस्थान में तबादलों पर लगा प्रतिबंध हटा दिया है. लेकिन कोरोना संक्रमण को देखते हुए यह तबादले ऑनलाइन प्रक्रिया से ही किए जाएंगे, लेकिन पंचायत चुनावों को देखते हुए भाजपा इसे एक चुनावी स्टंट मान रही है.
तबादलों को लेकर उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ ने सवाल उठाए तो प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा भी इसमें पीछे नहीं रहे. उन्होंने कहा कि जिसके मन में जिस तरह की भावना होती है वह उसी तरीके के विचार रखता है. भाजपा के नेता उनकी सरकार की समय चल रहे तबादला उद्योग के बारे में बात कर रहे हैं, ना की कांग्रेस की.
उन्होंने कहा कि 29 सितंबर 2019 को राजस्थान में तबादलों पर बैन लगा था. उससे पहले डेढ़ साल तक लगातार तबादले हुए हैं. शिक्षा विभाग में 10 हजार से ज्यादा तबादले हुए हैं. उन्होंने उप नेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ को चैलेंज करते हुए कहा कि मैं दावे के साथ कह सकता हूं और राजेंद्र राठौड़ को यह चैलेंज भी करता हूं कि एक नए पैसे का लांछन अगर तबादले में सरकार के किसी मंत्री या विभाग के ऊपर लगे, तो वह बता कर दिखाएं. उनकी अपनी सरकार के समय जो स्थितियां थी, वहीं कभी-कभी उनके मुंह से निकल जाती है.