जयपुर. राजस्थान विधानसभा में बुधवार को राज्यपाल के अभिभाषण में प्रदेश सरकार के 3 साल में किए गए विकास का लेखा-जोखा प्रस्तुत किया गया. जिसमें कोरोना काल में सरकार के बेहतर काम, किसानों, मजदूरों महिलाओं और युवाओं के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए कामों का जिक्र हुआ. महिला अपराध में अनुसंधान का समय गत सरकार से घटने व और दुष्कर्म के मामले जो 2017 में कोर्ट के जरिए 33.4 प्रतिशत दर्ज होने की जगह अब वर्तमान सरकार के समय में घटकर 16 फीसदी रह जाने का जिक्र किया गया.
राजस्थान का कोविड मैनेजमेंट बेहतरीन : राज्यपाल के अभिभाषण की शुरुआत संविधान की प्रस्तावना और मूल कर्तव्य के साथ हुई. इसके बाद उन्होंने अपने अभिभाषण में कोरोना के दौरान अपनी जान गंवाने वाले लोगों के साथ ही इस महामारी के दौरान सेवा करने वाले डॉक्टर, नर्स और सफाई कर्मियों का भी जिक्र किया. वहीं, कोविड प्रबंधन और रोकथाम के मामले में राजस्थान को सर्वश्रेष्ठ राज्य बताया गया. इस दौरान राज्यपाल के अभिभाषण में प्रवासी मजदूरों गरीबों और जरूरतमंदों के लिए राज्य सरकार की ओर से किए गए कामों का भी उल्लेख किया गया. साथ ही कोरोना काल में प्रदेश के अस्पतालों में राज्य सरकार की ओर से किए गए अपडेशन की भी जानकारी दी गई. जिसमें 473 से अधिक ऑक्सीजन जनरेशन प्लांट, 40 हजार ऑक्सीजन कंसंट्रेटर, 28 हजार ऑक्सीजन बेड और 6 हजार आईसीयू बेड के साथ ही अन्य बढ़ाई गई सुविधाओं का जिक्र किया गया. वहीं, मुख्यमंत्री चिरंजीवी योजना में लोगों के लिए दी 5 लाख तक की निशुल्क चिकित्सा का भी जिक्र इसमें किया गया.
किसान हित की सरकार : राज्यपाल के अभिभाषण में प्रदेश में खेलों का स्तर बढ़ने, 3,000 कार्मिक कल्याण कोष, पर्यावरण संरक्षण के लिए प्रत्येक जिले में जिला पर्यावरण योजना, विशेष योग्यजन कर्मचारियों को पदोन्नति में 4 फीसदी आरक्षण, इस बार पेश होने वाले पहले कृषि बजट की भी बात कही गई. राज्यपाल के अभिभाषण में महात्मा गांधी के सिद्धांतों पर चलते हुए सरकार के ऐतिहासिक निर्णय के बारे में भी बताया गया. जिसमें 8,181 करोड़ रुपए के कृषि ऋण माफ करने, गत सरकार के लंबित 6,000 करोड़ रुपए का भुगतान करने समेत 14,000 करोड़ रुपए से अधिक राशि के किसानों को ऋण माफ करने की बात कही गई.
राज्यपाल के अभिभाषण में 3 सालों में 36,357 करोड़ रुपए के अल्पकालिक ऋण, 846 करोड़ के मध्यकालीन ऋण और 362 करोड़ 70 लाख रुपए के दीर्घकालीन ऋण वितरित किए जाने की बात कही. साथ ही कोरोना के बावजूद 2021-22 में रिकॉर्ड 23 लाख 40 हजार मैट्रिक टन गेहूं की खरीद (Gehlot Government Three Year Report Card) राज्य सरकार की ओर से करते हुए 2,27,000 किसानों को लाभान्वित करने का भी जिक्र किया गया.
उड़ान योजना का भी जिक्र : राज्यपाल कलराज मिश्र के अभिभाषण में मुख्यधारा से पीछे रहने वाले लोगों के लिए मुख्यमंत्री कोरोना सहायता योजना के सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजना का जिक्र रहा. साथ ही प्रशासन गांव और शहरों के संग अभियान के तहत तीन लाख से अधिक लोगों को सामाजिक सुरक्षा पेंशन योजनाओं से जोड़ना, पालनहार योजना में 395 करोड़ रुपए से 5,00000 बच्चों को लाभांवित करना, 10 करोड़ से ट्रांसजेंडर उत्थान कोष गठित करने की चर्चा की गई.
साथ ही राज्यपाल के अभिभाषण में महिलाओं और बालिकाओं को लेकर राज्य सरकार की ओर से किए गए कामों की खास चर्चा रही. जिसमें नई महिला नीति लागू किया जाना, महिलाओं व किशोरियों के लिए स्वास्थ्य जागरूकता एवं निशुल्क सेनेटरी नैपकिन वितरण के लिए आईएम शक्ति उड़ान योजना के लिए 200 करोड़ का प्रावधान करने की चर्चा रही. महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाकर उनके सशक्तिकरण के लिए इंदिरा महिला शक्ति उद्यम प्रोत्साहन योजना आरंभ कर ऋण उपलब्ध कराना और गर्भवती, धात्री महिलाओं व किशोरी बालिकाओं को पूरक पोषाहार देकर उन्हें कुपोषण से बचाने के सार्थक प्रयास शामिल हैं.
राज्यपाल के अभिभाषण में देश के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गांधी का भी जिक्र हुआ. जिसमें यह भी कहा गया कि पंचायती राज को और सशक्त करने का काम राज्य सरकार ने करते हुए प्रशासन गांव के संग अभियान के तहत ग्रामीण क्षेत्र में 10 लाख से अधिक पट्टे जारी किए गए. पंचायती राज की विभिन्न योजनाओं में 3,557 करोड़ रुपए खर्च कर 86,659 काम पूरे करवाए गए. मनरेगा योजना के तहत 2021-2022 में अब तक 7,873 करोड़ रुपए से अधिक का खर्च कर 62,86,000 परिवारों को रोजगार उपलब्ध करवाया और 29 करोड़ 13 लाख मानव दिवस सृजित किए गए.
राज्यपाल के अभिभाषण में कहा गया कि राजस्थान मीरा की भक्ति और प्रताप की शक्ति की भूमि है, जो रामदेव जी के सांप्रदायिक सद्भाव और अजमेर के गरीब नवाज की सरजमीं है. इसमें सरदार पटेल राजस्थान को लेकर कहे हुए वाक्यों का भी उल्लेख किया गया. अभिभाषण में राजस्थान में कोरोना से प्रभावित रहे पर्यटन उद्योग को संबल देने की बात भी कही गई. साथ ही प्रदेश में महिलाओं एवं कमजोर वर्गों को सुरक्षा देने के लिए राज्य सरकार की प्राथमिकता के अनुसार एफआईआर दर्ज करने का जिक्र करते हुए कहा गया कि साल 2017 में दुष्कर्म के 33.4 प्रतिशत मामले कोर्ट के माध्यम से दर्ज होते थे, जो अब केवल 16 फीसदी रह गए हैं.
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वहीं, महिला अत्याचार और अपराध रोकने के लिए स्पेशल इन्वेस्टिगेशन यूनिट फॉर क्राइम अगेंस्ट वूमेन के गठन का भी इसमें जिक्र किया गया. साथ ही दुष्कर्म जैसे जघन्य अपराधों में पिछली सरकार के समय जो अनुसंधान का समय 274 दिन था, वह 79 दिन ही रह जाने का जिक्र किया गया. साथ ही महिला अपराधों को रोकने के लिए (Report on Crime Rate in Rajasthan) सभी थानों में सुरक्षा सखी समूह के गठन की भी बात कही गई.
राज्यपाल के अभिभाषण में उद्योगों के विकास, आम लोगों को पेयजल उपलब्ध करवाना, राजस्थान फाउंडेशन की ओर से 4 सितंबर से मिलिए सरकार से की अनूठी वर्चुअल श्रृंखला की शुरुआत करने का जिक्र भी रहा. 164 खिलाड़ियों को आउट ऑफ टर्न नियुक्ति देना, टोक्यो में आयोजित पैरा ओलंपिक गेम्स में अवनी लखेरा को स्वर्ण और कांस्य पदक जीतने पर चार करोड़ रुपए, कृष्णा नागर को स्वर्ण पदक जीतने पर तीन करोड़ रुपए देने का जिक्र किया गया. साथ ही देवेंद्र झाझड़िया को रजत पदक जीतने पर दो करोड़ और सुंदर गुर्जर को कांस्य पदक जीतने पर सरकार की ओर से एक करोड़ का पुरस्कार देने की बात बताई.
उन्होंने कहा कि अवनी लखेरा एवं कृष्णानगर को मेजर ध्यानचंद अवार्ड से सम्मानित किया जाना, देवेंद्र झाझड़िया को पद्म भूषण से और अवनी लखेरा को पद्मश्री से अलंकृत किया जाना प्रदेश के लिए गौरव भरा पल था. राज्यपाल के अभिभाषण के अंत में कहा गया कि राजस्थान का हर निवासी चिरंजीवी बने, हर महिला के सपनों को उड़ान मिले, युवा को रोजगार का संबल मिले और किसानों का मित्र व कार्य हो और सब मिलकर आगे बढ़ें. इसी के लिए काम होगा.