जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि नई शिक्षा नीति को लागू करने और इसके अतंर्गत पाठ्यक्रम निर्धारण में प्रदेश के विश्वविद्यालय दूसरे राज्यों के लिए मिसाल पेश करें. उन्होंने कहा कि राज्य के विश्वविद्यालयों के कुलपतियों से समय-समय पर संवाद कर नई शिक्षा नीति को आगामी सत्र से लागू करने के चरणबद्ध प्रयास किए जा रहे हैं. वे जयनारायण व्यास विश्वविद्यालय, जोधपुर के 18 वें दीक्षांत समारोह (convocation ceremony of Jai Narayan Vyas University Jodhpur) में गुरुवार को यहां राजभवन से ऑनलाइन संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने परंपरागत शिक्षा के साथ-साथ व्यावसायिक शिक्षा एवं कौशल विकास के लिए विश्वविद्यालयों में प्रभावी रूप से कार्य किए जाने का आह्वान किया. साथ ही कहा कि पाठ्यक्रमों में भारतीय ज्ञान व संस्कृति का समावेश भी होना चाहिए. उन्होंने राजस्थान कौशल विकास विश्वविद्यालय से जुड़कर भी व्यावहारिक पाठ्यक्रम तैयार करने का सुझाव दिया.
इस दौरान मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि पूरे देश में जोधपुर एकमात्र ऐसा बड़ा शहर है, जहां राष्ट्रीय स्तर के कई उच्च शिक्षण संस्थान एक साथ हैं. जोधपुर आज उच्च शिक्षा का एक बड़ा केंद्र बन गया है. जहां आईआईटी, एम्स, निफ्ट, एफडीडीआई, नेशनल लॉ यूनिवर्सिटी एवं पुलिस विश्वविद्यालय स्थापित हैं. शीघ्र ही, यहां डिजिटल यूनिवर्सिटी खुलेगी. जिसके लिए राज्य सरकार ने 400 करोड़ रूपए स्वीकृत किए हैं एवं जमीन आवंटन की प्रक्रिया चल रही है.
लता मंगेशकर और वैज्ञानिक डॉ एम.एस स्वामीनाथन को मानद उपाधि
मुख्यमंत्री ने कहा कि एक समय में राजस्थान को पिछड़ा हुआ राज्य माना जाता था, लेकिन आज वह स्थिति नहीं है. उन्होंने लता मंगेशकर और वैज्ञानिक डॉ. एमएस स्वामीनाथन को विश्वविद्यालय द्वारा मानद उपाधि प्रदान करने को प्रशंसनीय कदम बताया. उच्च शिक्षा राज्य मंत्री राजेंद्र सिंह यादव ने कहा कि राज्य सरकार सभी विश्वविद्यालयों के लिए एक अम्ब्रेला एक्ट लाने के लिए प्रयासरत है. ताकि विद्यार्थियों को एक विश्वविद्यालय से दूसरे विश्वविद्यालय में जाने पर शिक्षण एवं पाठ्यक्रम संबंधी असुविधाओं का सामना नहीं करना पड़े.