जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने वैश्विक प्रतिस्पर्धा के लिए कुशल मानव संसाधन को जरूरी बताया है. उन्होंने शिक्षाविदों से आह्वान किया है कि वे उद्योगों की आवश्यकता के अनुरूप उनके साथ समन्वय कर ऐसे पाठयक्रम विकसित करें जिनका राष्ट्र के दीर्घकालीन विकास में उपयोग हो सके. मिश्र राजभवन में भारद्वाज फाउण्डेशन द्वारा Industry Academia Interfacing के तहत मणिपाल यूनिवर्सिटी, राजस्थान चैम्बर ऑफ काॅमर्स एंड इंडस्ट्री के संयुक्त तत्वावधान में आयोजित ऑनलाइन समारोह में संबोधित कर रहे थे.
उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं व उद्योगों के समन्वय से शोध एवं अनुसंधान के ऐसे कार्य देश में किए जाने चाहिए, जिनसे राष्ट्रीय संसाधनों का अधिकतम उपयोग मानव हित में हो सके. राज्यपाल ने शैक्षिक संस्थानों का भी आह्वान किया कि वे ऐसे पाठ्यक्रम बनाए जिससे शिक्षा प्राप्त छात्र स्वरोजगार की तरफ प्रवृत्त होकर रोजगार पाने के साथ रोजगार देने के योग्य भी हो सके. उन्होंने शिक्षण संस्थानों में 'ग्रीन कैंपस-क्लीन कैंपस' के लिए भी कार्य किए जाने पर जोर देते हुए कहा कि इसमें उद्योगों को भी सामाजिक दायित्व निभाते हुए आगे आने की जरूरत है.
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मिश्र ने कहा कि शिक्षा क्षेत्र में औद्योगिक समन्वय से ऐसे नवाचार निरन्तर होने चाहिए, जिनसे विद्यार्थी शिक्षा प्राप्त करने के साथ-साथ पारिस्थितिकी तंत्र के संतुलन के लिए भी जागरूक रहे. उन्होंने उद्योगों एवं शैक्षिक संस्थानों के बीच की खाई को मिटाने के लिए भी सभी स्तरों पर प्रयास किए जाने की आवश्यकता जताई. उन्होंने कहा कि शिक्षण संस्थाओं में शिक्षण के साथ-साथ व्यावसायिक कौशल के विकास पर भी गंभीरता से ध्यान दिया जाना चाहिए.
राज्यपाल ने कहा कि नई शिक्षा नीति का उद्देश्य यही है कि विद्यार्थी ज्ञान के साथ-साथ हुनर में भी पारंगत हो. इसीलिए इस शिक्षा नीति में रोजगारोन्मुखी शिक्षा को कौशल विकास से जोड़ा गया है. उन्होंने कहा कि पुरानी शिक्षा नीति की व्यवहारिक कमियों को दूर कर नई शिक्षा नीति में इस बात का विशेष ध्यान रखा गया है कि कैसे विद्यार्थियों का सर्वांगीण विकास हो. उन्होंने 'आत्मनिर्भर भारत', 'वोकल फाॅर लोकल' आदि के जरिए देश को आगे ले जाने में सभी को समन्वय रखते हुए प्रभावी भूमिका निभाने का भी आह्वान किया.
इस अवसर पर भारद्वाज फाउण्डेशन जयपुर के संस्थापक अध्यक्ष व भारत सरकार की चार सार्वजनिक क्षेत्र की कंपनियों के पूर्व सीएमडी पी.एम.भारद्वाज ने औद्योगिक विकास के लिए युवाओं की क्षमता का प्रभावी उपयोग किए जाने पर जोर दिया. मणिपाल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रो. जीके प्रभु और राजस्थान चैम्बर ऑफ काॅमर्स एवं इंडस्ट्री के मानद महासचिव डाॅ. केएल जैन ने शिक्षा और उद्योग जगत के समन्वय के लिए सुझाव दिए.