जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय (Vardhman Mahaveer Open University Kota) के स्थापना दिवस पर समारोह को संबोधित किया. जिसमें उन्होंने कहा कि ग्रामीण और पिछड़े इलाकों में शिक्षा से वंचितों को शिक्षा की मुख्य धारा से जोड़ने के लिए दूरस्थ शिक्षा महत्वपूर्ण है. विश्वविद्यालयों को गुणवत्ता की उच्च शिक्षा ऑनलाइन देने के विशेष प्रयास करने होंगे.
कलराज मिश्र ने राजभवन में वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय के 35वें स्थापना दिवस समारोह में ऑनलाइन संबोधित किया. उन्होंने कहा कि छोटे-बड़े उद्योगों को कार्यकुशल मानव संसाधन उपलब्ध कराने वाले और किसानों को तकनीकी रूप से उन्नत करने के अंतर्गत 'लैब-टू-लैंड' जैसे पाठ्यक्रमों का खुला विश्वविद्यालय क्रियान्वयन करें. मुक्त शिक्षा प्रणाली में ऐसे पाठ्यक्रमों पर जोर दिया जाए, जिनका अधिकाधिक लाभ समाज और युवा पीढ़ी के भविष्य को मिल सके.
राज्यपाल ने कहा कि ऐसे स्थान जहां उच्च शिक्षा पहुंचाने में अभी भी चुनौतियां हैं, वहां पर खुला विश्वविद्यालय अधिकाधिक विद्यार्थियों को नामांकन के लिए प्रोत्साहित कर गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा का प्रसार करे. विश्वविद्यालय अपने पाठ्यक्रमों का पुनरावलोकन करे. फिर विद्यार्थी हित में आधुनिक समय के हिसाब से नए पाठ्यक्रमों को तैयार करवाए. देश के उत्कृष्ट लेखकों, विषय विशेषज्ञों की सेवाएं पाठ्यक्रम तैयार करने में विश्वविद्यालय ले. इसके साथ ही व्यावहारिक स्तर पर शिक्षण-प्रशिक्षण के भी अधिक अवसर विश्वविद्यालय सुलभ कराएं. उन्होंने कोरोना महामारी के इस विकट दौर में अधिक व्यावहारिक और रूचिप्रद शिक्षण व्यवस्था अपनाने पर जोर दिया.
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वहीं समारोह में उच्च शिक्षा मंत्री भंवर सिंह भाटी ने कहा कि कोविड के विकट दौर में भी प्रदेश में उच्च शिक्षा के प्रसार के महत्ती प्रयास किए गए हैं. उन्होंने प्रदेश में उच्च शिक्षा के लिए विश्वविद्यालय की ओर से पिछड़े क्षेत्रों में शिक्षा प्रसार की पहल को भी सराहा.
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इससे पहले वर्धमान महावीर खुला विश्वविद्यालय, कोटा के संस्थापक कुलपति प्रो. वी.आर. मेहता ने ’दूरस्थ शिक्षा एक भविष्य दृष्टि’ पर विशेष व्याख्यान दिया. विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. रतनलाल गोदारा ने बताया कि एक लाख से अधिक विद्यार्थी इस समय खुला विश्वविद्यालय से शिक्षा प्राप्त कर रहे हैं. साथ ही राज्यपाल ने विश्वविद्यालय के नवनिर्मित परीक्षा भवन के प्रथम तल का लोकार्पण किया और सभी को संविधान की उद्देशिका और मूल कर्तव्यों का भी वाचन करवाया.