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राज्यपाल बने 'निक्षय मित्र', टीबी मरीजों को गोद लेने का किया आह्वान

राज्यपाल कलराज मिश्र ने शुक्रवार को राजभवन में प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान को (TB Free India Campaign) लेकर बैठक बुलाई. जिसमें उन्होंने स्वयं निक्षय मित्र बनकर टीबी (क्षय) रोगियों को गोद लेने की घोषणा की.

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Published : Sep 16, 2022, 4:02 PM IST

TB Free India Campaign
टीबी मुक्त भारत अभियान

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वैच्छिक संगठनों और आमजन से निक्षय मित्र के तौर पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान से जुड़कर अधिकाधिक टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है. राज्यपाल ने अभियान के प्रभावी संचालन के लिए शुक्रवार को राजभवन में बुलाई बैठक में स्वयं निक्षय मित्र बनकर टीबी (क्षय) रोगियों को गोद लेने की घोषणा की. साथ ही राजभवन में भी टीबी उन्मूलन प्रकोष्ठ द्वारा सक्रिय रूप में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्व में टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य रखा (TB Free India Campaign) गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 2025 तक टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है. इसी के अनुरूप राजस्थान में भी हमें रणनीति बनाकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि टीबी रोग उन्मूलन के कार्यों के साथ-साथ समुचित पोषाहार के लिए भी हमें प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि टीबी मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है. मरीज को यदि पौष्टिक आहार मिले, तो उस पर दवाइयों का असर जल्दी होता है और वह शीघ्र ठीक होकर स्वस्थ जीवन जीने लगता है. उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र बनकर हम टीबी रोगियों को पर्याप्त पोषण युक्त आहार, किट व अन्य सामग्री उपलब्ध करवाने में मदद कर सकते हैं.

पढ़ें. World TB Day: टीबी मरीजों को 'बीडाक्विलीन' देगी दर्द रहित इलाज, इंजेक्शन की पीड़ा से मिलेगी मुक्ति

राज्यपाल ने कहा कि टीबी सिर्फ एक शारीरिक रोग ही नहीं है, बल्कि यह मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी हर तरह से मरीज को प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में पैदा हुए हीनता के भाव को समाप्त करते हुए उसे मानसिक संबल देने के लिए सभी स्तरों पर कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी किसी को भी हो सकती है, इसलिए हमें साथ मिलकर टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लेना होगा.

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने क्षय रोग उन्मूलन के लिए (Nikshay Mitra for TB eradication) राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. राज्य क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग ने बताया कि राज्य में इस वर्ष अब तक 1 लाख 22 हजार टीबी मरीज चिह्नित किए गए हैं और 74850 मरीजों ने निक्षय संबल योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए सहमति प्रदान की है. प्रदेश में करीब 38 हजार मरीजों को 245 निक्षय मित्रों से जोड़ा गया है.

राज्यपाल मिश्र ने इस दौरान निक्षय मित्र नवरतन प्रजापति, सुरेन्द्र, चेतन, महेश और राहुल को शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया. उन्होंने मरीजों को फल व निक्षय किट भी वितरित किए. इस दौरान राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, राजभवन और चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने प्रदेश के जनप्रतिनिधियों, अधिकारियों, स्वैच्छिक संगठनों और आमजन से निक्षय मित्र के तौर पर प्रधानमंत्री टीबी मुक्त भारत अभियान से जुड़कर अधिकाधिक टीबी मरीजों को गोद लेने की अपील की है. राज्यपाल ने अभियान के प्रभावी संचालन के लिए शुक्रवार को राजभवन में बुलाई बैठक में स्वयं निक्षय मित्र बनकर टीबी (क्षय) रोगियों को गोद लेने की घोषणा की. साथ ही राजभवन में भी टीबी उन्मूलन प्रकोष्ठ द्वारा सक्रिय रूप में कार्य प्रारम्भ कर दिया गया है.

राज्यपाल मिश्र ने कहा कि विश्व में टीबी उन्मूलन के लिए वर्ष 2030 का लक्ष्य रखा (TB Free India Campaign) गया है. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में देश ने 2025 तक टीबी की बीमारी को हराने का संकल्प लिया है. इसी के अनुरूप राजस्थान में भी हमें रणनीति बनाकर कार्य करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि टीबी रोग उन्मूलन के कार्यों के साथ-साथ समुचित पोषाहार के लिए भी हमें प्रतिबद्ध होकर कार्य करना होगा. उन्होंने कहा कि टीबी मरीज के शरीर की प्रतिरोधक क्षमता काफी कम हो जाती है. मरीज को यदि पौष्टिक आहार मिले, तो उस पर दवाइयों का असर जल्दी होता है और वह शीघ्र ठीक होकर स्वस्थ जीवन जीने लगता है. उन्होंने कहा कि निक्षय मित्र बनकर हम टीबी रोगियों को पर्याप्त पोषण युक्त आहार, किट व अन्य सामग्री उपलब्ध करवाने में मदद कर सकते हैं.

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राज्यपाल ने कहा कि टीबी सिर्फ एक शारीरिक रोग ही नहीं है, बल्कि यह मानसिक, आर्थिक और सामाजिक स्तर पर भी हर तरह से मरीज को प्रभावित करता है. उन्होंने कहा कि इस बीमारी से पीड़ित व्यक्ति में पैदा हुए हीनता के भाव को समाप्त करते हुए उसे मानसिक संबल देने के लिए सभी स्तरों पर कार्य किया जाए. उन्होंने कहा कि टीबी की बीमारी किसी को भी हो सकती है, इसलिए हमें साथ मिलकर टीबी उन्मूलन के लक्ष्य को हासिल करने का संकल्प लेना होगा.

चिकित्सा व स्वास्थ्य विभाग के शासन सचिव डॉ. पृथ्वी ने क्षय रोग उन्मूलन के लिए (Nikshay Mitra for TB eradication) राज्य सरकार की ओर से किए जा रहे प्रयासों की जानकारी दी. राज्य क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ. विनोद गर्ग ने बताया कि राज्य में इस वर्ष अब तक 1 लाख 22 हजार टीबी मरीज चिह्नित किए गए हैं और 74850 मरीजों ने निक्षय संबल योजना में लाभ प्राप्त करने के लिए सहमति प्रदान की है. प्रदेश में करीब 38 हजार मरीजों को 245 निक्षय मित्रों से जोड़ा गया है.

राज्यपाल मिश्र ने इस दौरान निक्षय मित्र नवरतन प्रजापति, सुरेन्द्र, चेतन, महेश और राहुल को शॉल व श्रीफल भेंट कर सम्मानित किया. उन्होंने मरीजों को फल व निक्षय किट भी वितरित किए. इस दौरान राज्यपाल के प्रमुख सचिव सुबीर कुमार, प्रमुख विशेषाधिकारी गोविन्दराम जायसवाल, राजभवन और चिकित्सा और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारीगण उपस्थित रहे.

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