जयपुर. राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा है कि गोविंद गुरु ने जनजातीय क्षेत्र के लोगों को सादा जीवन उच्च विचार, नैतिकता और प्रकृति के साथ जुड़ कर जीने का आचरण सिखाया. उन्होंने कहा कि जीवन के इन्हीं तरीकों से ही जनजाति क्षेत्र के लोगों पर कोरोना का कोई असर नहीं हुआ. मंगलवार को राजभवन से वीडियो कॉन्फ्रेंस के माध्यम से बांसवाड़ा के गोविंद गुरु जनजाति विश्वविद्यालय के प्राध्यापकों, छात्रों और छात्राओं को कोविड-19 की चुनौतियों और संभावनाओं विषय पर वेबिनार को संबोधित कर रहे थे.
वेबिनार को संबोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा, कि भारतीय संस्कृति से जुड़े रहने के कारण जनजाति लोगों की रोग प्रतिरोधक क्षमता मजबूत है. उन्होंने कहा कि हमारी संस्कृति और देश में अमृत कण हैं, जिनसे इस संकट से निकलने के अनेक रास्ते बन रहे हैं.
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राज्यपाल के अनुसार चुनौतियां हजारों हैं, लेकिन हमारी संस्कृति और देश के अमृत कण इन संकट से निकलने के लिए अनेक रास्ते अपने आप बना देते हैं. राज्यपाल ने कहा कि ध्यान देने योग्य बात है कि जनजाति क्षेत्र बांसवाड़ा, डूंगरपुर और प्रतापगढ़ में 1 फीसदी से भी कम जनजाति लोग संक्रमित हुए. उन्होंने कहा कि इस बात के घोतक है कि जनजाति व्यक्तियों ने अपनी रोग प्रतिरोधक क्षमता बनाए रखी है क्योंकि वो आज भी परंपरागत जीवन प्रणाली जी रहे हैं. वेबिनार को पूर्व मंत्री किरण माहेश्वरी और महेंद्रजीत सिंह ने भी संबोधित किया.