जयपुर. राजस्थान में ऐसे कई उदाहरण आते रहे हैं जहां मंत्रियों के आधिकारिक निवास चुनाव हारने, सरकार बदलने या मंत्री पद जाने की स्थिति में तय समय में खाली नहीं किए गए और उनकी मियाद बढ़ाने के लिए बार-बार रिक्वेस्ट भी डाल दी गई. अब ऐसी बातों पर रोक लगाने के लिए प्रदेश सरकार बजट सत्र में राजस्थान मिनिस्टर सैलेरी एक्ट 1956 में संशोधन करने जा रही है. संशोधन को पहले कैबिनेट से पास करवाया जाएगा.
फिलहाल इस एक्ट में क्लोज 5 की धारा 1 के अनुसार यदि कोई मंत्री या विधायक सरकारी आवास को खाली नहीं करता है, तो ऐसा करने पर उसे सरकारी आवास के लिए तय किराए के साथ ही 5 हजार रुपए अतिरिक्त पेलेंटी के तौर पर देना होता था, लेकिन अब ऐसी ही घटनाओं को रोकने के लिए राज्य सरकार एक संशोधन लाएगी जिसके अनुसार 1 महीने में 5 हजार रुपए की लगने वाली पेलेंटी को बढ़ाकर रोजाना की 10 हजार रुपए कर दी जाएगी.
राजस्थान में अभी भी ऐसे दो से तीन सरकारी बंगले हैं, जिन्हें विधायकों ने अभी खाली नहीं किया है. हालांकि विधायक नरपत सिंह राजवी का सरकारी आवास इस कैटेगरी में आता है या नहीं. यह आने वाला समय बताएगा. तो वहीं राज्यसभा सांसद किरोड़ी लाल मीणा का एसएमएस रोड पर सरकारी आवास भी इस कैटेगरी में आता है.
वहीं कहा जा रहा है कि महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष के उपलक्ष पर गांधीजी को सम्मान देने के लिए शांति एवं अहिंसा विभाग का गठन किया जा सकता है. हालांकि इस पर अभी अंतिम फैसला नहीं हुआ है. अगर यह विभाग बना तो वह सांप्रदायिक सद्भाव बनाए रखने के लिए जिला और राज्य स्तर पर शांति समितियों के साथ बेहतर समन्वय सुनिश्चित करेगा.