जयपुर. आचार संहिता खत्म होने के बाद गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति और सरकार के बीच वार्ता एक बार फिर बेनतीजा रही. इस बार संघर्ष समिति के प्रतिनिधिमंडल में आवश्यकता से अधिक सदस्यों के आने की वजह से बात आगे नहीं बढ़ पाई और बिना किसी नतीजे पर पहुंचे वार्ता खत्म हो गई. गुर्जर समाज के लोगों के आवश्यकता से ज्यादा आने से नाराज होकर मंत्रिमंडल समिति बिना किसी निर्णय पर पहुंचे बैठक खत्म कर निकल गए.
गुर्जर संघर्ष समिति से वार्ता के लिए बनाई गई कैबिनेट सब कमेटी के तीन मंत्री इस बात से नाराज होकर बैठक से निकल गए की वार्ता करने के लिए संघर्ष समिति के 5 सदस्य प्रतिनिधिमंडल को बुलाया था. लेकिन कर्नल किरोड़ी बैंसला अपने साथ 50 लोगों को लेकर आए. जिससे वार्ता करने में दिक्कतें पैदा हुई. कैबिनेट सब कमेटी के सदस्य मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने नाराजगी जताते हुए कहा कि किरोड़ी बैंसला वार्ता करने के लिए आवश्यकता से अधिक लोगों को साथ लेकर आए. ऐसे में सभी से बात करना संभव नहीं था. ज्यादा लोगों के होने से वार्ता किसी नतीजे पर नहीं पहुंची.
विश्वेंद्र सिंह ने कहा कि अगली बार जब भी कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला वार्ता करने के लिए आए, तो अपने साथ 5 सदस्य प्रतिनिधिमंडल ही लेकर आए. ताकि बातचीत किसी निर्णय पर पहुंच सके. हालांकि बीच बैठक से बाहर निकले मंत्रियों ने पहले तो कुछ भी बोलने से इंकार कर दिया. लेकिन बाद में कहा कि वार्ता सकारात्मक रही. मंत्रियों ने कहा कि फरवरी में सरकार ने गुर्जर समाज के साथ जो समझौता किया था. उसको लेकर सरकार कटिबद्ध है. उन मांगों को पूरा करने को लेकर लगातार सरकार के स्तर पर काम किया जा रहा है. इस बैठक में हुई बातचीत को लेकर मुख्यमंत्री को अवगत कराया जाएगा. अब जो भी निर्णय होगा मुख्यमंत्री स्तर पर होगा.
आपको बता दें कि फरवरी में सरकार और गुर्जर संघर्ष समिति के बीच 11 सूत्री मांगों पर सहमति बनी थी. उनमें से मुख्य मांग गुर्जर समाज को 5 प्रतिशत आरक्षण देने की थी. जिसके लिए सरकार ने विधानसभा में बिल पेश कर अपना वादा पूरा कर दिया. लेकिन अभी भी कई ऐसे बिंदु थे जिन पर वार्ता होनी थी.