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फीस वसूली मामले में निजी स्कूलों पर कार्रवाई करे सरकार, पूर्व शिक्षा मंत्री सराफ ने लिखा CM गहलोत को पत्र - fee recovery cases

पूर्व शिक्षा मंत्री और भाजपा के मौजूदा विधायक कालीचरण सराफ (Kalicharan Saraf) ने निजी स्कूलों द्वारा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की अवहेलना करके अभिभावकों पर दबाव बनाकर छात्रों की फीस वसूल करने का आरोप लगाया है. सराफ ने राज्य सरकार से इस मसले पर हस्तक्षेप करके अभिभावकों को राहत देने की मांग की है.

former education minister kalicharan saraf
फीस वसूली मामला
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Published : Aug 1, 2021, 8:16 PM IST

जयपुर. पूर्व शिक्षा मंत्री सराफ (Ex. Education Minister) ने लिखा CM गहलोत को पत्र लिखा है. फीस वसूली मामले में कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से निजी स्कूलों पर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.

रविवार को कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री को यह पत्र लिखकर कोरोना (Corona Pandemic) का हाल में लगे लॉकडाउन के कारण समाज के हर वर्ग को हुए भारी आर्थिक संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया. साथ ही यह भी लिखा कि निम्न मध्यम और प्राइवेट नौकरी पेशा लोगों के सामने घर खर्च के साथ बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाना मुश्किल हो गया है.

पढ़ें : राजस्थान उपचुनाव : कांग्रेस पर गरजे कटारिया, कहा- बीजेपी नहीं होती, तो समुद्र में होते श्रीराम

कालीचरण ने लिखा कि पिछले 15 महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं. बावजूद इसके, निजी स्कूल की ओर से अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में 60 से 70 फीसदी फीस वसूल करने और फीस न दे पाने में असक्षम छात्रों की भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने और अन्य रियायत देने के निर्देश दिए थे. जिसका उल्लंघन करते हुए निजी स्कूल ब्लैकमेल करके मनमानी फीस वसूली का दबाव बना रहे हैं.

कालीचरण सराफ ने कहा कि वित्तीय संकटों का सामना कर रहे अभिभावकों के सामने स्कूलों की मनमानी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. लेकिन पिछले दिनों प्रदर्शन कर रहे कुछ अभिभावकों पर केस दर्ज कर दिए गए.

जयपुर. पूर्व शिक्षा मंत्री सराफ (Ex. Education Minister) ने लिखा CM गहलोत को पत्र लिखा है. फीस वसूली मामले में कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) से निजी स्कूलों पर आवश्यक कार्रवाई करने की मांग की है.

रविवार को कालीचरण सराफ ने मुख्यमंत्री को यह पत्र लिखकर कोरोना (Corona Pandemic) का हाल में लगे लॉकडाउन के कारण समाज के हर वर्ग को हुए भारी आर्थिक संकट की ओर ध्यान आकर्षित किया. साथ ही यह भी लिखा कि निम्न मध्यम और प्राइवेट नौकरी पेशा लोगों के सामने घर खर्च के साथ बच्चों की पढ़ाई का खर्चा उठाना मुश्किल हो गया है.

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कालीचरण ने लिखा कि पिछले 15 महीनों से स्कूल बंद पड़े हैं. बावजूद इसके, निजी स्कूल की ओर से अभिभावकों पर फीस वसूली का दबाव लगातार बनाया जा रहा है. पूर्व शिक्षा मंत्री ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने अपने आदेश में 60 से 70 फीसदी फीस वसूल करने और फीस न दे पाने में असक्षम छात्रों की भी ऑनलाइन पढ़ाई जारी रखने और अन्य रियायत देने के निर्देश दिए थे. जिसका उल्लंघन करते हुए निजी स्कूल ब्लैकमेल करके मनमानी फीस वसूली का दबाव बना रहे हैं.

कालीचरण सराफ ने कहा कि वित्तीय संकटों का सामना कर रहे अभिभावकों के सामने स्कूलों की मनमानी के खिलाफ धरना-प्रदर्शन करने के अलावा और कोई रास्ता नहीं बचा. लेकिन पिछले दिनों प्रदर्शन कर रहे कुछ अभिभावकों पर केस दर्ज कर दिए गए.

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