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एक साल बाद हुई जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक, खनिज खनन की 40 गतिविधियां अनुमोदित

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Published : Feb 18, 2021, 7:53 PM IST

जयपुर में गुरुवार को राजस्थान जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक का आयोजन एक साल बाद किया गया. इस दौरान बैठक में जीएसआई, एमईसीएल, ओएनजीसी, एचपीसीएल और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों समेत अन्य वरिष्ठ भूविज्ञानी शामिल हुए. वहीं, प्रमुख सचिव ने 5 साल पुराने मामलो को लेकर नाराजगी जाहिर की और अधिकारियों को सस्पेंड करने के भी आदेश दिए.

Geological Programming Board Meeting, राजस्थान की ताजा हिंदी खबरें
जयपुर में आयोजित हुई जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक

जयपुर. राजस्थान जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक एक साल बाद आयोजित हुई. प्रमुख सचिव माइंस अजिताभ शर्मा की अध्यक्षता में बैठक जयपुर के उद्योग भवन में आयोजित की गई. बैठक में जीएसआई, एमईसीएल, ओएनजीसी, एचपीसीएल, ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, परमाणु खनिज, खनिज और भूविज्ञान विभाग, आरएसएमएएल, हिंदुस्तान जिंक, हिंदुस्तान कॉपर, केयर्न इंडिया और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों समेत अन्य वरिष्ठ भूविज्ञानी शामिल हुए.

जयपुर में आयोजित हुई जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक

बैठक में कई मामले 5 साल पुराने सामने आए हैं, जिन पर प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को सस्पेंड तक कर देने की इजाजत दी है. बैठक के बाद प्रमुख सचिव ने कहा कि भारत सरकार के ऐसे सार्वजनिक उपक्रम जिन्होंने अपनी उपयोगिता देश में साबित की है, उनके मामले लंबित रहना ठीक नहीं है. माइनिंग के साथ पर्यावरण संरक्षण बड़ी चुनौती है जिस पर गहनता से चर्चा की गई है.

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माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021- 22 में राज्य में मेजर और माइनर खनिजों की खोज और खनन की 46 गतिविधियां संचालित की जाएगी. इनमें क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक मैपिंग और डिस्ट्रिक्ट भूवैज्ञानिक मैपिंग का कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही 9300 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य तय किए गए हैं. बैठक में साल 2021- 22 की कार्य योजना का अनुमोदन किया गया.

प्रमुख सचिव ने बताया कि राज्य में माइनर और मेजर खनिजों के विपुल भंडार है. साल 2021 22 में राज्य के माइंस और भूगर्भ विभाग, जीएसआई, एमईसीएल, एएमडी, ओएनजीसी, हिंदुस्तान कॉपर संस्थाओं से संबंध में और सहभागिता से प्रदेश में लेड, जिंक, तांबा, लाइमस्टोन, डोलोमाइट, लिग्नाइट, केलसाईट, क्ले, फ्लोराइड, जिप्सम, सिलिका सैंड, ग्रेनाइट, मार्बल, सेंड स्टोन, स्लेट, रेयर अर्थ जैसे खनिज भंडारों के खोज कार्य को गति दी जाएगी. राज्य में एमएडी की ओर से यूरेनियम की खोज का कार्य भी जारी है. प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा की नीलामी की कार्य योजना बनाई जाएगी ताकि खनिजों के खनन के साथ ही प्रदेश में नया निवेश आ सके.

साथ ही खनिज ब्लॉक्स में उपलब्ध खनिज संपदा की गुणवंता और उपलब्ध भंडारों के वैज्ञानिक आकलन के लिए एक्सपर्ट एजेंसियों की सेवाएं लेने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए हैं. जीएसआई को खनिज संपदा और खनन गतिविधियों का डाटा पोर्टल पर उपलब्ध करवाकर पोर्टल को पब्लिक फ्रेंडली और इंटरएक्टिव बनाएं. इससे देश दुनिया के लोगों को प्रदेश की खनिज संपदा की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही निवेश बढ़ेगा. खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अधिक राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा.

प्रमुख सचिव ने राज्य में खनिज संपदा की नियम अनुसार रॉयल्टी के बाद सैंपलिंग की अनुमति देने की आवश्यकता प्रतिपादित की. ताकि स्थान विशेष पर उपलब्ध खनिजों की गुणवत्ता की अंतरराष्ट्रीय पहचान बन सके. उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर के प्रस्ताव पर कॉपर क्षेत्र के ब्लॉक आवंटित करने को कहा. एमसीईएल को नागौर बीकानेर बेसिन में पोटाश की खोज कार्य में तेजी लाने के लिए कहा गया. रामगढ़ क्रेटर, चित्तौड़ के स्ट्रोमेटोलाइट पार्क और उदयपुर के जावर माइंस के पास रिटोट को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित कर माइंस विभाग की ओर से पुरातत्व, वन, पर्यटन विभाग से संबंध में बनाते हुए माइंस टूरिज्म के लिए आकर्षित किया जा सकता है.

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माइंस निदेशक कुंज बिहारी पांड्या ने राज्य में चल रहे खनिज खोज और खनन गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी. जीएसआई के उप महानिदेशक संजय दास ने बताया कि प्रोजेक्ट कवर में रेत की गहराइयों में ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर खनिज खोज का कार्य शुरू किया गया है. बैठक में अतिरिक्त निदेशक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि बोर्ड की बैठक में भावी कार्य योजना का अनुमोदन और चल रही परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा की जाती है.

बोर्ड की बैठक में जीएसआई के संदीप मुखोपाध्याय, एएमडी के क्षेत्रीय निदेशक पश्चिम क्षेत्र बीएस बिष्ट ने खोज गतिविधियों को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया. राज्य स्तरीय जूलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. बीपी रतोड़ी, केसी साहू, डॉ. बीएस राठौड़, धर्मेंद्र कुमार शर्मा और अरुण कुमार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

जयपुर. राजस्थान जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक एक साल बाद आयोजित हुई. प्रमुख सचिव माइंस अजिताभ शर्मा की अध्यक्षता में बैठक जयपुर के उद्योग भवन में आयोजित की गई. बैठक में जीएसआई, एमईसीएल, ओएनजीसी, एचपीसीएल, ऑयल इंडिया, हिंदुस्तान कॉपर, परमाणु खनिज, खनिज और भूविज्ञान विभाग, आरएसएमएएल, हिंदुस्तान जिंक, हिंदुस्तान कॉपर, केयर्न इंडिया और अन्य सार्वजनिक उपक्रमों समेत अन्य वरिष्ठ भूविज्ञानी शामिल हुए.

जयपुर में आयोजित हुई जियोलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक

बैठक में कई मामले 5 साल पुराने सामने आए हैं, जिन पर प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने नाराजगी जताई. उन्होंने अधिकारियों को सस्पेंड तक कर देने की इजाजत दी है. बैठक के बाद प्रमुख सचिव ने कहा कि भारत सरकार के ऐसे सार्वजनिक उपक्रम जिन्होंने अपनी उपयोगिता देश में साबित की है, उनके मामले लंबित रहना ठीक नहीं है. माइनिंग के साथ पर्यावरण संरक्षण बड़ी चुनौती है जिस पर गहनता से चर्चा की गई है.

पढ़ें- युवाओं के बेहतर कल के लिए प्रदेश में उद्यमिता को बढ़ावा दिया जाए: राज्यपाल मिश्र

माइंस एवं पेट्रोलियम विभाग के प्रमुख सचिव अजिताभ शर्मा ने बताया कि वर्ष 2021- 22 में राज्य में मेजर और माइनर खनिजों की खोज और खनन की 46 गतिविधियां संचालित की जाएगी. इनमें क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण, क्षेत्रीय भूवैज्ञानिक मैपिंग और डिस्ट्रिक्ट भूवैज्ञानिक मैपिंग का कार्य किया जाएगा. इसके साथ ही 9300 मीटर ड्रिलिंग के लक्ष्य तय किए गए हैं. बैठक में साल 2021- 22 की कार्य योजना का अनुमोदन किया गया.

प्रमुख सचिव ने बताया कि राज्य में माइनर और मेजर खनिजों के विपुल भंडार है. साल 2021 22 में राज्य के माइंस और भूगर्भ विभाग, जीएसआई, एमईसीएल, एएमडी, ओएनजीसी, हिंदुस्तान कॉपर संस्थाओं से संबंध में और सहभागिता से प्रदेश में लेड, जिंक, तांबा, लाइमस्टोन, डोलोमाइट, लिग्नाइट, केलसाईट, क्ले, फ्लोराइड, जिप्सम, सिलिका सैंड, ग्रेनाइट, मार्बल, सेंड स्टोन, स्लेट, रेयर अर्थ जैसे खनिज भंडारों के खोज कार्य को गति दी जाएगी. राज्य में एमएडी की ओर से यूरेनियम की खोज का कार्य भी जारी है. प्रदेश में उपलब्ध खनिज संपदा की नीलामी की कार्य योजना बनाई जाएगी ताकि खनिजों के खनन के साथ ही प्रदेश में नया निवेश आ सके.

साथ ही खनिज ब्लॉक्स में उपलब्ध खनिज संपदा की गुणवंता और उपलब्ध भंडारों के वैज्ञानिक आकलन के लिए एक्सपर्ट एजेंसियों की सेवाएं लेने की संभावना तलाशने के निर्देश दिए गए हैं. जीएसआई को खनिज संपदा और खनन गतिविधियों का डाटा पोर्टल पर उपलब्ध करवाकर पोर्टल को पब्लिक फ्रेंडली और इंटरएक्टिव बनाएं. इससे देश दुनिया के लोगों को प्रदेश की खनिज संपदा की जानकारी प्राप्त होने के साथ ही निवेश बढ़ेगा. खनिज ब्लॉकों की नीलामी में अधिक राजस्व भी प्राप्त हो सकेगा.

प्रमुख सचिव ने राज्य में खनिज संपदा की नियम अनुसार रॉयल्टी के बाद सैंपलिंग की अनुमति देने की आवश्यकता प्रतिपादित की. ताकि स्थान विशेष पर उपलब्ध खनिजों की गुणवत्ता की अंतरराष्ट्रीय पहचान बन सके. उन्होंने हिंदुस्तान कॉपर के प्रस्ताव पर कॉपर क्षेत्र के ब्लॉक आवंटित करने को कहा. एमसीईएल को नागौर बीकानेर बेसिन में पोटाश की खोज कार्य में तेजी लाने के लिए कहा गया. रामगढ़ क्रेटर, चित्तौड़ के स्ट्रोमेटोलाइट पार्क और उदयपुर के जावर माइंस के पास रिटोट को ऐतिहासिक धरोहर के रूप में विकसित कर माइंस विभाग की ओर से पुरातत्व, वन, पर्यटन विभाग से संबंध में बनाते हुए माइंस टूरिज्म के लिए आकर्षित किया जा सकता है.

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माइंस निदेशक कुंज बिहारी पांड्या ने राज्य में चल रहे खनिज खोज और खनन गतिविधियों की विस्तार से जानकारी दी. जीएसआई के उप महानिदेशक संजय दास ने बताया कि प्रोजेक्ट कवर में रेत की गहराइयों में ऑस्ट्रेलिया की तर्ज पर खनिज खोज का कार्य शुरू किया गया है. बैठक में अतिरिक्त निदेशक प्रदीप अग्रवाल ने बताया कि बोर्ड की बैठक में भावी कार्य योजना का अनुमोदन और चल रही परियोजनाओं की प्रगति समीक्षा की जाती है.

बोर्ड की बैठक में जीएसआई के संदीप मुखोपाध्याय, एएमडी के क्षेत्रीय निदेशक पश्चिम क्षेत्र बीएस बिष्ट ने खोज गतिविधियों को प्रजेंटेशन के माध्यम से प्रस्तुत किया. राज्य स्तरीय जूलॉजिकल प्रोग्रामिंग बोर्ड की बैठक में अधिकारियों और कर्मचारियों को सम्मानित किया गया. बीपी रतोड़ी, केसी साहू, डॉ. बीएस राठौड़, धर्मेंद्र कुमार शर्मा और अरुण कुमार को स्मृति चिन्ह देकर सम्मानित किया गया.

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