जयपुर. राजस्थान में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के सबसे करीबी अगर कोई विधायक माने जाते थे, तो वो थे बसपा से कांग्रेस में आए विधायक (Gehlot Loyalist MLAs U turn). इन्हें पार्टी में शामिल किए जाने पर ही पायलट और गहलोत के बीच विवाद की शुरुआत हुई थी. इन विधायकों को भी अशोक गहलोत का कट्टर समर्थक माना जाता था. ये विधायक अक्सर ये जताते थे कि पार्टी के साथ नहीं मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के साथ हैं, लेकिन अब स्थितियां बदल चुकी हैं (Pilot As CM Speculation). सुर बदलने लगे हैं.
गुढ़ा बोले, आलाकमान के साथ: करीब 2 साल गुजर जाने के बाद भी, पार्टी में शामिल किए जाने के समय इन विधायकों से जो वादे हुए वह पूरे नहीं हुए. जिसके चलते अब वो विधायक गहलोत से नाराज हैं. गाहे बगाहे नाराजगी जाहिर भी करते रहते हैं. यही कारण है कि 6 में से चार बसपा से कांग्रेस में आए विधायकों का नेतृत्व कर रहे मंत्री राजेंद्र गुढ़ा अब यह कहते नजर आ रहे हैं कि वो गहलोत नहीं सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के निर्णय के साथ हैं. गुढ़ा ने यहां तक कह दिया कि सोनिया गांधी सचिन पायलट ही नहीं बल्कि कांग्रेस विधायक भरोसी लाल जाटव को भी मुख्यमंत्री बनाएंगी तो उनके साथ खड़े रहेंगे.
जी6 के बदले सुर: आपको बता दें कि अपनी मांगों को लेकर चार बसपा से आए कांग्रेस विधायकों मंत्री राजेंद्र गुढ़ा, संदीप यादव ,वाजिब अली और लाखन मीणा के साथ ही कांग्रेस विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज मलिंगा ने G-6 बनाया था. इन सभी विधायकों का नेतृत्व करते हुए मंत्री राजेंद्र गुढ़ा ने सोनिया गांधी के निर्णय को सर्वमान्य बताते हुए कहा है कि अगर सोनिया गांधी सचिन पायलट को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार बनाते हैं तो हम सोनिया गांधी के निर्णय के साथ होंगे. गहलोत कैंप में शामिल रहे विधायक खिलाड़ी लाल बैरवा और गिर्राज मलिंगा भी खुलकर पायलट के समर्थन में खड़े हो गए हैं.
संभले हुए निर्दलीय विधायक: निर्दलीय विधायक भी फूंक-फूंक कर कदम रख रहे हैं. पहले की तरह सचिन पायलट के खिलाफ कोई बयान बाजी नहीं कर रहे हैं. निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा गहलोत को दोनों पदों पर रहने की बात कर रहे हैं. वहीं निर्दलीय बाबूलाल नागर ने कुछ दिन पहले मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और राजीव गांधी के अलावा किसी और के नारे लगाने पर सभा में मौजूद लोगों को पुलिस कार्रवाई का डर दिखाया था वही नागर अब सचिन पायलट की काबिलियत और उनके पिता राजेश पायलट के साथ अपने संबंधों की दुहाई देते हुए नजर आ रहे हैं.मतलब साफ है कि अब तक जो विधायक मुख्यमंत्री अशोक गहलोत को ही कांग्रेस बता रहे थे अब वह विधायक कांग्रेस आलाकमान की ओर शिफ्ट हो गए हैं.
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