जयपुर. राजस्थान में गहलोत सरकार के 2 साल पूरे हो गए हैं. गहलोत सरकार की दूसरी वर्षगांठ पर हर विभाग अपनी उपलब्धियां गिना रहा है. बीते 2 साल में हर विभाग में कुछ नवाचार भी हुआ है और कई काम भी हुए हैं. चुनावी जन घोषणा पत्र में कांग्रेस सरकार ने कई योजनाएं और प्रोजेक्ट लाने की घोषणा तो की, लेकिन प्रदेश में पर्यटन को पूरी तरह से अमलीजामा नहीं पहनाया जा सका.
प्रदेश में नई पर्यटन नीति लागू तो कर दी गई, लेकिन कोरोना काल में ग्रामीण पर्यटन को बढ़ावा देने, स्थलों के सौंदर्य करण समेत महत्वपूर्ण बिंदुओं पर कामकाज शुरू नहीं हो पाया. पर्यटन स्थलों की सूरत बदलने के वादे, 2 साल पूरा होने के बावजूद पूरे नहीं हो पाए. हालांकि, कई राहत भरे कार्य भी हुए हैं. संकट के दौर से गुजर रहे पर्यटन उद्योग के मद्देनजर हाथी गांव के महावतों के लिए गहलोत सरकार ने राहत पैकेज जारी किया. इसके साथ ही पर्यटन से जुड़े तमाम स्टेकहोल्डर्स को अलग-अलग रियायत दी गई है.
आमेर को आईकॉनिक डेस्टिनेशन के तौर पर केंद्र की योजना में शामिल कराना भी मुख्यमंत्री और पर्यटन विभाग की टीम के लगातार प्रयास से संभव हुआ है. नए टूरिस्ट सर्किट के प्रस्ताव केंद्र को भेजे गए हैं. महात्मा गांधी की 150वीं जयंती के अवसर पर गांधी सप्ताह का वृहद स्तर पर आयोजन, पर्यटन क्षेत्रों के सघन प्रचार प्रसार के लिए मार्केटिंग मीडिया कैंपेन चलाया, राज्य की नई पर्यटन नीति 2020 को लागू किया गया. रिप्स 2019 के अंतर्गत टूरिज्म सेक्टर को ट्रस्ट सेक्टर घोषित किया गया. म्यूजिक इन द पार्क के तहत देश के नामचीन शास्त्रीय संगीतज्ञों की प्रस्तुति देखने लायक रही. द ग्रेट इंडियन ट्रैवल बाजार का आयोजन नवंबर 2019 तक कुल निवेश राशि 4331 करोड़ के 312 पर्यटन इकाइयों के प्रोजेक्ट मंजूर हुए. राजस्थान पर्यटन को 2 वर्ष में 10 प्रतिशत अवॉर्ड भी मिले. नॉलेज शेयर करने और संबंधित देशों में प्रचलित बेस्ट प्रोसेस का आदान-प्रदान होगा. राज्य पर्यटन सलाहकार समिति का भी गठन किया गया.
- प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए टूरिज्म कॉल सेंटर की स्थापना.
- प्रदेश में प्रमुख शहर जयपुर, जोधपुर, कोटा, बीकानेर, अजमेर, उदयपुर और अलवर के हेरिटेज स्वरूप को संरक्षित करते हुए तकनीकी क्षेत्र में समृद्ध बनाया जाना.
- राजस्थान में पर्यटन क्षेत्र के एकीकृत और तीव्र विकास के लिए पर्यटन विकास योजना बनाना, जो राज्य में पर्यटन की आधारभूत ढांचे के विकास पर ध्यान केंद्रित करें.
- पर्यटन स्थलों पर ढांचागत सुविधाओं का विकास, साफ सफाई और पर्यटको की सहायता के लिए विशेष उपाय.
- प्रदेश में पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए नए पर्यटन स्थलों को चिन्हित कर उनका विकास करना.
- प्रदेश के प्रमुख पर्यटन स्थलों पर पर्यटकों की सुरक्षा के लिए पर्यटन पुलिस को तैनात करना और विशेष प्रशिक्षण दिया जाना.
- धार्मिक पर्यटन स्थलों पर सभी प्रकार की आवश्यकता सुविधाओं की उपलब्धता सुनिश्चित किया जाना.
- पर्यटन स्थलों का विकास कर रोजगार के और अधिक अवसरों का सृजन करना.
- ऐतिहासिक और धार्मिक स्थलों के आसपास के क्षेत्रों का विकास कर इनके नजदीक खानपान के रेस्टोरेंट खोलने के लिए लोन देने की योजना.
- पर्यटन एवं धार्मिक आस्था के स्थलो को जोड़ने वाली सड़कों का सुदृढ़ीकरण.
- अधिकाधिक लोगों को प्रशिक्षित करवाकर रोजगार के अधिक अवसर उपलब्ध कराने के लिए सभी संभागीय मुख्यालयों पर गाइड प्रशिक्षण केंद्र.
- राजस्थानी भाषा की फिल्म का निर्माण करने पर अनुदान राशि योजना को साकार रूप देना.
- राष्ट्रीय पुरस्कार प्राप्त आवास कलाकारों को भी कम दर पर आवासीय भूखंड उपलब्ध करवाना.
- प्रदेश की प्रमुख जनजाति क्षेत्र में बने पर्यटन स्थलों के सौंदर्यकरण की नीव रखना.
- राजस्थान की लोक संस्कृति, कला, प्रदेश के स्थानीय नृत्य, गीत संगीत कला, साहित्य से जुड़े उत्कृष्ट कलाकारों को सम्मानित करना.
- प्रदेश में पर्यटन के विकास के लिए प्रदेश में रोजगार को बढ़ावा देने और पर्यटन को विकसित करते हुए छोटे एवं बड़े होटलों के व्यवसाय को प्रोत्साहन दिया जाना.
प्रदेश में अनुभवी पर्यटक गाइड अभ्यर्थियों को बीते 10 साल से गाइड परिचय पत्र के लिए पर्यटन विभाग के चक्कर काटने पड़ रहे हैं. विभाग शैक्षणिक योग्यता रखने वाले अनुभवी पर्यटक गाइडों को प्रशिक्षण कार्यक्रम में शामिल ना करके बेरोजगारी की ओर धखेल दिया है. पर्यटन विभाग ने वर्ष 2010 में पर्यटन एक्ट लागू कर दिया और इस एक्ट की विज्ञप्ति आधार पर चयन प्रक्रिया कर ली गई.