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जन घोषणा पत्र की पूरी की गई घोषणाओं को जनता के सामने रखने की तैयारी में जुटी सरकार

प्रदेश की गहलोत सरकार 2 अक्टूबर को अपने जन घोषणा पत्र की पूरी की गई घोषणाओं को जनता के सामने रखेगी. सरकार इसकी तैयारी में जुट गई है. 25 सितंबर को राजस्थान के लिए बनाई गई मेनिफेस्टो इंप्लीमेंटेशन कमिटी के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू और डॉ. अमर सिंह जयपुर आएंगे. इस दौरान वे जन घोषणा पत्र कितना पूरा हुआ है, इसके बारे में जानकारी लेंगे.

Promises made in public manifesto,  Gehlot government latest news
तैयारी में जुटी सरकार
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Published : Sep 22, 2020, 10:48 PM IST

जयपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने संगठन के जरिए 2 अक्टूबर को राजस्थान की जनता को यह बताने जा रही है कि चुनाव से पहले अपने जन घोषणा पत्र में जनता के लिए किए गए वादे कितने पूरे किए गए हैं. सरकार के सभी विभाग इस काम में जुट गए हैं और लगातार इस मामले में बैठकों का दौर चल रहा है.

तैयारी में जुटी सरकार

मंगलवार को भी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की तैयारियों को लेकर चर्चा की. बता दें कि 25 सितंबर को राजस्थान के लिए बनाई गई मेनिफेस्टो इंप्लीमेंटेशन कमिटी के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू और डॉ. अमर सिंह जयपुर आएंगे. इस दौरान वे जन घोषणा पत्र कितना पूरा हुआ है, इसके बारे में जानकारी लेंगे.

पढ़ें- कृषि बिलों के खिलाफ कांग्रेस देशभर में 24 सितंबर से 10 अक्टूबर तक करेगी विरोध प्रदर्शन

इस कमेटी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अविनाश पांडे भी शामिल है. हालांकि, अविनाश पांडे को प्रदेश प्रभारी और सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर इस कमेटी में शामिल किया गया था. यह कमेटी 25 सितंबर को राजस्थान में मेनिफेस्टो कितना पूरा हुआ है, इसे लेकर चर्चा करेगी. 2 अक्टूबर को इस कमेटी के सामने रखे जाने वाली बात को ही जनता के सामने रखा जाएगा.

दरअसल, प्रदेश प्रभारी बनने के बाद अजय माकन ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो चुनाव में जन घोषणा पत्र जारी किया था उसके मुताबिक 60 से 70 प्रतिशत वादे पूरे किए जा चुके हैं. इसके अलावा अन्य भी काम किए गए हैं, जो घोषणा पत्र में शामिल नहीं थे. इन सभी कामों का ब्यौरा महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस के तरफ से प्रभारी महासचिव अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जनता के सामने रखेंगे.

इसके लिए मुख्यमंत्री खुद विभागीय मंत्री और अधिकारियों से जन घोषणा पत्र को लेकर बैठकों से जानकारी ले रहे हैं. राजस्थान में सरकार अब तक दो बजट पेश कर चुकी है. इनमें से ज्यादातर घोषणाएं जन घोषणा पत्र में किए गए वादों की ही है. ऐसे में विभागों में अभी उन कामों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जिनमें बजट की जरूरत नहीं है. आर्थिक संकट से सरकार पहले ही जूझ रही है. इन हालात में पॉलिसी और अन्य कामकाज के सरलीकरण में पारदर्शिता को लेकर किए गए वादों पर काम चल रहा है.

जयपुर. प्रदेश की कांग्रेस सरकार अपने संगठन के जरिए 2 अक्टूबर को राजस्थान की जनता को यह बताने जा रही है कि चुनाव से पहले अपने जन घोषणा पत्र में जनता के लिए किए गए वादे कितने पूरे किए गए हैं. सरकार के सभी विभाग इस काम में जुट गए हैं और लगातार इस मामले में बैठकों का दौर चल रहा है.

तैयारी में जुटी सरकार

मंगलवार को भी प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा ने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से घोषणा पत्र के क्रियान्वयन की तैयारियों को लेकर चर्चा की. बता दें कि 25 सितंबर को राजस्थान के लिए बनाई गई मेनिफेस्टो इंप्लीमेंटेशन कमिटी के चेयरमैन ताम्रध्वज साहू और डॉ. अमर सिंह जयपुर आएंगे. इस दौरान वे जन घोषणा पत्र कितना पूरा हुआ है, इसके बारे में जानकारी लेंगे.

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इस कमेटी में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत, उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट और अविनाश पांडे भी शामिल है. हालांकि, अविनाश पांडे को प्रदेश प्रभारी और सचिन पायलट को प्रदेश अध्यक्ष के तौर पर इस कमेटी में शामिल किया गया था. यह कमेटी 25 सितंबर को राजस्थान में मेनिफेस्टो कितना पूरा हुआ है, इसे लेकर चर्चा करेगी. 2 अक्टूबर को इस कमेटी के सामने रखे जाने वाली बात को ही जनता के सामने रखा जाएगा.

दरअसल, प्रदेश प्रभारी बनने के बाद अजय माकन ने कहा था कि विधानसभा चुनाव में कांग्रेस ने जो चुनाव में जन घोषणा पत्र जारी किया था उसके मुताबिक 60 से 70 प्रतिशत वादे पूरे किए जा चुके हैं. इसके अलावा अन्य भी काम किए गए हैं, जो घोषणा पत्र में शामिल नहीं थे. इन सभी कामों का ब्यौरा महात्मा गांधी की जयंती पर 2 अक्टूबर को प्रदेश कांग्रेस के तरफ से प्रभारी महासचिव अजय माकन, मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा जनता के सामने रखेंगे.

इसके लिए मुख्यमंत्री खुद विभागीय मंत्री और अधिकारियों से जन घोषणा पत्र को लेकर बैठकों से जानकारी ले रहे हैं. राजस्थान में सरकार अब तक दो बजट पेश कर चुकी है. इनमें से ज्यादातर घोषणाएं जन घोषणा पत्र में किए गए वादों की ही है. ऐसे में विभागों में अभी उन कामों पर ज्यादा फोकस किया जा रहा है, जिनमें बजट की जरूरत नहीं है. आर्थिक संकट से सरकार पहले ही जूझ रही है. इन हालात में पॉलिसी और अन्य कामकाज के सरलीकरण में पारदर्शिता को लेकर किए गए वादों पर काम चल रहा है.

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