जयपुर. हाईकोर्ट ने राज्य सरकार की चुनाव टालने की अपील को खारिज करते हुए तय समय पर चुनाव कराने के आदेश दिए थे. जिसे अब कोरोना का हवाला देकर सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया है. हालांकि, यूडीएच मंत्री ने हाईकोर्ट के डिसीजन पर इलेक्शन कराने में दिक्कत नहीं होने की बात कही थी और अब शांति धारीवाल चुनाव 4 महीने आगे होने से कोई फर्क नहीं पड़ने की बात कह रहे हैं.
प्रदेश सरकार ने जयपुर, जोधपुर और कोटा में अक्टूबर के अंत तक चुनाव कराने के हाईकोर्ट के आदेश को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. कोरोना के बढ़ते संक्रमण की वजह से राज्य सरकार निकाय चुनाव टालना चाहती है. संभव है कि एक-दो दिन में इस अपील पर सुनवाई की तारीख तय हो जाएगा.
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इस संबंध में यूडीएच मंत्री शांति धारीवाल ने कहा कि अभी कोरोना तेजी से फैल रहा है. जयपुर, जोधपुर और कोटा में हर दिन बड़ी संख्या में कोरोना के मरीज सामने आ रहे हैं. ऐसे में नगरीय निकाय के चुनाव चार-पांच महीने और टाले जा सकते हैं. उन्होंने कहा कि पंचायती राज के चुनाव और नगरीय निकाय के चुनाव में बहुत अंतर होता है. धारीवाल ने कहा कि शहरों में एहतियात बरतने की ज्यादा जरूरत है. उन्होंने कहा कि यदि चुनाव 4 महीने आगे शिफ्ट हो जाए, तो उससे कोई फर्क नहीं पड़ेगा.
बता दें, इससे पहले राज्य सरकार ने सतीश कुमार शर्मा के मामले की सुनवाई के दौरान भी हाईकोर्ट में प्रार्थना पत्र पेश करके निकाय चुनाव मार्च-2021 तक टालने का आग्रह किया था. लेकिन कोर्ट ने तारीख आगे बढ़ाने से इंकार कर दिया. कोर्ट ने अक्टूबर के अंत तक चुनाव कराने की समय सीमा तय की है.
हाईकोर्ट ने कहा था कि जब बिहार में विधानसभा और प्रदेश में पंचायत चुनाव हो सकते हैं, तो ऐसे में कोरोना का हवाला देकर निकाय चुनाव टालने का कोई औचित्य नहीं है.