ETV Bharat / city

प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र को भेजा ज्ञापन, राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2645 करोड़ रुपए की मांग

राजस्थान सरकार ने प्रदेश में मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान से राहत के लिए केंद्र सरकार से राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से लगभग 2 हजार 645 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है. सीएम गहलोत ने केंद्र को भेजी जाने वाली इस ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है.

सीएम आपदा मीटिंग, CM disaster meeting
author img

By

Published : Nov 7, 2019, 4:47 PM IST

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान से राहत के लिए केन्द्र सरकार से सहायता मांगी है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से लगभग 2 हजार 645 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए केंद्र को भेजे जाने वाले ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है.

प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र को भेजा ज्ञापन

सीएम गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में इस ज्ञापन को मंजूरी दी. केंद्र सरकार से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में किसानों को कृषि आदान अनुदान देने के लिए करीब 1 हजार 642 करोड़ रुपए और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए 369 करोड़ रुपए की मांग की गई है. साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि की मरम्मत के लिए एसडीआरएफ के नियमों के तहत लगभग 395 करोड़ रुपए मांगे गए हैं.

पढ़ें- चुनाव से पहले भाजपा को लगा झटका, आधिपत्य जमाने में जुटी कांग्रेस

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज्ञापन भेजने के बाद केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के साथ समन्वय कर यह सहायता राशि जल्द जारी करवाने का प्रयास करें. ताकि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगों को शीघ्र राहत एवं सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके. आपदा प्रबंधन विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बैठक में अवगत कराया कि इस वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश के अधिकांश जिले अत्यधिक वर्षा से प्रभावित रहे, जहां विभिन्न आपदा राहत गतिविधियां चलाई गई.

शासन सचिव ने बताया कि राज्य के 18 जिलों के 12 हजार 943 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है. आपदा से 49 लाख से अधिक काश्तकार प्रभावित हुए हैं जिनको कृषि आदान अनुदान राशि वितरित की जानी है. आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग की ओर से तैयार ज्ञापन में शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए भी राशि मांगी गई है. इसके लिए सर्वे और गिरदावरी करवाकर बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है.

महाजन ने बताया कि भारी बारिश, जल-भराव व बाढ़ से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों जैसे आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर उसके आधार पर नियमानुसार सहायता राशि की मांग भी ज्ञापन में शामिल है. वहीं, बैठक में आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

जयपुर. राज्य सरकार ने प्रदेश में मानसून के दौरान भारी बारिश और बाढ़ के कारण हुए नुकसान से राहत के लिए केन्द्र सरकार से सहायता मांगी है. राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से लगभग 2 हजार 645 करोड़ रुपए की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए केंद्र को भेजे जाने वाले ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है.

प्रदेश की गहलोत सरकार ने केंद्र को भेजा ज्ञापन

सीएम गहलोत ने गुरुवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में इस ज्ञापन को मंजूरी दी. केंद्र सरकार से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में किसानों को कृषि आदान अनुदान देने के लिए करीब 1 हजार 642 करोड़ रुपए और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए 369 करोड़ रुपए की मांग की गई है. साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि की मरम्मत के लिए एसडीआरएफ के नियमों के तहत लगभग 395 करोड़ रुपए मांगे गए हैं.

पढ़ें- चुनाव से पहले भाजपा को लगा झटका, आधिपत्य जमाने में जुटी कांग्रेस

मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज्ञापन भेजने के बाद केंद्र सरकार के संबंधित विभाग के साथ समन्वय कर यह सहायता राशि जल्द जारी करवाने का प्रयास करें. ताकि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगों को शीघ्र राहत एवं सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके. आपदा प्रबंधन विभाग के शासन सचिव सिद्धार्थ महाजन ने बैठक में अवगत कराया कि इस वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश के अधिकांश जिले अत्यधिक वर्षा से प्रभावित रहे, जहां विभिन्न आपदा राहत गतिविधियां चलाई गई.

शासन सचिव ने बताया कि राज्य के 18 जिलों के 12 हजार 943 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है. आपदा से 49 लाख से अधिक काश्तकार प्रभावित हुए हैं जिनको कृषि आदान अनुदान राशि वितरित की जानी है. आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग की ओर से तैयार ज्ञापन में शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए भी राशि मांगी गई है. इसके लिए सर्वे और गिरदावरी करवाकर बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलों और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है.

महाजन ने बताया कि भारी बारिश, जल-भराव व बाढ़ से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों जैसे आंगनबाड़ी केंद्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर उसके आधार पर नियमानुसार सहायता राशि की मांग भी ज्ञापन में शामिल है. वहीं, बैठक में आपदा प्रबंधन एवं राहत मंत्री भंवरलाल मेघवाल, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे.

Intro:
प्रदेश की गहलोत सरकार ने केन्द्र को भेजा ज्ञापन , राजस्थान ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष से 2645 करोड़ रुपये की मांग की

जयपुर
एंकर:- राज्य सरकार ने प्रदेश में मानसून वर्षा के दौरान अत्याधिक भारी वर्षा/बाढ़ के कारण हुए नुकसान से राहत के लिए केन्द्र सरकार से सहायता मांगी है , राज्य सरकार ने राष्ट्रीय आपदा राहत कोष यानी एनडीआरएफ से लगभग 2645 करोड़ रुपये की सहायता राशि उपलब्ध कराने की मांग की है। मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए केन्द्र को भेजे जाने वाले ज्ञापन को स्वीकृति दे दी है।

VO:- मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने गुरूवार को मुख्यमंत्री कार्यालय में आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग के अधिकारियों के साथ बैठक में इस ज्ञापन को मंजूरी दी। केन्द्र सरकार से फसलों को हुए नुकसान के मुआवजे के रूप में किसानों को कृषि आदान अनुदान देने के लिए करीब 1642 करोड़ रूपए और भूमि कटाव से हुए नुकसान के मुआवजे के लिए 369 करोड़ रुपए की मांग की गई है साथ ही सार्वजनिक निर्माण विभाग सहित अन्य विभागों की ओर से क्षतिग्रस्त सड़कों, पुलों आदि की मरम्मत के लिए एसडीआरएफ के नियमों के तहत् लगभग 395 करोड़ रूपए मांगे गए हैं। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश दिए कि ज्ञापन भेजने के बाद केन्द्र सरकार के सम्बन्धित विभाग के साथ समन्वय कर यह सहायता राशि जल्द जारी करवाने के प्रयास करें, ताकि प्राकृतिक आपदा से प्रभावित हुए लोगों को शीघ्र राहत एवं सहायता राशि उपलब्ध कराई जा सके। शासन सचिव, आपदा प्रबन्धन विभाग सिद्धार्थ महाजन ने बैठक में अवगत कराया कि इस वर्ष मानसून के दौरान प्रदेश के अधिकांश जिले अत्यधिक वर्षा से प्रभावित रहे जहां विभिन्न आपदा राहत गतिविधियां चलाई गई। राज्य के 18 जिलों के 12,943 गांवों को अभावग्रस्त घोषित किया गया है। आपदा सेे 49 लाख से अधिक काश्तकार प्रभावित हुए हैं, जिनको कृषि आदान अनुदान राशि वितरित की जानी है।
आपदा प्रबंधन एवं सहायता विभाग द्वारा तैयार ज्ञापन में शहरी क्षेत्र में क्षतिग्रस्त ड्रेनेज की मरम्मत तथा बिजली आपूर्ति में सुधार कार्यों के लिए भी राशि मांगी गई है। इसके लिए सर्वे और गिरदावरी करवाकर बारिश और इससे जुडे़ हादसों से जान-माल, पशुधन, फसलोंं और अन्य परिसम्पतियों को हुए नुकसान का आंकलन किया गया है। महाजन ने बताया कि भारी वर्षा, जल-भराव/बाढ़ से मानव जीवन, पशुधन, आवासीय भवनों, कैटलशेड एवं सार्वजनिक परिसम्पतियों जैसे आंगनबाड़ी केन्द्र, प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र आदि को हुए वास्तविक नुकसान का आकलन कर उसके आधार पर नियमानुसार सहायता राशि की मांग भी ज्ञापन में शामिल है।बैठक में आपदा प्रबन्धन एवं राहत मंत्री मास्टर भंवरलाल मेघवाल, मुख्य सचिव डीबी गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव सार्वजनिक निर्माण वीनू गुप्ता, अतिरिक्त मुख्य सचिव वित्त निरंजन आर्य, प्रमुख शासन सचिव राजस्व संजय मल्होत्रा सहित अन्य वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।Body:VoConclusion:Vo
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.