जयपुर. कोरोना कालखण्ड के दो साल में सबसे ज्यादा असर पर्यटन व्यवसाय पर पड़ा है. पर्यटन व्यवसाय अभी भी वापस खड़ा नहीं हो पा रहा है. खासकर इंटरनेशनल टूरिज्म पूरी तरीके से बंद पड़ा है. अब सरकार की कोशिश है कि किस तरह से डोमेस्टिक टूरिज्म के जरिए इस व्यवसाय को वापस खड़ा किया जाए. इसके लिए प्रदेश की गहलोत सरकार अब हर राज्य में वहां की स्थानीय भाषा के जरिए राजस्थान के पर्यटन का प्रचार प्रसार करेगी और उनसे आग्रह करेगी कि पधारो म्हारे देश.
पर्यटन मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने गुरुवार को सचिवालय में राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देने और विभाग के (Domestic Tourism in Rajasthan) प्रचार-प्रसार के लिए बैठक की. बैठक के बाद मंत्री विश्वेंद्र सिंह ने बताया कि यह एजेंसी राजस्थान के पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए 12 लघु फिल्में बनाएगी. अभी हम इन फिल्मों का एजेंसी के माध्यम से प्रेजेंटेशन देख रहे है. जल्द ही इन फिल्मों को विज्ञापन के माध्यम से प्रसारित किया जाएगा. इसमें राजस्थान के सभी क्षेत्रों को सम्मिलित किया जाएगा, जिसके माध्यम से पूरे प्रदेश के बारे में जानकारी उपलब्ध कराई जाएगी. जिससे लोगों को वहां के पर्यटन स्थलों, स्थानीय कल्चर के बारे में पूरी जानकारी मिलेगी.
राजस्थान के पर्यटन के प्रचार प्रसार के लिए दिल्ली की SPAM कॉमिनेशन पीआर एजेंसी को (Gehlot Government on Tourism) चुना गया है. ये कम्पनी लघु फिल्मों, पोस्टर और अदर एक्टिविटी के जरिए राजस्थान का प्रचार प्रसार करेगी. 12 लघु फिल्मों के माध्यम से राजस्थान के पर्यटन के प्रति लोग प्रभावित होंगे. विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि इससे प्रदेश के पर्यटन को देश विदेश में बढ़ावा मिलेगा. जिससे स्थानीय और विदेशी पर्यटक यहां पधारेंगे. इससे प्रदेश के पर्यटन का विकास होगा. साथ ही रेवेन्यू भी जनरेट होगा. मंत्री ने कहा कि हम राजस्थान के पर्यटन के विकास के लिए देश के अन्य राज्यों में भी मुख्यमंत्री अशोक गहलोत की फोटो के साथ "पधारो म्हारे देश" लिखा हुआ.
स्थानीय भाषा मे होगा प्रचार-प्रसारः पर्यटन मंत्री विश्वेन्द्र सिंह ने कहा कि कोरोना संक्रमण का सबसे ज्यादा असर अगर (Rajasthan Tourism in Regional Language ) किसी व्यवसाय पर पड़ा है तो वह है टूरिज्म व्यवसाय. संक्रमण का दौर भले खत्म हो गया और लेकिन अभी भी टूरिज्म खड़ा नहीं हो पाया है. इंटरनेशनल टूरिज्म पर अभी भी कई तरह के नियम लगे हुए हैं. जिसकी वजह से वह राजस्थान में नहीं पहुंच पा रहा है. ऐसे में स्थानीय टूरिज्म को किस तरह से बढ़ाया जाए, इसके लिए लगातार विभाग की ओर से प्रयास किए जा रहे हैं.
उन्होंने कहा कि हमने पॉलिसी तय की, जिसके जरिए डोमेस्टिक टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए वहां की स्थानीय भाषा के जरिए ही आमंत्रित किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अलग-अलग राज्यों में वहां की स्थानीय भाषा में राजस्थान के कल्चर का प्रचार-प्रसार किया जाएगा. उन्होंने कहा कि अब तक हिंदी और अंग्रेजी भाषा के जरिए ही राजस्थान पर्यटन का प्रचार प्रसार किया जा रहा था. लेकिन अब हिंदी, अंग्रेजी के साथ ही संबंधित राज्य की स्थानीय भाषा के जरिए भी प्रचार-प्रसार होगा.