जयपुर. महंगाई की मार झेल रही जनता को राहत देने की दिशा में प्रदेश की गहलोत सरकार ने बड़ा कदम उठाया है. सरकार ने पेट्रोल-डीजल पर वैट में दो फीसदी की कमी की है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने राज्य में पेट्रोल एवं डीजल पर लगने वाले वैट की दर में 2 प्रतिशत की कमी कर पेट्रोल एवं डीजल की बढ़ती कीमतों से लोगों को बड़ी राहत दी है. इस संबंध में वित्त विभाग ने आदेश जारी कर दिए हैं. यह आदेश 28 जनवरी रात 12 बजे से प्रभावी होंगे.
कोविड-19 महामारी के कारण आर्थिक गतिविधियों के प्रभावित होने और राजस्व में आई कमी के बावजूद मुख्यमंत्री ने आमजन के हित में यह महत्वपूर्ण निर्णय किया है. इससे आमजन के साथ-साथ ट्रांसपोर्ट, इंफ्रास्ट्रक्चर, रियल एस्टेट और अन्य व्यवसाय को भी काफी राहत मिलेगी. वैट की दरों में कमी से राज्य सरकार को प्रतिवर्ष राजस्व में अनुमानतः एक हजार करोड़ रुपए की कमी आएगी.
सीएम अशोक गहलोत ने कहा है कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर क्रूड ऑयल के दाम लंबे समय तक न्यूनतम स्तर पर होने के बावजूद पेट्रोल-डीजल के दाम उच्चतम स्तर पर होने से महंगाई बढ़ रही है. इससे आमजन को आर्थिक दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. मुख्यमंत्री ने कहा कि भारत सरकार की ओर से वर्तमान में पेट्रोल पर 32.98 रुपए प्रति लीटर और डीजल पर 31.83 रुपए प्रति लीटर उत्पाद शुल्क लिया जा रहा है, जो अत्यधिक है.
गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से बेसिक एक्साइज ड्यूटी राज्यों को दिए जाने वाले डिविजिएबल पूल का हिस्सा होती है. जिसे लगातार कम करते हुए पेट्रोल पर 9.48 रुपए से 2.98 रुपए और डीजल पर 11.33 रुपए से 4.83 रुपए किया जा चुका है, जिससे राजस्थान सहित सभी राज्यों को राजस्व की भारी हानि हो रही है.
केन्द्र भी दे राहत
सीएम गहलोत ने कहा कि भारत सरकार की ओर से एडिशनल एक्साईज ड्यूटी को लगातार बढ़ाते हुए पेट्रोल एवं डीजल पर 8 रुपए से 18 रुपए प्रति लीटर और स्पेशल एक्साईज ड्यूटी को बढ़ाकर पेट्रोल पर 7 रुपए से 12 रुपए एवं डीजल पर शून्य से बढ़ाकर 9 रुपए प्रति लीटर किया जा चुका है.
भारत सरकार की इस नीति के कारण राज्यों को इसका लाभ नहीं मिल रहा है. साथ ही आमजन को महंगे पेट्रोल-डीजल की मार झेलनी पड़ रही है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने जो पहल की है, केन्द्र सरकार भी उसका अनुसरण करते हुए पेट्रोल एवं डीजल पर केन्द्रीय करों में कमी कर लोगों को राहत दे.