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गहलोत सरकार के इस फैसले से अब दफ्तरों में लेट नहीं पहुंचेंगे कर्मचारी

प्रदेश की गहलोत सरकार ने दफ्तरों के कर्मचारियों को लेकर शुक्रवार को एक अहम निर्णय लिया है. जिसके चलते कार्यालयों में देरी से आने वाले कर्मचारियों पर कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

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Published : Sep 28, 2019, 10:34 AM IST

गहलोत सरकार, Gehlot government

जयपुर. गहलोत सरकार ने शुक्रवार को बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय से घाटा सरकारी कर्मचारियों को होने वाला है. वो भी ऐसे कर्मचारी जो समय पर अपने दफ्तर नहीं पहुंचते हैं. जिनके कारण राज्य सरकार के कामों में गिरावट देखी जाती है.

लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों पर सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

सरकार ने शुक्रवार को दफ्तर के कर्मचारियों से संबंधित एक निर्णय लिया है. दफ्तरों में लेट आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई. इसके लिए सरकार ने प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. आप कहेंगे ये गठित टीमों का क्या रोल होगा. इस स्तर पर गठित टीमें समय-समय पर सरकारी कार्यालयों और विभागों का अचानक निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के दौरान कार्यालयों की स्थिति रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. अपने काम के साथ लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सरकार की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले भी था ऐसा नियम

हम आपको जानकारी के तौर पर बताते हैं कि यह पहली बार ऐसा निर्णय नहीं लिया गया है. इससे पहले भी ऐसा निर्णय लिया जा चुका है. असल में साल था 2015 तब राजस्थान में बीजेपी की सरकार थी. इस सरकार में मुख्यमंत्री का कार्यभार वसुंधरा राजे संभाल रहीं थी. तब भी इस तरह के आदेश निकाले गए थे. अब गहलोत सरकार ने इस नियम को आम जनता से जुड़े हुए कार्यों को प्राथमिकता देते हुए यह आदेश जारी किया है.

पढ़ें. मायावती के बाद अखिलेश ने भी गठबंधन से हटने के दिए संकेत

किस कारण यह नियम लाया गया

पिछले दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर दफ्तरों में अनुपस्थित रहने की शिकायतें लगातार मिल रही थी. वहीं, कई कर्मचारियों की पिछले दिनों चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों के कामों में गतिविधियों की भी शिकायत आई थी. इसी को देखते हुए सरकार ने ये टीम गठित करने निर्देश दिए हैं. सरकार चाहती है कि कर्मचारी और अधिकारी सरकार के काम काज और योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाए. सरकार जनकल्याणकारी योजना शुरू करती है. उसका लाभ हर व्यक्ति को मिले इसके लिए कर्मचारियों की भूमिका होती है. लेकिन अधिकारी और कर्मचारी अपने दफ्तरों में समय पर नहीं पहुंचते. जिसके चलते न तो काम को गति मिल पाती है और न ही दफ्तर में काम लेकर आने वाले व्यक्ति का समय पर काम हो पाता है.

इन सब गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने अब कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई है. हम आप को बता दें, कि हाल ही में हुए आईएएस तबादलों के बाद आर वेंकटेश्वर ने प्रशासनिक सुधार विभाग का जिम्मा दो दिन पहले ही संभाला है. एसीएस ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही ये पहला आदेश जारी किया है.

जयपुर. गहलोत सरकार ने शुक्रवार को बड़ा निर्णय लिया है. इस निर्णय से घाटा सरकारी कर्मचारियों को होने वाला है. वो भी ऐसे कर्मचारी जो समय पर अपने दफ्तर नहीं पहुंचते हैं. जिनके कारण राज्य सरकार के कामों में गिरावट देखी जाती है.

लेट पहुंचने वाले कर्मचारियों पर सरकार ने लिया बड़ा निर्णय

सरकार ने शुक्रवार को दफ्तर के कर्मचारियों से संबंधित एक निर्णय लिया है. दफ्तरों में लेट आने वाले कर्मचारियों पर कार्रवाई. इसके लिए सरकार ने प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैं. आप कहेंगे ये गठित टीमों का क्या रोल होगा. इस स्तर पर गठित टीमें समय-समय पर सरकारी कार्यालयों और विभागों का अचानक निरीक्षण करेगी. निरीक्षण के दौरान कार्यालयों की स्थिति रिपोर्ट सरकार को सौंपेगी. अपने काम के साथ लापरवाही करने वाले कर्मचारियों पर सरकार की तरफ से कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

इससे पहले भी था ऐसा नियम

हम आपको जानकारी के तौर पर बताते हैं कि यह पहली बार ऐसा निर्णय नहीं लिया गया है. इससे पहले भी ऐसा निर्णय लिया जा चुका है. असल में साल था 2015 तब राजस्थान में बीजेपी की सरकार थी. इस सरकार में मुख्यमंत्री का कार्यभार वसुंधरा राजे संभाल रहीं थी. तब भी इस तरह के आदेश निकाले गए थे. अब गहलोत सरकार ने इस नियम को आम जनता से जुड़े हुए कार्यों को प्राथमिकता देते हुए यह आदेश जारी किया है.

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किस कारण यह नियम लाया गया

पिछले दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर दफ्तरों में अनुपस्थित रहने की शिकायतें लगातार मिल रही थी. वहीं, कई कर्मचारियों की पिछले दिनों चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों के कामों में गतिविधियों की भी शिकायत आई थी. इसी को देखते हुए सरकार ने ये टीम गठित करने निर्देश दिए हैं. सरकार चाहती है कि कर्मचारी और अधिकारी सरकार के काम काज और योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाए. सरकार जनकल्याणकारी योजना शुरू करती है. उसका लाभ हर व्यक्ति को मिले इसके लिए कर्मचारियों की भूमिका होती है. लेकिन अधिकारी और कर्मचारी अपने दफ्तरों में समय पर नहीं पहुंचते. जिसके चलते न तो काम को गति मिल पाती है और न ही दफ्तर में काम लेकर आने वाले व्यक्ति का समय पर काम हो पाता है.

इन सब गतिविधियों को देखते हुए सरकार ने अब कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई है. हम आप को बता दें, कि हाल ही में हुए आईएएस तबादलों के बाद आर वेंकटेश्वर ने प्रशासनिक सुधार विभाग का जिम्मा दो दिन पहले ही संभाला है. एसीएस ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही ये पहला आदेश जारी किया है.

Intro:
जयपुर

सरकारी कार्यालयों में लेट पहुंचने पर होगी करवाई , निरक्षण के लिए टीम गठित करने के आदेश , प्रशासनिक सुधार विभाग ने सभी जिला कलेक्टर्स को जारी किए आदेश

एंकर:- सरकारी कार्यालय में लेट पहुंचने और कामकाज में लापरवाही बरतने वाले अधिकारियों कर्मचारियों के खिलाफ अब खेर नही , प्रशासनिक सुधार विभाग ने ऐसे लापरवाह कर्मचारी और अधिकारियों पर नकेल कसने के लिए प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निरीक्षण कमेटी गठित करने के निर्देश दिए , यह कमेटी दफ्तरों में लेट आने वाले कर्मचारी अधिकारियों पर नजर रखेगी।


Body:VO:- राज्य सरकार ने काम में लापरवाही बरतने और दफ्तरों में लेट आने वाले सरकारी कर्मचारियों और अधिकारियों पर शिकंजा कसने पेश कर दिया है सरकार के प्रशासनिक सुधार विभाग की तरफ से प्रदेश के सभी जिला कलेक्टर को निरीक्षण टीम गठित करने के निर्देश दिए गए हैं , यह यह टीम समय-समय पर सरकारी कार्यालयों और विभागों का औचक निरीक्षण कर सरकार को वस्तु स्थिति रिपोर्ट दे देगी ताकि लापरवाह कर्मचारियों खिलाफ सख्त कार्रवाई की जा सके , गौरतलब है कि इससे पहले 2015 में भी इस तरह के आदेश निकाले गए थे अब सरकार ने आम जनता से जुड़े हुए कार्यों को प्राथमिकता देते हुए , ये आदेश जारी किया , दरअसल पिछले दिनों अधिकारियों और कर्मचारियों को लेकर दफ्तर में अनुपस्थित रहने की शिकायतें मिल रही थी , इतना ही कई कर्मचारियों की पिछले दिनों चुनाव के दौरान राजनीतिक पार्टियों के कामों में गतिविधि की भी शिकायत आई थी , इसी को देखते हुए सरकार ने ये टीम गठित करने निर्देश दिए है , सरकार का मानना है कर्मचारी और अधिकारी सरकार के काम काज को और योजनाओं को अंतिम छोर पर बैठे व्यक्ति तक पहुंचाना है , सरकार जनकल्याणकारी करी योजना शुरू करती है उसका लाभ हर व्यक्ति को मिले इसके लिए कर्मचारियों की महती भूमिका होती है लेकिन अधिकारी और कामर्चरी पाने दफ्तरों में समय पर नही पहुंचते जिसके चलते ना तो काम को गति मिल पाती है और ना ही दफ्तर में काम लेकर आने वाले व्यक्ति का समय पर काम होता है , इन सब को देखते हुए सरकार ने अब कर्मचारियों पर सख्ती दिखाई है । हम आप को बता दे आल ही मे हुए आईएएस तबादलों के बाद आर वेंकटेश्वर ने प्रशासनिक सुधार विभाग का जिम्मा दो दिन पहले है संभाल है , एसीएस ने पदभार ग्रहण करने के साथ ही ये पहला आदेश जारी किया ,


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