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तीसरी लहर की आशंका के बीच स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में जुटी गहलोत सरकार, कई प्रस्तावों को दी स्वीकृति - RUHS Hospital

कोरोना महमारी की तीसरी लहर की आशंका तेज होते ही गहलोत सरकार ने स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने के लिए कई प्रस्तावों को हरी झंडी दिखा दिए हैं. इसके तहत आरयूएचएस अस्पताल में शिक्षकों के 44 अतिरिक्त पद सृजित करने के साथ ही उपस्वास्थ्य केंद्रों को भी अपग्रेड किया जा रहा है.

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गहलोत सरकार ने कई प्रस्तावों को दी स्वीकृति
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Published : Jul 20, 2021, 4:12 PM IST

Updated : Jul 20, 2021, 9:41 PM IST

जयपुर. कोरोना की तीसरी की आशंका के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में जुटी हुई है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने आज स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी है. इसमे आरयूएचएस अस्पताल में शिक्षकों के 44 अतिरिक्त पद सृजित करने, उदयपुर जिले में तीन उप स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाए गए हैं.

राज्य सरकार ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रोफेसर से लेकर सीनियर रेजिडेंट तक विभिन्न सवंर्ग में 44 अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया है. इस महाविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स की सीटों की संख्या 100 से बढ़कर 150 हो जाने के क्रम में शिक्षकों के पदों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.

पढ़ें-चिकित्सा विभाग में 45 दिन में पूरी होनी थी 2177 पदों पर भर्तियां, 11 हजार अभ्यर्थी सवा साल बाद भी असमंजस में

प्रस्ताव के अनुसार आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के निरीक्षण से पहले शिक्षकों के न्यूनतम आवश्यक पद सृजित किया जाने जरूरी हैं. इस क्रम में कॉलेज में प्रोफेसर (आचार्य) का एक पद, सह आचार्य के 10, सहायक आचार्य के 18, वरिष्ठ प्रदर्शक के 6 और सीनियर रेजिडेंट के 9 पदों सहित कुल 44 पद अतिरिक्त सृजित होंगे. साथ ही महाविद्यालय के एमरजेंसी मेडिसिन विभाग में सीनियर प्रदर्शक के 9 पदों में परिवर्तन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत किया गया है. गहलोत के इस निर्णय से आरयूएचएस अस्पताल में एमबीबीएस कोर्स की बढ़ी सीटों के अनुरूप एमसीआई के नियमों के अनुसार शिक्षकों के पदों की न्यूनतम संख्या की आवश्यकता पूरी हो सकेगी.

प्रदेशभर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृीकरण के क्रम में राज्य सरकार ने उदयपुर जिले के आदिवासी बहुल्य इलाकों में तीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) में क्रमोन्नत करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार उदयपुर की पंचायत समिति गिर्वा में उप स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत समिति लखांडिया में उप स्वास्थ्य केन्द्र, टेकण तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र, बुडेल (झल्लारा) जिला उदयपुर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जाएगा.

पढ़ें- केंद्र सरकार प्रदेश के लंबित खनन मुद्दों का जल्द समाधान करे: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

इन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सेवाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए 27 नवीन पदों के सृजन तथा मैन विद मशीन के माध्यम से एक व्यक्ति की सेवाएं लेने को भी स्वीकृति दी गई हैं. चिकित्सा विभाग की ओर से तीनों नव क्रमोन्नत पीएचसी के लिए चिकित्साधिकारी के एक-एक पद, नर्सिंग श्रेणी-द्वितीय और वार्ड ब्वाय के दो-दो, महिला स्वास्थ्य दर्शिका, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और सफाई कर्मचारी के एक-एक पद सहित कुल 27 पद सृजित होंगे. साथ ही तीनों पीएचसी में मैन विद मशीन के रूप में एक-एक व्यक्ति की सेवाएं ली जाएंगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशील निर्णय करते हुए अनुकम्पात्मक आधार पर विभिन्न जिलों से प्राप्त उचित मूल्य दुकान आवंटन के कुल 174 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. इससे मृतक राशन डीलरों के आश्रित परिवारों को बड़ा संबल मिल सकेगा. प्रस्ताव के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 60 वर्ष से अधिक आयु, न्यूनतम आयु 21 वर्ष में छूट, विधवा, शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की अवधि में देरी के प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. गहलोत के इस निर्णय से इन आश्रित परिवारों को उचित मूल्य की दुकान का अनुकम्पात्मक आधार पर आवंटन संभव हो सकेगा और उन्हें आजीविका अर्जन में आसानी होगी.

पढ़ें- गहलोत सरकार की घोषणा, रेड अलर्ट जन अनुशासन पखवाड़े की अवधि के लिए वाहनों को टैक्स में छूट

शिथिलन के प्रकरणों में अजमेर प्रथम के 5 एवं अजमेर द्वितीय के 5, अलवर के 24, बांसवाड़ा के 4, भरतपुर के 5, बीकानेर के 5, चूरू के 2, धौलपुर के 4, श्रीगंगानगर के 2, हनुमानगढ़ के 5, जयपुर द्वितीय के 4, जालोर के 3, झुंझुनू के 5, जोधपुर प्रथम के 6, जोधपुर द्वितीय के 13, कोटा के 8, करौली के 2, राजसमन्द के 6, सवाई माधोपुर के 6, सिरोही के 6, नागौर के 9, उदयपुर के 14, प्रतापगढ़ के 2, बारां के 5, बाड़मेर के 2, टोंक के 9, डूंगरपुर के 5, दौसा के 3 एवं बूंदी के 5 प्रकरण शामिल हैं.

जयपुर. कोरोना की तीसरी की आशंका के बीच प्रदेश की गहलोत सरकार स्वास्थ्य सेवाओं को मजबूत करने में जुटी हुई है. यही वजह है कि मुख्यमंत्री ने आज स्वास्थ्य सेवाओं से जुड़े कई प्रस्तावों को स्वीकृति दी है. इसमे आरयूएचएस अस्पताल में शिक्षकों के 44 अतिरिक्त पद सृजित करने, उदयपुर जिले में तीन उप स्वास्थ्य केन्द्र को क्रमोन्नत कर प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र बनाए गए हैं.

राज्य सरकार ने राजस्थान स्वास्थ्य विज्ञान विश्वविद्यालय (आरयूएचएस) के चिकित्सा महाविद्यालय में प्रोफेसर से लेकर सीनियर रेजिडेंट तक विभिन्न सवंर्ग में 44 अतिरिक्त पद सृजित करने का निर्णय लिया है. इस महाविद्यालय में एमबीबीएस कोर्स की सीटों की संख्या 100 से बढ़कर 150 हो जाने के क्रम में शिक्षकों के पदों की संख्या बढ़ाना आवश्यक है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इससे संबंधित प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है.

पढ़ें-चिकित्सा विभाग में 45 दिन में पूरी होनी थी 2177 पदों पर भर्तियां, 11 हजार अभ्यर्थी सवा साल बाद भी असमंजस में

प्रस्ताव के अनुसार आरयूएचएस मेडिकल कॉलेज में एमबीबीएस सीटों की संख्या बढ़ाने के लिए भारतीय चिकित्सा परिषद (एमसीआई) के निरीक्षण से पहले शिक्षकों के न्यूनतम आवश्यक पद सृजित किया जाने जरूरी हैं. इस क्रम में कॉलेज में प्रोफेसर (आचार्य) का एक पद, सह आचार्य के 10, सहायक आचार्य के 18, वरिष्ठ प्रदर्शक के 6 और सीनियर रेजिडेंट के 9 पदों सहित कुल 44 पद अतिरिक्त सृजित होंगे. साथ ही महाविद्यालय के एमरजेंसी मेडिसिन विभाग में सीनियर प्रदर्शक के 9 पदों में परिवर्तन करने के प्रस्ताव को भी स्वीकृत किया गया है. गहलोत के इस निर्णय से आरयूएचएस अस्पताल में एमबीबीएस कोर्स की बढ़ी सीटों के अनुरूप एमसीआई के नियमों के अनुसार शिक्षकों के पदों की न्यूनतम संख्या की आवश्यकता पूरी हो सकेगी.

प्रदेशभर में चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवाओं के सुदृीकरण के क्रम में राज्य सरकार ने उदयपुर जिले के आदिवासी बहुल्य इलाकों में तीन उप स्वास्थ्य केन्द्रों को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों (पीएचसी) में क्रमोन्नत करने का निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने इसके लिए चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के प्रस्ताव का अनुमोदन कर दिया है. प्रस्ताव के अनुसार उदयपुर की पंचायत समिति गिर्वा में उप स्वास्थ्य केन्द्र, पंचायत समिति लखांडिया में उप स्वास्थ्य केन्द्र, टेकण तथा उप स्वास्थ्य केन्द्र, बुडेल (झल्लारा) जिला उदयपुर को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्रों में क्रमोन्नत किया जाएगा.

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इन स्वास्थ्य केन्द्रों में चिकित्सा सेवाओं के सुचारू रूप से संचालन के लिए 27 नवीन पदों के सृजन तथा मैन विद मशीन के माध्यम से एक व्यक्ति की सेवाएं लेने को भी स्वीकृति दी गई हैं. चिकित्सा विभाग की ओर से तीनों नव क्रमोन्नत पीएचसी के लिए चिकित्साधिकारी के एक-एक पद, नर्सिंग श्रेणी-द्वितीय और वार्ड ब्वाय के दो-दो, महिला स्वास्थ्य दर्शिका, फार्मासिस्ट, लैब टेक्नीशियन और सफाई कर्मचारी के एक-एक पद सहित कुल 27 पद सृजित होंगे. साथ ही तीनों पीएचसी में मैन विद मशीन के रूप में एक-एक व्यक्ति की सेवाएं ली जाएंगी.

मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने संवेदनशील निर्णय करते हुए अनुकम्पात्मक आधार पर विभिन्न जिलों से प्राप्त उचित मूल्य दुकान आवंटन के कुल 174 प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. इससे मृतक राशन डीलरों के आश्रित परिवारों को बड़ा संबल मिल सकेगा. प्रस्ताव के अनुसार, मुख्यमंत्री ने 60 वर्ष से अधिक आयु, न्यूनतम आयु 21 वर्ष में छूट, विधवा, शैक्षणिक योग्यता और आवेदन की अवधि में देरी के प्रकरणों में शिथिलता प्रदान की है. गहलोत के इस निर्णय से इन आश्रित परिवारों को उचित मूल्य की दुकान का अनुकम्पात्मक आधार पर आवंटन संभव हो सकेगा और उन्हें आजीविका अर्जन में आसानी होगी.

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शिथिलन के प्रकरणों में अजमेर प्रथम के 5 एवं अजमेर द्वितीय के 5, अलवर के 24, बांसवाड़ा के 4, भरतपुर के 5, बीकानेर के 5, चूरू के 2, धौलपुर के 4, श्रीगंगानगर के 2, हनुमानगढ़ के 5, जयपुर द्वितीय के 4, जालोर के 3, झुंझुनू के 5, जोधपुर प्रथम के 6, जोधपुर द्वितीय के 13, कोटा के 8, करौली के 2, राजसमन्द के 6, सवाई माधोपुर के 6, सिरोही के 6, नागौर के 9, उदयपुर के 14, प्रतापगढ़ के 2, बारां के 5, बाड़मेर के 2, टोंक के 9, डूंगरपुर के 5, दौसा के 3 एवं बूंदी के 5 प्रकरण शामिल हैं.

Last Updated : Jul 20, 2021, 9:41 PM IST
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