जयपुर. अलवर के राजगढ़ में मास्टर प्लान के नाम पर की गई कार्रवाई के करीब (Rajgarh Temple Controversy) सात दिन बाद सरकार ने बीजेपी के नगर पालिका राजगढ़ सभापति सतीश दुहारिया, एसडीएम केशव कुमार और नगर पालिका ईओ बनवारी लाल को निलंबित कर दिया था. हालांकि, सभापति ने सरकार के इस निलंबन की कार्रवाई के खिलाफ हाईकोर्ट जाने का फैसला लिया है.
इस बीच राज्य सरकार ने अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित रिक्त अध्यक्ष पद पर राजस्थान नगरपालिका अधिनियम, 2009 की धारा 50 (1) में प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए वार्ड 8 के पार्षद राजेन्द्र चैयरवाल (अनुसूचित जाति) को आगामी 60 दिवस या फिर नगरपालिका के निर्वाचित अध्यक्ष (Gehlot Government Appointed New Chairman of Rajgarh Municipality) पद का कार्यभार ग्रहण होने तक, जो भी पहले हो, उस अवधि के लिए अध्यक्ष पद के कार्यभार के लिए अधिकृत किया गया है.
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आपको बता दें कि राजगढ़ के सराय बाजार में सड़क चौड़ी करने के मामले में नगर पालिका प्रशासन की ओर से की गई कार्रवाई में करीब सौ से ज्यादा दुकानों मकानों सहित तीन मंदिरों को भी तोड़ दिया गया था. इसके बाद ये मामला पूरे देश में सुर्खियां बन गया. इस मामले में जमकर सियासत भी हुई. दोनों राजनीतिक दलों ने एक दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप भी लगाए. नगर पालिका में बोर्ड बीजेपी का है इसलिए कांग्रेस ने इसे बीजेपी की कार्रवाई बताया तो बीजेपी ने स्थानीय विधायक और सरकार के दबाव में इसे प्रशासनिक कार्रवाई बताया.