जयपुर. राज्य सरकार ने नगरीय भूमि निष्पादन नियम 1974 में संशोधन करते हुए आमजन को बड़ी राहत दी है. लॉटरी से निश्चित दर पर भूखंड आवंटन में शर्त हटाई गई है. नगरीय विकास आवासन और स्वायत्त शासन शासन मंत्री शांति धारीवाल के मुताबिक राज्य सरकार की ओर से नगरीय भूमि निष्पादन नियम 1974 के नियम में आवश्यक संशोधन करते हुए शहरी निकायों की ओर से निश्चित दर पर लॉटरी से भूखंड आवंटन में स्वयं और आश्रितों के नाम कहीं भी भूखंड या मकान नहीं होने की शर्त को हटा कर राज्य सरकार ने आमजन को राहत दी है. लीज होल्ड से फ्री होल्ड करवाने के नियम में भी सरलीकरण किया गया है.
संशोधन के अनुसार अब से आवासीय व्यवसायिक भूखंडों में 10 साल की लीज एक साथ जमा करवाकर भूखंड फ्री होल्ड करवाए जा सकेंगे. जिन भवन और भूमि मालिकों ने पूर्व में 8 साल की लीज एक साथ जमा करवा रखी है, वह भी 2 वर्ष की लीज एक साथ जमा करवा कर अपने भवन या भूखंड को लीज होल्ड से फ्री होल्ड करवा सकेंगे.
मंत्री शांति धारीवाल ने बताया कि सरकार ने जनहित में एक और बड़ा निर्णय लिया है. जिसके तहत लीज जमा कराने का सरलीकरण करते हुए व्यावसायिक में आरक्षित दर की 5 प्रतिशत लीज और अन्य सभी में आरक्षित दर की 2.5 प्रतिशत लीज की गई है. नीलामी और आवंटन भूखंडों के संबंध में भी आमजन को राहत देते हुए निर्णय लिया गया है कि नीलामी आवंटन भूखंड और सभी प्रकार के भूखंडों में निर्माण अवधि सामान रखते हुए 5 वर्ष में निर्माण करना आवश्यक किया है. नीलामी के भूखंडों में 5 से 10 वर्ष की अवधि में कोई निर्माण नहीं करता है तो प्रचलित आरक्षित दर की 1 प्रतिशत राशि जमा करवा कर निर्माण अवधि विस्तार करवा सकता है.
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अगर 10 साल बाद भी भूखंड पर निर्माण नहीं किया जाता है तो संबंधित निकाय नोटिस देकर भूखंड का आवंटन निरस्त कर देगा. स्वतंत्र भूखंडों में एक इकाई निर्माण न्यूनतम करना आवश्यक है. अन्य बड़े भूखंडों में आच्छादित क्षेत्र में भूखंड में 1/ 5 वे भाग तक न्यूनतम निर्माण आवश्यक है.