जयपुर. जिले की पॉक्सो मामलों की विशेष अदालत ने 17 साल की नाबालिग का अपहरण कर उसके साथ गैंगरेप करने वाले अभियुक्त जितेन्द्र सिंह व धर्मपाल को आजीवन कारावास की सजा सुनाई (Gangrape convicts sent to life imprisonment) है. वहीं अदालत ने एक अन्य विनोद सिंह को दोषमुक्त कर दिया है. अदालत ने कहा कि अभियुक्तों ने नाबालिग के साथ घृणित प्रकृति का अपराध किया है. अभियुक्त जितेन्द्र की डीएनए रिपोर्ट में दुष्कर्म साबित हुआ है. वहीं पीड़िता ने बयानों से धर्मपाल पर अपराध प्रमाणित है.
अभियोजन पक्ष की ओर से एसपीपी विजया पारीक ने बताया कि पीड़िता ने 8 अक्टूबर, 2017 को प्रागपुरा थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. रिपोर्ट में कहा गया कि विनोद तंवर ने उसके पिता व भाई को मारने की धमकी देकर उसे प्रेम जाल में फंसा लिया और उसे 1 अक्टूबर को जयपुर ले आया. यहां उसे दो दिन रखकर उसके साथ जबरन दुष्कर्म किया. इसके बाद वह उसे बस स्टैंड पर छोड़ गया और उसने किसी तरह अपने पिता व भाई को सूचना दी. वहीं पीड़िता ने पुलिस बयान में कहा कि विनोद व धर्मपाल ने उसके साथ रेप किया और बाद में जितेन्द्र सिंह ने भी जबरदस्ती (Minor gangrape case) की.
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पुलिस ने रिपोर्ट पर कार्रवाई करते हुए मामले में जितेन्द्र सिंह व धर्मपाल को भी आरोपी बनाते हुए उनके खिलाफ कोर्ट में चालान पेश किया. कोर्ट में पीड़िता विनोद व जितेन्द्र सिंह पर लगाए गए आरोपों से मुकर गई और पक्षद्रोही हो गई. वहीं डीएनए रिपोर्ट में आरोपी जितेन्द्र सिंह का डीएनए मैच हो (DNA matched in gangrape case) गया और धर्मपाल के खिलाफ भी अपहरण व गैंगरेप प्रमाणित पाया गया. जिस पर कोर्ट ने सबूतों, गवाहों के बयानों व मेडिकल साक्ष्य के आधार पर जितेन्द्र सिंह व धर्मपाल को उम्रकैद व जुर्माने की सजा सुनाई.
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गैंगरेप के दोषियों को सजा: भीलवाड़ा की महिला उत्पीड़न कोर्ट ने बुधवार को 12 साल पुराने सामूहिक दुष्कर्म के मामले में आरोपियों को 10-10 साल के कठोर कारावास की सजा सुनाई (Gangrape case in Bhilwara) है. कोर्ट ने दोनों आरोपियों पर 25-25 रुपए का जुर्माना भी लगाया. 12 साल पुराने इस मामले में दोषी श्योसिंह मीणा व दुर्गालाल मीणा को अतिरिक्त सेशन न्यायाधीश (महिला उत्पीड़न प्रकरण) लता गौड़ ने सजा सनुाई.
विशिष्ट लोक अभियोजक संजू बापना ने बताया कि पीड़िता ने 5 मार्च, 2010 को पति के साथ जहाजपुर थाने में लिखवाई रिपोर्ट में बताया था कि 2 मार्च, 2010 को आरोपियों ने उसके मोबाइल पर कॉल कर रात में कुम्हारों के कुएं पर आने का दबाव डाला. पीड़िता ने इनकार कर दिया. इसके बाद जब वह रात को घर में सो रही थी, तब देर रात आरोपी उसे उठाकर कुम्हारों के कुएं पर ले गए और बारी-बारी से गैंगरेप किया. पुलिस ने 5 जुलाई, 2011 को आरोपित श्योसिंह, जबकि 14 जुलाई, 2011 को दुर्गालाल को गिरफ्तार कर न्यायालय में पेश कर जेल भिजवा दिया. साथ ही पुलिस ने प्रकरण की जांच कर चार्जशीट न्यायालय में पेश की. अभियोजन पक्ष ने कोर्ट में 22 गवाहों के बयान करवाते हुए 32 दस्तावेज पेश किए.