जोधपुर. केंद्रीय जलशक्ति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत (Minister Gajendra Singh Shekhawat) ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने की कार्रवाई को जनमत का अपमान बताया है. उन्होंने कहा कि यह लोकतंत्र की हत्या है. यह खेल मुख्यमंत्री अशोक गहलोत (CM Ashok Gehlot) के इशारे पर खेला गया है.
केन्द्रीय मंत्री शेखावत ने इसकी कड़े शब्दों में निंदा की है. गहलोत सरकार की ओर से जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और तीन पार्षदों को हटाने के मामले में मंत्री शेखावत ने कहा कि मुख्यमंत्री गहलोत एक बार फिर राजनीतिक द्वेष की पराकाष्ठा पर उतर आए हैं. राज्य सरकार ने जयपुर ग्रेटर नगर निगम की महापौर डॉ. सौम्या गुर्जर और पार्षद पारस जैन, अजय सिंह चौहान और शंकर शर्मा को एकतरफा कार्रवाई में निलंबित कर दिया है.
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शेखावत ने कहा कि यह जनमत का अपमान है, लोकतंत्र की हत्या है. निर्वाचित जनप्रतिनिधियों को इस तरह सस्पेंड नहीं किया जा सकता, विशेषकर तब जब उनका पक्ष नहीं सुना गया हो और मामले का सच सामने न आया हो. उन्होंने आरोप लगाया कि यह मुख्यमंत्री के इशारे पर किया गया खेल है, जयपुर में फैली सरकारी अव्यवस्था से ध्यान हटाने की कोशिश है.
सोशल मीडिया पर इस मामले में टिप्पणी करते हुए
केंद्रीय मंत्री शेखावत ने कहा कि पिछले साल गहलोत साहब लोकतंत्र को बचाने की दुहाई दे रहे थे और आज उसी लोकतंत्र की हत्या भी कर दी. जयपुर ग्रेटर महापौर और पार्षदों का निलंबन कांग्रेस का फासीवाद है. राजस्थान इस फासीवाद को पनपने नहीं देगा.
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उन्होंने कहा कि यह निलंबन भाजपा के कर्मठ कार्यकर्ताओं के प्रति कांग्रेस की खीज है. यह गहलोत सरकार की अपनी विफलता को न समेट पाने की खीज है. शेखावत ने कहा कि गहलोत जी ये 1975 के आपातकाल या 1984 के नरसंहार का समय नहीं है, इस बार तो जवाब देना होगा. कब तक कांग्रेस राज्य की व्यवस्थाओं का दुरुपयोग करेगी?