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बब्बर शेर सिद्धार्थ का किया गया अंतिम संस्कार, Leptospirosis को माना जा रहा मौत की वजह - राजस्थान न्यूज

नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बुधवार को बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत हो गई. जिसके बाद उसके शव का पोस्टमार्टम करवाकर उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया. बता दें कि पोस्टमार्टम के दौरान मेडिकल टीम ने बब्बर शेर सिद्धार्थ के विभिन्न अंगों के सैंपल लिए. जिन्हें जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भिजवाया गया है.

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बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत
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Published : Jun 10, 2020, 8:05 PM IST

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मंगलवार को बाघ शावक रुद्र की मौत के बाद बुधवार सुबह यानी आज बब्बर शेर सिद्धार्थ भी इस दुनिया को अलविदा कह गया. सिद्धार्थ की उम्र 8 वर्ष 4 माह बताई जा रही है. सिद्धार्थ को वर्ष 2012 में जूनागढ़ से लाया गया था. उसके बाद वर्ष 2016 में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क शुरू होने के साथ ही सिद्धार्थ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.

बब्बर शेर सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार

बता दें कि शेर सिद्धार्थ का इलाज जारी था. वह पिछले कुछ दिनों से खाना नहीं खा रहा था. मंगलवार को भी सिद्धार्थ को ग्लूकोज ड्रिप चढ़ाई गई थी, लेकिन शेर का क्रिएटिनिन लेवल बहुत ज्यादा हो गया था. बता दें कि एक दिन पहले ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघ शावक रूद्र का पोस्टमार्टम हुआ था और बुधवार को फिर मेडिकल बोर्ड का गठन कर शेर सिद्धार्थ का पोस्टमार्टम करवाया गया.

शेर का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है, लेकिन संभवत: शेर सिद्धार्थ की मौत की वजह भी वही बताई जा रही है जिससे बाघ रुद्र की मौत हुई थी. मंगलवार को टाइगर रूद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस से हुई थी. जिससे उसके लिवर और किडनी बुरी तरह खराब हो गए थे. अब सिद्धार्थ की मौत की वजह भी लेप्टोस्पायरोसिस को माना जा रहा है. बता दें कि जानवरों में यह बीमारी चूहे या नेवले के पेशाब के कारण होती है. इस बीमारी का खुलासा होने के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारी भी अचंभित हैं.

बता दें कि पार्क में चूहों की मौजूदगी से अधिकारियों ने इनकार किया है, लेकिन खुले एंक्लोजरस में नेवले की मौजूदगी आवाजाही से इनकार नहीं किया जा सकता. पोस्टमार्टम में विसरा सैंपल लिए गए हैं. जिन्हें आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो पाएगा. एहतियात के लिए कोरोना और कैनाइन डिस्टेंपर वायरस की जांच के लिए भी सैंपल भेजा गया है. असली वजह आईवीआरआई की जांच रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगी.

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बब्बर शेर सिद्धार्थ के अंतिम संस्कार की तस्वीर

वन विभाग के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि 4 जून से टाइगर रूद्र खाना नहीं खा रहा था और उसकी तबीयत खराब चल रही थी. जिसके बाद टाइगर रुद्र के ब्लड सैंपल लिए गए थे. जिनको जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. रुद्र का लगातार उपचार किया जा रहा था, लेकिन मंगलवार को रूद्र की मौत हो गई. इसी तरह बब्बर शेर सिद्धार्थ भी 6 जून से बीमार चल रहा था, जिसका भी इलाज किया जा रहा था, लेकिन सिद्धार्थ की भी आज बुधवार को मौत हो गई.

पढ़ेंः अजमेरः COVID-19 की नई लैब का शुभारंभ, मेडिकल कॉलेज ने खरीदे 5 करोड़ के उपकरण

वन्यजीवों की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस हो सकता है, बाकी वन्यजीवों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि दूसरे वन्यजीवों में फिलहाल कोई भी बीमारी के लक्षण नजर नहीं आए हैं.

वहीं, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता के मुताबिक पार्क में बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन कर शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. जिसके बाद शेर सिद्धार्थ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

जयपुर. राजधानी के नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में मंगलवार को बाघ शावक रुद्र की मौत के बाद बुधवार सुबह यानी आज बब्बर शेर सिद्धार्थ भी इस दुनिया को अलविदा कह गया. सिद्धार्थ की उम्र 8 वर्ष 4 माह बताई जा रही है. सिद्धार्थ को वर्ष 2012 में जूनागढ़ से लाया गया था. उसके बाद वर्ष 2016 में नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क शुरू होने के साथ ही सिद्धार्थ पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र बना हुआ था.

बब्बर शेर सिद्धार्थ का अंतिम संस्कार

बता दें कि शेर सिद्धार्थ का इलाज जारी था. वह पिछले कुछ दिनों से खाना नहीं खा रहा था. मंगलवार को भी सिद्धार्थ को ग्लूकोज ड्रिप चढ़ाई गई थी, लेकिन शेर का क्रिएटिनिन लेवल बहुत ज्यादा हो गया था. बता दें कि एक दिन पहले ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क में बाघ शावक रूद्र का पोस्टमार्टम हुआ था और बुधवार को फिर मेडिकल बोर्ड का गठन कर शेर सिद्धार्थ का पोस्टमार्टम करवाया गया.

शेर का पोस्टमार्टम करवाने के बाद उसका अंतिम संस्कार कर दिया गया है, लेकिन संभवत: शेर सिद्धार्थ की मौत की वजह भी वही बताई जा रही है जिससे बाघ रुद्र की मौत हुई थी. मंगलवार को टाइगर रूद्र की मौत लेप्टोस्पायरोसिस से हुई थी. जिससे उसके लिवर और किडनी बुरी तरह खराब हो गए थे. अब सिद्धार्थ की मौत की वजह भी लेप्टोस्पायरोसिस को माना जा रहा है. बता दें कि जानवरों में यह बीमारी चूहे या नेवले के पेशाब के कारण होती है. इस बीमारी का खुलासा होने के बाद नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के अधिकारी भी अचंभित हैं.

बता दें कि पार्क में चूहों की मौजूदगी से अधिकारियों ने इनकार किया है, लेकिन खुले एंक्लोजरस में नेवले की मौजूदगी आवाजाही से इनकार नहीं किया जा सकता. पोस्टमार्टम में विसरा सैंपल लिए गए हैं. जिन्हें आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. जांच रिपोर्ट आने के बाद ही मौत के असली कारणों का खुलासा हो पाएगा. एहतियात के लिए कोरोना और कैनाइन डिस्टेंपर वायरस की जांच के लिए भी सैंपल भेजा गया है. असली वजह आईवीआरआई की जांच रिपोर्ट से ही स्पष्ट होगी.

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बब्बर शेर सिद्धार्थ के अंतिम संस्कार की तस्वीर

वन विभाग के डीएफओ सुदर्शन शर्मा ने बताया कि 4 जून से टाइगर रूद्र खाना नहीं खा रहा था और उसकी तबीयत खराब चल रही थी. जिसके बाद टाइगर रुद्र के ब्लड सैंपल लिए गए थे. जिनको जांच के लिए आईवीआरआई बरेली भेजा गया है. रुद्र का लगातार उपचार किया जा रहा था, लेकिन मंगलवार को रूद्र की मौत हो गई. इसी तरह बब्बर शेर सिद्धार्थ भी 6 जून से बीमार चल रहा था, जिसका भी इलाज किया जा रहा था, लेकिन सिद्धार्थ की भी आज बुधवार को मौत हो गई.

पढ़ेंः अजमेरः COVID-19 की नई लैब का शुभारंभ, मेडिकल कॉलेज ने खरीदे 5 करोड़ के उपकरण

वन्यजीवों की मौत का कारण लेप्टोस्पायरोसिस हो सकता है, बाकी वन्यजीवों की मॉनिटरिंग भी की जा रही है. उनकी सुरक्षा को लेकर अलर्ट जारी किया गया है. साथ ही नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के वन्यजीवों की स्क्रीनिंग भी की जा रही है. उन्होंने बताया कि दूसरे वन्यजीवों में फिलहाल कोई भी बीमारी के लक्षण नजर नहीं आए हैं.

वहीं, नाहरगढ़ बायोलॉजिकल पार्क के एसीएफ जगदीश गुप्ता के मुताबिक पार्क में बब्बर शेर सिद्धार्थ की मौत के बाद मेडिकल बोर्ड का गठन कर शव का पोस्टमार्टम करवाया गया. जिसके बाद शेर सिद्धार्थ के शव का अंतिम संस्कार कर दिया गया.

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