जयपुर. प्रदेश में शिक्षा का अधिकार (RTE) के तहत निजी स्कूलों में पढ़ रही बालिकाओं की 9वीं से 12वीं कक्षा तक की फीस भी सरकार वहन (Free education to 9 to 12th school girls under RTI) करेगी. इसके लिए इंदिरा शक्ति फीस पुनर्भरण योजना शुरू की जा रही है. ये योजना इसी सत्र 2022-23 से लागू होगी. यानी अब आरटीई में पढ़ रहीं जो छात्राएं 8वीं पास कर 9वीं में आई है, उन्हें इस योजना का लाभ मिलेगा.
शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला ने शिक्षा के लिए दान देने वाले भामाशाह सम्मान समारोह में सीएम अशोक गहलोत की इस योजना को लागू करने की बात कही. इस समारोह में 15 लाख से ज्यादा दान देने वाले 246 भामाशाहों को सम्मानित किया गया. इन भामाशाहों ने 253 करोड़ रुपए का दान दिया और इस दान के लिए प्रेरित करने वाले 105 प्रेरकों को भी सम्मानित किया गया. इन बीच उन भामाशाहों की भी चर्चा हुई, जिन्होंने कोरोना काल में पढ़ाई बाधित होने की तस्वीरों को ध्यान में रखते हुए स्कूलों में प्राथमिकता पर कंप्यूटर लैब बनवाई.
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जयपुर के मानसरोवर स्थित टैगोर इंटरनेशनल स्कूल के दीप स्मृति सभागार में आयोजित हुए इस समारोह में एक करोड़ रुपए से अधिक देने वाले 49 भामाशाहों को शिक्षा विभूषण और 15 लाख से एक करोड़ रुपए तक की मदद करने वाले 197 भामाशाहों को शिक्षा भूषण सम्मान प्रदान किया गया. एक करोड़ से ज्यादा देने वाले 49 भामाशाहों में से 9 भामाशाह जयपुर के हैं. इन भामाशाहों ने स्कूलों में आधारभूत सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ स्कूल भवन निर्माण, मरम्मत सहित कई कार्यों में विभाग की मदद की है. शिक्षा मंत्री बीडी कल्ला, उच्च शिक्षा मंत्री राजेंद्र यादव और तकनीकी शिक्षा मंत्री सुभाष गर्ग ने इन भामाशाहों को सम्मानित किया.
वहीं मंत्री बीडी कल्ला ने सभी भामाशाहों का आभार जताते हुए कहा कि प्रदेश के कई विधायकों ने भी अपने-अपने क्षेत्र में शिक्षा के उन्नयन के लिए सरकारी स्कूलों में विधायक कोष से फंड उपलब्ध कराया है. जिनमें सबसे अग्रणी विधानसभा अध्यक्ष डॉ सीपी जोशी हैं. उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों में पुराने छात्रों को आमंत्रित कर एलुमनाई मीट होनी चाहिए. साथ ही कहा कि इस वर्ष से मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने बालिकाओं के लिए 12वीं तक आरटीई में निशुल्क शिक्षा का वादा किया था, उसको इसी सत्र से लागू किया जाएगा.
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वहीं कोरोना काल में बच्चों के लिए डिजिटल शिक्षा के बढ़े महत्व को देखते हुए कुछ भामाशाहों ने स्कूलों में कंप्यूटर लैब भी स्थापित करवाई. ताकि बच्चे डिजिटल शिक्षा प्राप्त कर अपना भविष्य संवार सकें. एक फाउंडेशन ने तो 10 स्कूलों में आधुनिक कंप्यूटर लैब स्थापित की है. वहीं एक सॉफ्टवेयर कंपनी ने कई स्कूलों छात्रों को निशुल्क सेटेलाइट एजुकेशन उपलब्ध कराई. इसके अलावा भामाशाहों ने फर्नीचर, स्मार्ट बोर्ड, प्रोजेक्टर, इंटरनेट सुविधा उपलब्ध कराने के साथ-साथ स्कूलों को शिक्षक भी उपलब्ध कराए हैं. वहीं एक एनजीओ को लगातार 8वीं बार इस अवार्ड से नवाजा गया. सम्मानित होने वाले भामाशाहों में श्री गोविंद देव जी मंदिर ट्रस्ट भी शामिल रहा.
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सम्मान समारोह में शिक्षा क्षेत्र से जुड़ी कई एप्लीकेशन भी लांच की गई. इस कार्यक्रम पर तकरीबन 12 लाख रुपए खर्च हुए. लेकिन विभाग की ओर से जिला स्तरीय कार्यक्रम जिसमें 15 लाख रुपए से कम दान देने वाले भामाशाहों को सम्मानित किया जाएगा, उसके लिए कोई बजट ही निर्धारित नहीं किया गया. जिस पर सवाल भी उठ रहे हैं. आपको बता दें कि पिछले दो साल और इस साल का मिलाकर एक साथ तीन वर्षों का ये संयुक्त सम्मान समारोह आयोजित हुआ है. वर्ष 1995 से शुरू हुए इस सम्मान में अब तक 1651 भामाशाहों को सम्मानित किया जा चुका है.