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जयपुर: सिम कार्ड की KYC अपडेट करने का झांसा देकर 4.68 लाख रुपए की ठगी - Rajasthan News

जयपुर में साइबर ठगों ने सिम केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर दो वृद्ध व्यक्तियों से 4.68 लाख रुपए की ठगी कर ली. पीड़ितों की शिकायत पर पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है.

SIM KYC update issue, cheating case in jaipur
4.68 लाख रुपए की ठगी
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Published : Sep 18, 2021, 10:14 AM IST

जयपुर. राजधानी के करणी विहार और बनी पार्क थाना इलाके में साइबर ठगों ने सिम केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर दो वृद्ध व्यक्तियों को निशाना बनाते हुए 4.68 लाख रुपए की ठगी कर ली. ठगी का पहला मामला 71 वर्षीय सज्जन सिंह राठौड़ ने करणी विहार थाने में दर्ज करवाया है.

पढ़ें- Viral Video: देव झुलनी एकादशी पर हुई कहासुनी तो युवक ने किया कुछ ऐसा, कि...

शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पीड़ित के मोबाइल पर सिम कार्ड की केवाईसी खत्म होने पर सिम सस्पेंड होने का मैसेज आया. इस पर पीड़ित ने मैसेज में दिए गए नंबर पर फोन किया तो फोन उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताकर सिम कार्ड की केवाईसी अपडेट करने का झांसा दे प्ले स्टोर से एनीडेस्क एप पीड़ित को मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए कहा.

पीड़ित ने जैसे ही प्ले स्टोर से एनीडेस्क एप अपने मोबाइल में डाउनलोड की उसके बाद पीड़ित के बैंक खाते से सात अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए साइबर ठगों ने कुल 2.43 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर कर ली. खाते से रुपयों का ट्रांजेक्शन होने का मैसेज मोबाइल पर देख कर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और उसने तुरंत साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट हेल्पलाइन 155260 पर इसकी शिकायत की. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजेक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू कर दिया है.

ठगी का दूसरा मामला

वहीं, ठगी का दूसरा मामला 58 वर्षीय कमलेश गुप्ता ने बनीपार्क थाने में दर्ज करवाया है. पीड़ित ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि एक व्यक्ति ने उसे फोन कर खुद को टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताया और सिम की केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा. सिम की केवाईसी अपडेट करने के लिए 10 रुपए का चार्ज अदा करने के लिए कहा गया.

इसके लिए पीड़ित को एक लिंक भेज कर पेमेंट करने के लिए कहा गया और जैसे ही पीड़ित ने उस लिंक पर क्लिक किया, उसके बाद पीड़ित के खाते से साइबर ठगों ने सात अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए कुल 2.25 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए. मोबाइल पर आए बैंक ट्रांजेक्शन के मैसेज देखने के बाद पीड़ित ने पुलिस थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई है. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजेक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू कर दिया है.

जयपुर. राजधानी के करणी विहार और बनी पार्क थाना इलाके में साइबर ठगों ने सिम केवाईसी अपडेट करने का झांसा देकर दो वृद्ध व्यक्तियों को निशाना बनाते हुए 4.68 लाख रुपए की ठगी कर ली. ठगी का पहला मामला 71 वर्षीय सज्जन सिंह राठौड़ ने करणी विहार थाने में दर्ज करवाया है.

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शिकायत में इस बात का जिक्र किया गया है कि पीड़ित के मोबाइल पर सिम कार्ड की केवाईसी खत्म होने पर सिम सस्पेंड होने का मैसेज आया. इस पर पीड़ित ने मैसेज में दिए गए नंबर पर फोन किया तो फोन उठाने वाले व्यक्ति ने खुद को टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताकर सिम कार्ड की केवाईसी अपडेट करने का झांसा दे प्ले स्टोर से एनीडेस्क एप पीड़ित को मोबाइल में डाउनलोड करने के लिए कहा.

पीड़ित ने जैसे ही प्ले स्टोर से एनीडेस्क एप अपने मोबाइल में डाउनलोड की उसके बाद पीड़ित के बैंक खाते से सात अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए साइबर ठगों ने कुल 2.43 लाख रुपए की राशि ट्रांसफर कर ली. खाते से रुपयों का ट्रांजेक्शन होने का मैसेज मोबाइल पर देख कर पीड़ित को ठगी का अहसास हुआ और उसने तुरंत साइबर फाइनेंसियल फ्रॉड प्रीवेंशन यूनिट हेल्पलाइन 155260 पर इसकी शिकायत की. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजेक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू कर दिया है.

ठगी का दूसरा मामला

वहीं, ठगी का दूसरा मामला 58 वर्षीय कमलेश गुप्ता ने बनीपार्क थाने में दर्ज करवाया है. पीड़ित ने शिकायत में इस बात का जिक्र किया है कि एक व्यक्ति ने उसे फोन कर खुद को टेलीकॉम कंपनी का प्रतिनिधि बताया और सिम की केवाईसी अपडेट करने के लिए कहा. सिम की केवाईसी अपडेट करने के लिए 10 रुपए का चार्ज अदा करने के लिए कहा गया.

इसके लिए पीड़ित को एक लिंक भेज कर पेमेंट करने के लिए कहा गया और जैसे ही पीड़ित ने उस लिंक पर क्लिक किया, उसके बाद पीड़ित के खाते से साइबर ठगों ने सात अलग-अलग ट्रांजेक्शन करते हुए कुल 2.25 लाख रुपए ट्रांसफर कर लिए. मोबाइल पर आए बैंक ट्रांजेक्शन के मैसेज देखने के बाद पीड़ित ने पुलिस थाने पहुंच शिकायत दर्ज करवाई है. फिलहाल, पुलिस ने प्रकरण दर्ज कर ट्रांजेक्शन डिटेल और मोबाइल नंबर के आधार पर जांच करना शुरू कर दिया है.

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