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डीलरशिप देने का झांसा देकर जानिए कैसे कर डाली एक करोड़ की ठगी, गिरफ्तार - डीलरशिप के नाम पर ठगी

जयपुर पुलिस ने इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी की डीलरशिप के नाम पर एक करोड़ रुपए से अधिक की ठगी करने के मामले (Fraud Case in Jaipur) में एक आरोपी को गिरफ्तार कर लिया है. आरोपी बेहद शातिर है. जानिए पूरा माजरा...

fraud in name of dealership in Jaipur
fraud in name of dealership in Jaipur
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Published : Aug 6, 2022, 12:08 PM IST

जयपुर. राजधानी की हरमाड़ा थाना पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 24 लोगों से ट्रिपल पावर इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी की डीलरशिप देने के नाम पर 1 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी (Fraud Case in Jaipur) करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि गिरफ्त में आया आरोपी अंशुल द्विवेदी बेहद शातिर है. जिसने जून महीने में अखबार में एक विज्ञापन देकर लोगों को ट्रिपल पावर इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर कंपनी की डीलरशिप प्राप्त करने का प्रलोभन दिया.

अखबार में विज्ञापन को देखकर 24 लोगों ने टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया तो कॉल अटेंड करने वाले लोगों ने बताया कि उनकी कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट विशाखापट्टनम में है. कंपनी का हेड ऑफिस सीकर रोड हरमाड़ा पर स्थित है. कंपनी की डीलरशिप (fraud in name of dealership in Jaipur) लेने के लिए लोगों को हेड ऑफिस में आकर कंपनी के मैनेजर अंशुल द्विवेदी से मिलने के लिए कहा गया. जब लोग कंपनी के हेड ऑफिस आकर अंशुल द्विवेदी से मिले तो उसने बताया कि उसके कंपनी में कई बिजनेसमैन पार्टनर हैं. उसके बाद उसने लोगों से कंपनी की डीलरशिप लेने के लिए 5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति चार्ज कर एमओयू साइन करने की बात कही.

पढ़ें- लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

एमओयू के मुताबिक कंपनी की ओर से डीलरशिप लेने वाले व्यक्ति की एजेंसी का डेकोरेशन और एजेंसी के दो लोगों को प्रशिक्षण व वेतन देने की बात कही गई. साथ ही कंपनी की ओर से 9 इलेक्ट्रिक स्कूटर 25 जुलाई तक संबंधित एजेंसी में भेजने का आश्वासन दिया गया. इस तरह से अंशुल द्विवेदी के झांसे में आकर लोगों ने उसे कंपनी की डीलरशिप लेने के लिए 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा करवा दी.

ऐसे की ठगी- पुलिस की ओर से प्रकरण में की गई पड़ताल में यह तथ्य सामने आए हैं कि आरोपी अंशुल द्विवेदी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल कर लोगों से राशि हड़पी है. जिस कंपनी के नाम से अखबार में विज्ञापन देकर लोगों से ठगी की गई है उस नाम की कोई भी कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है और न ही उनके द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने का काम किया जाता है. फिलहाल, अंशुल को गिरफ्तार करने के बाद उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. साथ ही लोगों से ठगी गई राशि किन-किन बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.

जयपुर. राजधानी की हरमाड़ा थाना पुलिस ने शुक्रवार देर रात एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए 24 लोगों से ट्रिपल पावर इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी की डीलरशिप देने के नाम पर 1 करोड़ रुपए से अधिक की ठगी (Fraud Case in Jaipur) करने वाले शातिर ठग को गिरफ्तार किया है. डीसीपी वेस्ट वंदिता राणा ने बताया कि गिरफ्त में आया आरोपी अंशुल द्विवेदी बेहद शातिर है. जिसने जून महीने में अखबार में एक विज्ञापन देकर लोगों को ट्रिपल पावर इलेक्ट्रिक स्कूटर कंपनी के टोल फ्री नंबर पर संपर्क कर कंपनी की डीलरशिप प्राप्त करने का प्रलोभन दिया.

अखबार में विज्ञापन को देखकर 24 लोगों ने टोल फ्री नंबर पर संपर्क किया तो कॉल अटेंड करने वाले लोगों ने बताया कि उनकी कंपनी का मैन्युफैक्चरिंग प्लांट विशाखापट्टनम में है. कंपनी का हेड ऑफिस सीकर रोड हरमाड़ा पर स्थित है. कंपनी की डीलरशिप (fraud in name of dealership in Jaipur) लेने के लिए लोगों को हेड ऑफिस में आकर कंपनी के मैनेजर अंशुल द्विवेदी से मिलने के लिए कहा गया. जब लोग कंपनी के हेड ऑफिस आकर अंशुल द्विवेदी से मिले तो उसने बताया कि उसके कंपनी में कई बिजनेसमैन पार्टनर हैं. उसके बाद उसने लोगों से कंपनी की डीलरशिप लेने के लिए 5 लाख रुपए प्रति व्यक्ति चार्ज कर एमओयू साइन करने की बात कही.

पढ़ें- लोगों से करोड़ों की ठगी करने वाला आरोपी गिरफ्तार

एमओयू के मुताबिक कंपनी की ओर से डीलरशिप लेने वाले व्यक्ति की एजेंसी का डेकोरेशन और एजेंसी के दो लोगों को प्रशिक्षण व वेतन देने की बात कही गई. साथ ही कंपनी की ओर से 9 इलेक्ट्रिक स्कूटर 25 जुलाई तक संबंधित एजेंसी में भेजने का आश्वासन दिया गया. इस तरह से अंशुल द्विवेदी के झांसे में आकर लोगों ने उसे कंपनी की डीलरशिप लेने के लिए 1 करोड़ रुपए से अधिक की राशि जमा करवा दी.

ऐसे की ठगी- पुलिस की ओर से प्रकरण में की गई पड़ताल में यह तथ्य सामने आए हैं कि आरोपी अंशुल द्विवेदी ने अपने अन्य साथियों के साथ मिलकर फर्जी सिम कार्ड और फर्जी बैंक खातों का इस्तेमाल कर लोगों से राशि हड़पी है. जिस कंपनी के नाम से अखबार में विज्ञापन देकर लोगों से ठगी की गई है उस नाम की कोई भी कंपनी रजिस्टर्ड नहीं है और न ही उनके द्वारा इलेक्ट्रिक स्कूटर बनाने का काम किया जाता है. फिलहाल, अंशुल को गिरफ्तार करने के बाद उसके अन्य साथियों के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है. साथ ही लोगों से ठगी गई राशि किन-किन बैंक खातों में ट्रांसफर की गई है इसकी भी जानकारी जुटाई जा रही है.

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