जयपुर. राजधानी की विद्याधर नगर थाना पुलिस ने मंगलवार को एक बड़ी कार्रवाई को अंजाम देते हुए रेडीमेड गारमेंट्स की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर करोड़ों रुपयों की ठगी करने वाले दंपती को गिरफ्तार किया (Fraud in the name of readymade garment franchise) है. आरोपी दंपती पिछले छह साल से फरार चल रहे थे, जिनकी तलाश में कई राज्यों की पुलिस जुटी हुई थी. आरोपियों के खिलाफ राजस्थान, गुजरात सहित अन्य राज्यों में 20 से अधिक ठगी के प्रकरण दर्ज हैं. आरोपी रेडीमेड गारमेंट्स की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर देश के विभिन्न शहरों में तकरीबन 20 करोड़ों रुपए की ठगी की वारदात को अंजाम दे चुके है.
डीसीपी नॉर्थ परिस देशमुख ने बताया कि विद्याधर नगर थाना पुलिस ने पिछले छह साल से फरार चल रहे रेडीमेड गारमेंट्स की फ्रेंचाइजी देने के नाम पर ठगी करने वाले अहमदाबाद गुजरात निवासी मुकुल नंदकिशोर और उसकी पत्नी मेघना प्रदीप कोष्टी को जोधपुर से गिरफ्तार किया है. जनवरी 2016 में पीड़ित रेखा वर्मा ने जयपुर के विद्याधर नगर थाने में मामला दर्ज करवाया था कि मेल स्क्वेयर रिटेलस प्राइवेट लिमिटेड निदेशक मुकुल नन्द किशोर कोष्टी और उसकी पत्नी मेघना प्रदीप कोष्टी के माध्यम से रेडीमेड गारमेंट्स के विक्रय का कार्य करती है.
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दंपती की कंपनी देश के विभिन्न शहरों में अपने अधिकृत शोरूम खोलती है. कंपनी ने फ्रेंचाइजी देने के नाम पर 8 लाख रुपए शोरूम में आधुनिक तकनीक का फर्नीचर लगाने में खर्च करवा किए तथा 20 लाख 40 हजार रुपए नगद प्राप्त कर लिए. इसी तरह के प्रलोभन देकर प्रदेश के अनेक लोगों को मूर्ख बना कर रुपए हड़पने का काम किया गया. कंपनी ने पहले तो पीड़िता को न्यूनतम गारंटी एवं दो कर्मचारियों के भुगतान पेटे राशि का भुगतान बंद कर दिया. फिर बिना बताए पता बदल लिया और फिर नोटिस मिलने के बावजूद भी राशि का भुगतान नहीं किया. पुलिस ने मामला दर्ज करते हुए जांच पड़ताल की और मंगलवार को 6 साल बाद मुखबिर की सूचना पर जोधपुर से ठगी के आरोपी दंपती को गिरफ्तार किया है.
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हाईकोर्ट को धोखा देकर हो जाते फरार: पुलिस द्वारा प्रकरण की जांच में यह तथ्य भी सामने आया कि जब भी ठग दंपती के खिलाफ कोई व्यक्ति एफआईआर दर्ज करवाता और हाईकोर्ट में ठग दंपती की गिरफ्तारी को लेकर अपील करता, तो ठग दंपत्ति उस पीड़ित से हाईकोर्ट में राजीनामा कर लेते. जिस पर ठग दंपती की गिरफ्तारी पर रोक लग जाती और हाईकोर्ट के समक्ष पीड़ित को उसकी राशि का भुगतान करने का वादा करके ठग दंपती हाईकोर्ट को धोखा देकर शहर से फरार हो जाते.