जयपुर. जिले में दो यात्रियों के नाम पर जारी हुए कार के पास पर 3 संख्या अंकित कर बस का पास बनाने का फर्जीवाड़ा सामने आया है. जयपुर जिला कलेक्ट्रेट से 2 यात्रियों के लिए जारी हुए पास में आगे 3 अंक अंकित कर 32 यात्रियों के लिए एक बस की अनुमति का पास बनवा लिया गया. जब इसकी शिकायत कलेक्ट्रेट पहुंची तो अधिकारी भी दंग रह गए. जिला प्रशासन के निर्देश पर आरटीओ ने संदिग्ध पास मिलने पर बसों के परमिट जारी करना बंद कर दिया.
जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में बुधवार को बस ऑपरेटर की ओर से फर्जी पास के साथ शिकायत की गई और आरोप लगाया कि पैसे लेकर बसों के पास जारी किए गए हैं. अतरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने कहा कि इस पास में कांट छांट की गई है. पास की जांच की गई तो यह फर्जी निकला. इधर आरटीओ ने बस को बंद कर दिया है.
जिला कलेक्ट्रेट से लेनी होती है अनुमति-
नियम के अनुसार यदि बस के जरिए यात्रियों को ले जाया जाता है तो उसके लिए पहले जयपुर जिला कलेक्ट्रेट से अनुमति लेनी होती है. पहले यात्रियों के नाम उनकी आधार संख्या और मोबाइल नंबर जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में देने होते हैं. इसके बाद संबंधित राज्य से एनओसी लेनी होती है. इसके बाद ही कलेक्ट्रेट से बस का पास जारी होता है. आरटीओ भी कलेक्ट्रेट की अनुमति के बाद ही पास जारी करते हैं. इसके बाद यात्रियों की स्क्रीनिंग कर उन्हें दूसरे राज्यों में भेजा जाता है.
पढ़ें: पाली : वेतन नहीं मिलने पर कपड़ा मिल श्रमिकों का हंगामा, पुलिस पर पथराव
मामले की जांच शुरू
अतिरिक्त जिला कलेक्टर दक्षिण शंकर लाल सैनी ने बताया कि पास में काट छांट की शिकायत की गई थी. आरटीओ को जांच के निर्देश दिए हैं और मामले की जांच की जा रही है.
पढ़ें: मंत्री मास्टर भंवरलाल की हालत गंभीर, SMS अस्पताल में चल रहा इलाज
फर्जी पास से बरेली जा चुकी है बस
जो बस ऑपरेटर्स पास की शिकायत करने जयपुर जिला कलेक्ट्रेट में आए थे उन्होंने कहा कि यह बस बरेली जा चुकी है और यात्रियों को छोड़कर गुरुवार को जयपुर पहुंचेगी. बस ऑपरेटरों ने कहा कि हम लोग 6 मई से जयपुर जिला कलेक्ट्रेट के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन अभी तक हमारा पास नहीं बना और दूसरे बस ऑपरेटर से पैसे लेकर उनके पास बनाए जा रहे हैं.