जयपुर. जेडीए स्कीम के प्लॉटों के आवंटन पत्रों को स्कैन करके असल आवंटन पत्र का रूप देखकर फर्जी आवंटन पत्र और दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का पुलिस ने पर्दाफाश किया है. जिसके तहत राजस्थान विश्वविद्यालय की सेवानिवृत्त महिला प्रोफेसर से 2.5 करोड़ की ठगी करने की साजिश का खुलासा हुआ है. पूरे प्रकरण में पुलिस ने चार शातिर आरोपियों को गिरफ्तार किया है, जिनके खिलाफ पहले से कई फर्जीवाड़े के मामले चल रहे हैं.
पुलिस उपायुक्त कावेंद्र सिंह सागर के अनुसार परिवादी राजस्थान यूनिवर्सिटी की सेवानिवृत्त प्रोफेसर ने एक रिपोर्ट इस आशय से पेश की है कि, मेरा एक प्लॉट नंबर-558 गोकुलनगर 206 बीघा जेडीए स्कीम कालवाड़ रोड पर स्थित है. जहां 26 जून को उनके पहचान वाल कमलेश उर्फ कमल का फोन आया कि उनके प्लॉट के असल दस्तावेज पट्टा वगैरहा लेकर बाबूलाल नाम का व्यक्ति बेचने की फिराक में घूम रहा है. ऐसे में पीड़ित परिवादी ने करधनी थाने में धोखाधड़ी का मामला दर्ज करवाया.
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जिसके बाद पुलिस ने प्रॉपर्टी व्यवसायों से प्रकरण की घटना के बारे में पतारसी कर सघन तलाश कर आरोपी बाबूलाल प्रसाद को पुलिस ने गिरफ्तार किया. जिसके कब्जे से परिवादियों के प्लॉट नंबर 558 गोकुलनगर 206 बीघा जेडीए स्कीम कालवाड़ के फर्जी तरीके से तैयार किए गए आवंटन पत्र, बैंक का चालान, कंप्यूटर रसीद, साइट प्लान, अलॉटमेंट लेटर, कब्जा पत्र, सदस्यों की सूची, आवेदन पत्र, आधार कार्ड जब्त किए गए. वहीं, आरोपी बाबूलाल से गहनता से अनुसंधान किया गया, तो फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का खुलासा हुआ.
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जिसके पास गिरोह में बाबूलाल के अलावा अन्य आरोपी राजकुमार, राजेश कुमावत और कौशल शर्मा को गिरफ्तार किया गया. जिनके कब्जे से पुलिस ने तैयार की गई जेडीए के पट्टे की पत्रावली, कंप्यूटर, सीपीयू, आधार कार्ड बनाने की मशीन, फर्जी आधार कार्ड, उपायुक्त और प्राधिकृत जोन-16 जयपुर विकास प्राधिकरण की सील जब्त की.
वहीं, आरोपी कौशल शर्मा के विरुद्ध नारगढ़ थाने में 8 प्रकरण फर्जीवाड़ा करने के दर्ज हैं, जो न्यायालय में विचारधीन हैं. शातिर गिरोह एक प्रॉपर्टी डीलर के माध्यम से 60 लाख रुपये में भूखंड के फर्जी कागजात गिरवी रखकर 10 लाख साई पेटे प्राप्त करने की फिराक में था. लेकिन करधनी पुलिस की टीम ने कार्यवाही कर उनकी योजना पर पानी फेर दिया.