ETV Bharat / city

कार्यक्रम एक निशाने अनेक : CM गहलोत ने कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान शिलान्यास समारोह के बहाने साधा निशाना... - Ashok Gehlot Comment on Rajendra Rathore

कहते हैं कि राजनीति में मौकों पर दिए जाने वाले बयान अलग तरह का संदेश दे जाते हैं और इस तरह के मौके पर राजनीतिक संदेश देने में प्रदेश के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत माहिर माने जाते हैं. यही वजह है कि बुधवार को राजस्थान आवासन मंडल की ओर से कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के शिलान्यास समारोह में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने (CM Gehlot Political Targets in Jaipur) कार्यक्रम के बहाने कई राजनीतिक निशाने साधे.

CM Gehlot During Foundation Ceremony of Rajasthan Constitution Club
कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान शिलान्यास समारोह के दौरान सीएम गहलोत
author img

By

Published : Feb 9, 2022, 6:17 PM IST

Updated : Feb 9, 2022, 10:39 PM IST

जयपुर. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के शिलान्यास समारोह में सीएम गहलोत ने विपक्ष पर (Gehlot Pinch on BJP) जमकर चुटकी ली. सबसे पहले तो मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर बुधवार को रीट परीक्षा मामले को लेकर विधानसभा में सीबीआई जांच की गई मांग पर चुटकी ली. गहलोत ने कहा कि आज यहां पर सभी पक्ष-विपक्ष के नेताओं को इतने प्यार से बैठा देखकर अच्छा लग रहा है. कोई यह नहीं कह सकता कि सदन में सीबीआई जांच की मांग को लेकर हंगामा करने वाले इस कार्यक्रम में इतने प्यार से बैठे हैं और शायद इसीलिए लोग आपस में चर्चा करते हैं कि हम एक दूसरे से मिले हुए हैं.

इसके बाद सीएम गहलोत ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर भी चुटकी ली और कहा कि राजेंद्र राठौड़ को गाने का बहुत शौक है, लेकिन मुझे इस बात का मलाल है कि उन्होंने मुझे पड़ोस में होते हुए भी नहीं बुलाया. मैंने राठौड़ को गाना गाते हुए सुना तो उनकी आवाज को पहचान लिया. वे अपने जन्मदिन की पार्टी पर गाना गा रहे थे. सीएम गहलोत ने कहा कि दुश्मनी जमकर करो, लेकिन इतनी गुंजाइश (Ashok Gehlot Comment on Rajendra Rathore) होनी चाहिए कि जब आपस में मिलें तो शर्मिंदा नहीं हों. इस तरह की भावना होनी चाहिए.

क्या कहा गहलोत ने...

सीएम गहलोत ने कार्यक्रम के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि क्यों कहते हैं कि 75 साल में क्या किया, लेकिन अगर पीछे मुड़कर देखेंगे तो उन्हें यह समझ में आ जाएगा कि 75 साल में क्या कुछ देश में हुआ है. इसके बाद फिर गहलोत ने राठौड़ पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप तो भैरों सिंह के शागिर्द रहे हो, आप बताओ हम कहां जाएं. हमें तो अंतिम सांस तक सेवा करनी है. सीएम गहलोत ने पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार पर नशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया यहां बैठे हैं, लेकिन वह बुरा नहीं मानेंगे. यह सही है कि इनकी सरकार आवासन मंडल बंद करने जा रही थी, लेकिन हमने उसे जिंदा किया. कल तक जो आवासन मंडल सिर्फ मकान बनाने को लेकर पहचाना जाता था, वह अब अलग-अलग तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.

पढ़ें : पेपर आउट करने वालों की संपत्ति जब्त होगी, 10 साल तक की सजा के प्रावधान वाला बिल लाएगी गहलोत सरकार

रगड़ाई के बहाने तंज...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर रगड़ाई के बहाने अपने विरोधियों पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि मेरी राजनीति में 50 साल हो गए. इन पचास सालों में मैंने खूब रगड़ाई कराई है. एनएसयूआई से लेकर यहां तक पहुंचा हूं. गहलोत ने उपनेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि रगड़ाई और ग्रूमिंग का एक ही मतलब होता है. बिना रगड़ाई आप कामयाब नहीं हो सकते. रगड़ाई होने के बाद ही (Foundation Ceremony of Rajasthan Constitution Club) अच्छे नेता बन सकते हैं. हम सभी को नई पीढ़ी को रगड़ाई के लिए प्रेरित करना चाहिए.

पढ़ें : Rajasthan Assembly News: मंत्रियों की सीट में दिखा बदलाव...CBI जांच की मांग कर रहे भाजपाइयों के बीच पहुंचे गहलोत, वसुंधरा से की चर्चा

समारोह में आने पर संदेह...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सदन में जिस तरह से विपक्ष मुखर हो रही थी तो मुझे चिंता थी कि कटारिया साहब कार्यक्रम में आएंगे या नहीं. मैंने सीपी जोशी से भी पूछा कि उपनेता प्रतिपक्ष कटारिया आएंगे या नहीं, लेकिन मुझे अच्छा लगा कि आप आए. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी आए. गहलोत ने कहा कि सतीश पूनिया नहीं आए, हमारे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दोनों की जुगलबंदी है, लेकिन सतीश पूनिया नहीं आए. गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का आभार जताता हूं कि कि उन्होंने अपने विधायकों को भी आने के लिए कहा और वह भी यहां पर आए.

पीएम मोदी पर पलटवार...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके रिटायर होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ संकेत दे दिया कि वे ताउम्र राजनीति से सन्यास लेने वाले नहीं हैं. गहलोत ने कहा कि बुढ़ापे में राजनीति सेहत के लिए जरूरी है, इसलिए अंतिम सांस तक हमें जनता की सेवा करने की जरूरत है. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ये भी कह दिया कि युवा नेताओं की रगड़ाई होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह देना चाहूंगा कि 75 साल के बाद नेता को घर बैठाने का उनका फैसला अच्छा नहीं है. कभी कांग्रेस में कामराज का फैसला हुआ था कि 60 साल के नेता को राजनीति से निकाल दो. मैंने पता किया है कि पहले के दौर में 34 साल व्यक्ति कि एवरेज उम्र होती थी. 1960 में जब कामराज ने फैसला किया तब एवरेज उम्र 40 थी, अब औसत उम्र 70 साल है.

जयपुर. कॉन्स्टिट्यूशन क्लब ऑफ राजस्थान के शिलान्यास समारोह में सीएम गहलोत ने विपक्ष पर (Gehlot Pinch on BJP) जमकर चुटकी ली. सबसे पहले तो मुख्यमंत्री ने विपक्ष की ओर बुधवार को रीट परीक्षा मामले को लेकर विधानसभा में सीबीआई जांच की गई मांग पर चुटकी ली. गहलोत ने कहा कि आज यहां पर सभी पक्ष-विपक्ष के नेताओं को इतने प्यार से बैठा देखकर अच्छा लग रहा है. कोई यह नहीं कह सकता कि सदन में सीबीआई जांच की मांग को लेकर हंगामा करने वाले इस कार्यक्रम में इतने प्यार से बैठे हैं और शायद इसीलिए लोग आपस में चर्चा करते हैं कि हम एक दूसरे से मिले हुए हैं.

इसके बाद सीएम गहलोत ने उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ पर भी चुटकी ली और कहा कि राजेंद्र राठौड़ को गाने का बहुत शौक है, लेकिन मुझे इस बात का मलाल है कि उन्होंने मुझे पड़ोस में होते हुए भी नहीं बुलाया. मैंने राठौड़ को गाना गाते हुए सुना तो उनकी आवाज को पहचान लिया. वे अपने जन्मदिन की पार्टी पर गाना गा रहे थे. सीएम गहलोत ने कहा कि दुश्मनी जमकर करो, लेकिन इतनी गुंजाइश (Ashok Gehlot Comment on Rajendra Rathore) होनी चाहिए कि जब आपस में मिलें तो शर्मिंदा नहीं हों. इस तरह की भावना होनी चाहिए.

क्या कहा गहलोत ने...

सीएम गहलोत ने कार्यक्रम के बहाने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा. उन्होंने कहा कि क्यों कहते हैं कि 75 साल में क्या किया, लेकिन अगर पीछे मुड़कर देखेंगे तो उन्हें यह समझ में आ जाएगा कि 75 साल में क्या कुछ देश में हुआ है. इसके बाद फिर गहलोत ने राठौड़ पर चुटकी लेते हुए कहा कि आप तो भैरों सिंह के शागिर्द रहे हो, आप बताओ हम कहां जाएं. हमें तो अंतिम सांस तक सेवा करनी है. सीएम गहलोत ने पूर्वर्ती वसुंधरा सरकार पर नशाना साधते हुए कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया यहां बैठे हैं, लेकिन वह बुरा नहीं मानेंगे. यह सही है कि इनकी सरकार आवासन मंडल बंद करने जा रही थी, लेकिन हमने उसे जिंदा किया. कल तक जो आवासन मंडल सिर्फ मकान बनाने को लेकर पहचाना जाता था, वह अब अलग-अलग तरह के प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहा है.

पढ़ें : पेपर आउट करने वालों की संपत्ति जब्त होगी, 10 साल तक की सजा के प्रावधान वाला बिल लाएगी गहलोत सरकार

रगड़ाई के बहाने तंज...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने एक बार फिर रगड़ाई के बहाने अपने विरोधियों पर निशाना साधा. गहलोत ने कहा कि मेरी राजनीति में 50 साल हो गए. इन पचास सालों में मैंने खूब रगड़ाई कराई है. एनएसयूआई से लेकर यहां तक पहुंचा हूं. गहलोत ने उपनेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि रगड़ाई और ग्रूमिंग का एक ही मतलब होता है. बिना रगड़ाई आप कामयाब नहीं हो सकते. रगड़ाई होने के बाद ही (Foundation Ceremony of Rajasthan Constitution Club) अच्छे नेता बन सकते हैं. हम सभी को नई पीढ़ी को रगड़ाई के लिए प्रेरित करना चाहिए.

पढ़ें : Rajasthan Assembly News: मंत्रियों की सीट में दिखा बदलाव...CBI जांच की मांग कर रहे भाजपाइयों के बीच पहुंचे गहलोत, वसुंधरा से की चर्चा

समारोह में आने पर संदेह...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि सदन में जिस तरह से विपक्ष मुखर हो रही थी तो मुझे चिंता थी कि कटारिया साहब कार्यक्रम में आएंगे या नहीं. मैंने सीपी जोशी से भी पूछा कि उपनेता प्रतिपक्ष कटारिया आएंगे या नहीं, लेकिन मुझे अच्छा लगा कि आप आए. उपनेता प्रतिपक्ष राजेंद्र राठौड़ भी आए. गहलोत ने कहा कि सतीश पूनिया नहीं आए, हमारे कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष गोविंद सिंह डोटासरा और बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष सतीश पूनिया दोनों की जुगलबंदी है, लेकिन सतीश पूनिया नहीं आए. गहलोत ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष गुलाबचंद कटारिया का आभार जताता हूं कि कि उन्होंने अपने विधायकों को भी आने के लिए कहा और वह भी यहां पर आए.

पीएम मोदी पर पलटवार...
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने उनके रिटायर होने की अटकलों पर विराम लगाते हुए साफ संकेत दे दिया कि वे ताउम्र राजनीति से सन्यास लेने वाले नहीं हैं. गहलोत ने कहा कि बुढ़ापे में राजनीति सेहत के लिए जरूरी है, इसलिए अंतिम सांस तक हमें जनता की सेवा करने की जरूरत है. उन्होंने किसी का नाम लिए बिना ये भी कह दिया कि युवा नेताओं की रगड़ाई होनी चाहिए.

उन्होंने कहा कि मैं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को सलाह देना चाहूंगा कि 75 साल के बाद नेता को घर बैठाने का उनका फैसला अच्छा नहीं है. कभी कांग्रेस में कामराज का फैसला हुआ था कि 60 साल के नेता को राजनीति से निकाल दो. मैंने पता किया है कि पहले के दौर में 34 साल व्यक्ति कि एवरेज उम्र होती थी. 1960 में जब कामराज ने फैसला किया तब एवरेज उम्र 40 थी, अब औसत उम्र 70 साल है.

Last Updated : Feb 9, 2022, 10:39 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.